22-07-2017, 11:23 PM
सोनिया : "सोच क्या रही हो मॉम ....जल्दी बोलो...ऐसे मौके बार-2 नही मिलेगे...आपने ही तो मॉर्निंग में कहा था...अब मौका आया तो आप सोच रही है....टेक युवर डिसीज़न मॉम ...जल्दी...''
वैसे मना करने का तो सवाल ही नही उठता था
क्योंकि मॉम की चूत इस वक़्त बुरी तरह से पनिया रही थी....
और कहते है खड़ा हुआ लंड और बहती हुई चूत इंसान के सोचने की क्षमता को ख़त्म कर देते है...
उसके बाद जो भी सोचा समझा जाता है, लंड और चूत के अपने दिमाग़ से ही...
पर फिर भी , अपनी बेटी को दिखाने के लिए, मॉम ने आख़िरी बार भला बनने की कोशिश की
वो बोली : "पर.....बेटा...ये ...ये सब करना...ग़लत होगा ना...''
सोनिया : "नही मॉम ....कुछ ग़लत नही है....अपने बेटे के उपर आपका पूरा हक है...ही इस यूअर सन....आपने अपनी इसी चूत में से उसे निकाला है...अब उसका फ़र्ज़ बनता है की वो आपकी इस प्यास को बुझाए....इसलिए...कुछ ग़लत नही है....आप बस उल्टे होकर सोने की एक्टिंग करो....बाकी मैं संभाल लूँगी...''
इतना कहकर वो बाहर निकल गयी....
मॉम को कुछ और बोलने का मौका ही नही मिला...
बाहर आकर सोनिया ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर ले आई...
अंदर घुसते ही कमरे की ठंडी हवा ने मेरा स्वागत किया...
पर सामने बेड पर जो नज़ारा था उसने एसी में भी मेरे माथे पर पसीने निकलवा दिए...
बेड पर मॉम उल्टी होकर लेटी थी...
टॉपलेस...
और वो गहरी नींद में थी.
सोनिया ने मॉम को सुनाते हुए जोर से मुझसे कहा : "अर्रे...हैरान होकर क्या देख रहा है....मैं तो बस मॉम की मालिश कर रही थी....2-3 दिन से बोल रही थी की मुझे मसाज दे दे...आज मौका मिला तो मैं वही कर रही थी...''
मैने सोनिया की तरफ देखा , उसके चेहरे पर शरारत के भाव थे...
अब मुझे अपने डाइलॉग बोलने थे...
जो सचुएशन के हिसाब से मुझे बोलने चाहिए थे...
मैं : "ओह्ह ....ओक...ठीक है ..तुम करो...मैं अपने रूम में जाता हूँ ....''
सोनिया : "अर्रे...यहीं रुक ना....तुम्हारे रहने से भला क्या प्राब्लम होगी...वैसे भी मॉम इतनी थकी हुई थी की अब वो गहरी नींद में सो रही है...''
मैं भी मुस्कुरा दिया....
ये सोचकर की मॉम अब उसी सिचुएशन में है, जिससे मैं 2 बार गुजर चुका हूँ ....
ऐसे मे अपने शरीर के साथ जब कोई दूसरा छेड़खानी करता है तो कितनी प्राब्लम होती है अब ये मॉम को पता चलेगा..
मैं सोनिया की बात मानकर वही बैठ गया...
सोनिया : "अरे भाई..सिर्फ़ बैठना नही है...यहाँ आओ और मेरी हेल्प करो...मॉम की मसाज करो तुम भी..मैं तो काफ़ी देर से कर रही थी..अब मैं थक गयी हूँ ...''
सोनिया ने बड़ी चालाकी से मुझे उस सीन मे उतार लिया जिसमे कुछ देर पहले तक मॉम और सोनिया ही थे बस...
और ये सीन कितना ख़तरनाक होने वाला था
इसका अंदाज़ा तो शायद हम तीनो में से किसी को नही था...
क्योंकि आज उस कमरे में मर्यादा की एक और दीवार गिरने को तैयार थी...
और वो कैसे गिरेगी, ये सब मेरे उपर निर्भर था..