06-06-2017, 01:22 PM 
		
	
	
	
	वो उसके करीब आया और उसके दोनो हाथों को अपने हाथ में लेकर बोला : "मुझसे नाराज़ हो क्या.... जब से सोनिया गयी है तुमने मिलना ही छोड़ दिया... हमारे घर भी नही आई...''
तन्वी की तो साँस ही रुक सी गयी... उसे शायद सोनू से ऐसी उम्मीद नही थी... पर वो भी मंत्रमुगध सी होकर उसे देखने लगी..
और बोली : "तुम भी तो अपने मे मस्त रहते थे... आज से पहले तुमने ऐसा कुछ किया हि नहीं की मैं तुमसे मिलने आती...''
सोनू और करीब आया और बोला : "आज कर दूँ तो...!! ''
उसके होंठ लरज गये....
ये बोलते हुए : "क.क्क्क....क्या ?''
जवाब में सोनू ने उसे अपनी तरफ खींचा और अपने गले से लगा लिया....
एक पल के लिए वो ठिठकी और अगले ही पल उसने भी अपने हाथो से सोनू को जकड़ लिया.
सोनू को उसके चुभते हुए निप्पल्स अपने पेट के थोड़ा उपर महसूस हुए....
वो तन्वी की गर्दन को बेतहाशा चूमने लगा...
सोनू के गीले होंठो को महसूस करके वो तो पागल सी हो गयी....
शायद ये पहला मौका था जब कोई उसके साथ ऐसा कुछ कर रहा था...
उसके मुँह से तेज हुंकारे निकलने लगे...
ज़ोर-2 से साँसे मुँह के रास्ते बाहर आने लगी...
सोनू ने उसके चेहरे को पकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए..
उम्म्म्मममममममममममम.......
क्या मीठा एहसास था वो...
सोनू ने आज से पहले सिर्फ़ साक्षी को चूमा था...
पर उसके और तन्वी के होंठों की मिठास में काफ़ी अंतर था...
ये होंठ एकदम नर्म और गर्म थे...
और साथ ही बेतहाशा मीठे.
सोनू ने उन्हे जोरों से सक्क करना शुरू कर दिया..
वो भी अपनी पूरी ताक़त से सोनू को चूसने लगी...
लड़को वाली आदत के अनुसार सोनू के हाथ उसकी छाती पर पहुँच गये...
और उसने उसके नन्हे चूचुकों को पकड़ कर ज़ोर से मसल दिया
''आआआआआआआययई..... उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ धीरे करो सोनू...... अहह दर्द होता है....''
आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर कान लगाकर खड़ी सोनिया भी चोंक गयी....
इस वक़्त कोई नीचे होता तो आवाज़ उसे भी सुनाई दे जाती..
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