09-07-2017, 04:29 PM
एक माँ के लिए कितना अजीब होता है ना, अपने ही अंदर से निकाली हुई बेटी के शरीर के उन अंगो से खेलना जो उन्ही के सामने निखर कर बड़ी हुई है...
मोंम को तो ऐसा लग रहा था जैसे वो सोनिया के नही बल्कि अपने खुद के बूब्स को चूस रही है...
वो भी ठीक ऐसी ही थी अपने स्कूल टाइम में ...
हालाँकि उस वक़्त वो अपने बूब्स को खुद टेस्ट नही कर पाई थी पर आज सोनिया की नर्म चुचिया मुँह में लेकर अपना ही स्वाद आ रहा था उन्हे..
उन्होने सोनिया के निप्पल्स को चूस-चूस्कर लाल सुर्ख कर दिया...
सोनिया के हाथ अभी भी उनकी चूत को मसल रहे थे....
वो उन्हे निकालना ही नही चाहती थी...
जैसे अपने लिए अंदर से कोई चॉकलेट ढूँढ रही हो..
मोंम कसमसाते हुए बोली : "आआआआआआआअहह बैबी......... काश......इस वक़्त कोई होता यहाँ पर..... ''
मोंम की बात सुनकर सोनिया मुस्कुरा दी..
वो बोली : "मोंम ...आप सीधा क्यो नही बोलती की काश सोनू होता यहां ...''
मोंम के चेहरे के एक्सप्रेशन और ख़तरनाक हो गये..
वो बोली : "उम्म्म्म........ काश.....ऐसा हो पाता...... तो क्या ग़लत है और क्या सही...उसकी परवाह किए बिना...अभी के अभी.....यही...बाथरूम में ..... उसके लंड को अपनी चूत में घुस्वा लेती मैं....''
उफफफ्फ़.....
कितने सैक्सी तरीके से उन्होने ये बात कही थी....
काश सोनिया के पास कोई रिकॉर्डर होता तो वो बात रिकॉर्ड कर लेती और बाद में सोनू को सुनाती की देख ले भाई, तेरी माँ को मैने कैसे तेरे लंड के लिए तैयार कर दिया है...
सोनिया ने जितना सोचा था, उससे कही ज़्यादा रंडीपन भरा हुआ था उसकी माँ में.
सोनिया : "उसकी तो आप फ़िक्र ही ना करो मोंम .... आप देखना...जल्द ही सोनू का लंड यहां पर होगा...''
उसने मोंम की चूत में अपनी 3 उंगलियाँ एक साथ घुसा कर उनकी क्लिट को रगड़ डाला..
वो तड़पकर सोनिया से लिपट गयी.....
और उसके कान को मुँह मे लेकर चुभलाने लगी और बोली : "वो तो जब होगा...तब होगा.....अभी क्या करू..... प्लीज़ कुछ कर दे.....सोनिया...कुछ कर दे....''
बेचारी सीधा ये भी नही बोल पा रही थी की मेरी चूत चूस ले बेटी...
पर सोनिया के पास उससे भी बढ़िया एक उपाय था...
उसने अपना बेग उठाया और अंदर वाली जीप खोलकर उसने कुछ निकाला...
मोंम देख तो नही पाई पर कुछ लंबा-2 सा दिखा ज़रूर और उसे देखकर कुछ समझ भी नही पाई..
सोनिया ने वो लंबा-2 सा ले जाकर अपनी मोंम की चूत पर लगा दिया...
वो उसका डिल्डो था..
वही डिल्डो जो उसके हॉस्टिल में उसका सच्चा साथी था....
जिसे अपनी चूत से मसलकर उसने कई राते रंगीन की थी.
वही डिल्डो जिसे अपनी सहेली तनवी के साथ उसने कई बार शेयर किया था...
और सोनू ने भी उसे 1-2 बार उसे अपनी चूत में लेते हुए देखा था.
और आज वो उसी डिल्डो को मार्केट भी ले आई थी...
शायद वो जानती थी की मोंम के साथ आज ऐसी स्थिति बन सकती है.
छूट पर लंड जैसी कठोरता का एहसास मिलते ही मोंम तड़प उठी...
और इससे पहले की वो कुछ समझ पाती, सोनिया ने उसका स्विच ओंन कर दिया और वो वाइब्रेट होने लगा....
उन्होने तो सपने में भी नही सोचा था की सोनिया अपनी पॉकेट में डिल्डो लेकर घूमती है...
पर अच्छा हुआ जो ये उसके पास था...
वरना इस तड़पन में वो लड़की भला क्या कर लेती..
ज़्यादा से ज़्यादा फिंगरिंग करके या सकिंग करके शांत कर देती...
पर ये डिल्डो जब अंदर जाएगा और वो भी तिरकते हुए तो चूत रानी की तो बल्ले-2 हो जानी है...
आवेश में भरकर मोंम ने सोनिया को एक गहरी स्मूच दे डाली और बोली : "वाउsssssss ...... अब मज़ा आएगा..... इसका इनाम मैं तुझे घर जाकर दूँगी....पर अभी के लिए....ये घुसा दे.....मेरे अंदर....पूरा अंदर...''
सोनिया : "यससस्स मोंम ..... तभी तो ये लाई थी मैं अपने साथ.... पर आप इसे प्लास्टिक का ना समझ कर सोनू का असली लंड समझो..तभी आपको भी ज़्यादा मज़ा आएगा....''
मोंम ने तड़पकर कहा : "ये बार-2 सोनू का नाम लेकर तू मुझे ज़्यादा मत तरसा...वरना यही मॉल में किसी को पकड़ कर उसका ले लूँगी अंदर...सोनू का समझकर...समझी...''
मोंम का पागलपन देखकर सोनिया को पक्का विश्वास हो गया की अब वो जाल में पूरी तरह से फँस चुकी है....
इसलिए उसने भी उन्हे ज़्यादा तरसाना सही नही समझा...