13-06-2017, 12:49 PM (This post was last modified: 13-06-2017, 12:54 PM by honey boy.)
【22◆●◆】
रोज रात को एक दूसरे के साथ मास्टरबेट करने वाले दोनो भाई बहन एक दूसरे से लिपटे हुए थे....
वो एक कदम और आगे बढ़ चुके थे.
सोनू सोच ही रहा था की कैसे अपना हाथ निकालकर वहां से उठे और अपने बेड पर जाए की तभी उसे एहसास हुआ की सोनिया का हाथ उसकी जाँघो से होता हुआ उसके लंड के ठीक उपर आकर रुक गया...
सोनू ने एकदम से अपनी गले लगी बहन को थोड़ा पीछे किया और उसके चेहरे को फटी आँखो से देखने लगा...
पर उसके मुँह से कुछ निकला ही नही...
सोनिया उसके खड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर धीरे से बोली : "अब मेरी बारी....''
************
अब आगे
************
सोनिया ने जैसे ही उसके लंड पर कब्जा किया, सोनू जैसे नींद से जागा...
उसने सोनिया के हाथ पर हाथ रखकर उसे वहीं रोक दिया.
दोनो की नज़रे मिली
सोनू बोला : "नही दी.... ये मत करो...''
सोनिया ने उसकी भाषा का प्रयोग करते हुए कटाक्ष किया : "क्यो ?? ये ग़लत है, इसलिए !!''
सोनू : "उम्म..... हाँ .....''
सोनिया का चेहरा तमतमा गया....
सोनू को पता था की जब भी उसकी बहन इस रूप में आती थी तो उसे रोकना मुश्किल हो जाता था.
वो बोली : "अभी कुछ देर पहले जो तूने किया.... यहाँ ...मेरी पुस्सी में हाथ डाला...वो ग़लत नही था.... अब मेरी बारी आई तो फिर से अपने घिसे पिटे सीधांतो पर आ गया...''
सोनू जानता था की उसके तर्को का जवाब वो नही दे पाएगा.
पर फिर भी उसने कोशिश की..
और बोलना शुरू किया : "दी, आज शाम को जो मेरे और तनवी के बीच चल रहा था,वो यहाँ भी हो, ये मैं नही चाहता......एक बात तो मैं समझ ही चुका हूँ की इस खेल में उतरने के बाद मेरा खुद पर कंट्रोल नही रहता... मेरा क्या शायद किसी का भी नही रहता... तनवी को भी अपने पर कंट्रोल नही था.... और शायद आप भी नही रख पाएँगी.... ये से....सैक्स का खेल है ही ऐसा मजेदार...और इसलिए मैं डर रहा हूँ की अपनी बहन के साथ शुरू हुए इस नये रिश्ते में बहकर मैं ऐसा कुछ ग़लत काम ना कर दूँ जो मुझे नही करना चाहिए...''
उसकी बहन अपने भाई की इन बड़ी -2 बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी...
सोनू : "बस उसी अंजाम को रोकने के लिए मैं अभी के लिए और आगे नही बड़ना चाहता, ये ग़लत है, ये तो आप भी जानती हो और मैं भी...पर उन बातों से हम आगे निकल चुके है...पर इतना भी आगे नही निकलना चाहिए की दुनिया की नज़रों में हम वो काम कर दे, जिसे ग़लत कहा जाता है...''
सोनिया उसे बड़े ध्यान से सुनती रही...
सोनू को लगा की वो उसकी बात समझ गयी है...
पर उसके हाथ की पकड़ अभी भी उसके लंड पर ज्यो की त्यो थी...
और जब तक वो ढीली नही पड़ेगी , सोनिया ढीली नही पड़ेगी.
सोनिया : "तुम्हारे कहने का मतलब ये है की अगर ये सब ऐसे ही चलता रहा तो हम दोनो वो सब कर बैठेंगे जो हमे नही करना चाहिए... यानी सैक्स''
सोनू ने हाँ में सिर हिलाया
सोनिया के चेहरे पर एक कुटिल मुस्कान आ गयी और वो थोड़ा आगे आती हुई बोली : "पर बाकी सब तो कर ही सकते है ना... वो करने से क्या प्राब्लम है...''
सोनू : "बट दी.... यही तो मैने अभी कहा आपसे... वो सब करते-2 कण्ट्रोल ही नहीं रह पाता , पता ही नही चलता की क्या होने वाला है...''
सोनिया : "उसकी फ़िक्र तुम ना करो.... जब नौबत वहां तक आएगी तो मैं खुद ही मना कर दूँगी... मैं भी अपनी वर्जीनिटी अभी नही खोना चाहती.... अभी मेरी उम्र ही क्या है...''
सोनिया : "पर-वर कुछ नही... मैने कहा ना, मैं खुद रोक दूँगी... और तुम भी तो हो, थोड़ा कंट्रोल तो तुम्हे भी होगा खुद पर... एन्ड आई प्रॉमिस, जब मैं खुद बहक गयी तो तुम्हारे कहने पर मैं वहीं रुक जाउंगी ... फिर तुम अपने सारे आदर्श..सारे उसूल मुझे सुना देना...वो ग़लत काम मैं नही करूँगी...''
सोनू ने अपने हाथ की पकड़ अपनी बहन के हाथ पर ढीली कर दी...
यानी वो उसकी बात से सहमत हो गया था.
वैसे भी, इस वक़्त वो अच्छी तरह से जानता था की सोनिया से ज़्यादा वो खुद ये सब करने के लिए उतावला है...
कौन सा मर्द नही चाहेगा की उसे किसी लड़की की चूत में उंगली डालने का अवसर मिले...उसे चूमने का...उसकी पुस्सी को चूसने का, अपना लंड उसे चुसवाने का...उसके मोम्मे दबाने और चबाने का.... फिर चाहे वो उसकी खुद की बहन ही क्यो ना हो.
सोनू भी ये सब करने को तैयार था, पर अंदर ही अंदर वो अब इस बात से खुश भी था की उसने अपने रिश्तों को एक सीमा में बाँध दिया है, उस सीमा को पार करना अब दोनो के लिए मना था, वो सीमा यानी चुदाई के अलावा वो दोनो कुछ भी करने के लिए आज़ाद थे.
साक्षी और तनवी के बाद, अपनी प्यारी बहन के साथ ऐसा कुछ करने की सोचकर ही उसके लंड ने झटके मारने शुरू कर दिए...
सोनू ने सिर हिला कर सोनिया के साथ हुए अपने इस अग्रीमेंट पर मोहर लगा दी.
सोनिया का चेहरा दमक उठा...
और उसने सबसे पहला काम वो किया, जिसके लिए वो बरसों से तड़प रही थी.
वो लपककर अपने भाई की गोद में आ चढ़ी और उसके गले में बाहें डालकर उसे बेतहाशा चूमने लगी....
पहले उसके गालों पर...
फिर माथे और आँखों पर...
और फिर एक गहरी साँस लेकर उसने अपने शरबती होंठ सोनू के होंठों पर रख दिए.
''उम्म्म्मममममममममममम.....पुचsssssssss.......''
वो चुंबन इतना गहरा और नशे से भरा था की सोनू भी अपने होश खो बैठा.
सोनू तो पहले भी साक्षी और तनवी के होंठों को चूस चुका था...
उनके कुंवारे होंठों का शहद चख चुका था...
पर सोनिया का ये पहला मौका था...
वो अपनी पूरी ताक़त से अपने भाई के होंठों को चूस रही थी....
उसे अपना रस पीला रही थी और उसका निकाल रही थी....
ऐसा करते हुए वो बड़ी बेरहमी से अपनी नोक वाली छातियाँ सोनू के सीने पर रग़ड़ रही थी....
उनमे हो रही खुजली को वो उसके चौड़े सीने से घिस कर मिटा रही थी.
और फिर सोनिया ने खुद ही सोनू के हाथ को पकड़ा और धीरे-2 उपर करते हुए उसे अपनी छाती पर रख कर ज़ोर से दबा दिया....
सोनू को ऐसा लगा जैसे उसका हाथ किसी ऊन के गोले पर रख दिया है...
जिसपर एक बादाम का दाना लगा है...
वो उसकी टी शर्ट के उपर से ही उसके निप्पल को दबाने लगा.
सोनिया ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और अपनी अल्हड छातियाँ अपने भाई के सपुर्द कर दी, सोनू उन्हें बड़े प्यार से दबाने लगा
जैसे-2 वो उसके बूब्स को दबा रहा था, सोनिया की आँखे उपर की तरफ होती चली गयी....
जैसे कोई मिर्गी का दौरा पड़ रहा हो...
पर वो कोई दौरा नही पड़ रहा था, अत्यधिक उत्तेजना की वजह से उसके अंदर एक जोरदार ऑर्गॅज़म का निर्माण हो चुका था....
और जैसे-2 सोनू उसके बूब्स को दबा रहा था, वो हवा सीधा उसके ऑर्गॅज़म में जाकर उसे और ज़्यादा फूला रही थी...
सोनिया के कच्चे टिकोरे जैसे ही उसकी नजरों के सामने आये वो उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा
और जैसे ही सोनू ने उसके निप्पल को मुँह मे लेकर चूसा , वो भरभराकर झड़ने लगी....
(13-06-2017, 12:51 PM)honey boy :
और फिर सोनिया ने खुद ही सोनू के हाथ को पकड़ा और धीरे-2 उपर करते हुए उसे अपनी छाती पर रख कर ज़ोर से दबा दिया....
सोनू को ऐसा लगा जैसे उसका हाथ किसी ऊन के गोले पर रख दिया है...
जिसपर एक बादाम का दाना लगा है...
वो उसकी टी शर्ट के उपर से ही उसके निप्पल को दबाने लगा.
सोनिया ने अपनी टी शर्ट उतार फेंकी और अपनी अल्हड छातियाँ अपने भाई के सपुर्द कर दी, सोनू उन्हें बड़े प्यार से दबाने लगा
जैसे-2 वो उसके बूब्स को दबा रहा था, सोनिया की आँखे उपर की तरफ होती चली गयी....
जैसे कोई मिर्गी का दौरा पड़ रहा हो...
पर वो कोई दौरा नही पड़ रहा था, अत्यधिक उत्तेजना की वजह से उसके अंदर एक जोरदार ऑर्गॅज़म का निर्माण हो चुका था....
और जैसे-2 सोनू उसके बूब्स को दबा रहा था, वो हवा सीधा उसके ऑर्गॅज़म में जाकर उसे और ज़्यादा फूला रही थी...
सोनिया के कच्चे टिकोरे जैसे ही उसकी नजरों के सामने आये वो उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा
और जैसे ही सोनू ने उसके निप्पल को मुँह मे लेकर चूसा , वो भरभराकर झड़ने लगी....