27-06-2017, 02:10 PM 
		
	
	
	
	जबकि चाँदनी...
पूरी नंगी होकर...........
झड़कर..............................
अपने मज़े लेकर......................
एक तरफ लुढक चुकी थी.
और बड़ी ही प्यार भरी नजरों से उसे देख रही थी
पर इसका मतलब ये नही था की उसे सोनू की चिंता नही थी.
अभी भी उसके पास काफ़ी टाइम था....
अपनी साँसों को काबू में करने के बाद वो साँप की तरह सरक कर उसके करीब आई और उससे लिपट कर उसके चेहरे पर लगे अपनी ही चूत के रस को अपनी जीभ से सॉफ करके निगलने लगी...
और सोनू के चेहरे को अच्छी तरह चमकाने के बाद चाँदनी ने तिरछी नज़र से उसके लंड की तरफ देखा...
सोनू उसी के अंदाज में बोला : "पसंद है क्या वो तुम्हे....ह्म्म्म्मम बोलो''
जवाब में चाँदनी मुस्कुरा दी....
एक बार फिर से वो खेल शुरू होने वाला था.
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