28-05-2017, 03:00 PM 
		
	
	
	
	पर अगले ही पल वो खुद ही बोल पड़ा, नही यार, इतना भी कमीना नही हूँ मैं ... ये सब अलग बातें है, पर अपनी बहन के साथ मैं ऐसा हरगीज़ नही कर सकता...
और इस बात ने उसके दिल को एकदम बदल सा दिया... वो भावुक सा हो गया और वो करवट बदलकर दूसरी तरफ होने लगा...
पर जैसे ही वो थोड़ा सा हिला, सोनिया एकदम से चौकन्नी हो गयी ... उसने चादर से अपने शरीर को ढक लिया और कुछ देर तक सोनू की बॉडी में जब कोई और हरकत नही हुई तो वो धीरे से बोली : "सोनू..... ओ सोनू..... सो गया क्या....''
सोनू बेचारे की समझ में नही आ रहा था की क्या करे... वो कुछ नही बोला... बस आँखे बंद करके सोने का नाटक करता रहा...
अचानक सोनिया अपने बेड से उठ खड़ी हुई...और सोनू की तरफ आने लगी..उसने चादर लपेट ली थी अब.
उसने बड़ी मुश्किल से अपने जज्बातों पर काबू किया और आँखे बंद करके नॉर्मल तरीके से सोने का नाटक करने लगा..
वो उसके करीब तक आई, नीचे झुककर उसके चेहरे को देखा, और अपना हाथ उसके गाल पर रखकर उसे थपथपाया और होले से फुसफुसाई : "मेरा डार्लिंग भाई.... गुड नाइट....''
और इतना कहकर वो उठकर चली गयी...
सोनू ने तुरंत अपनी आँखे खोली, और उसने जो देखा,उसे देखकर एक इंसान का अपने उपर काबू रखे रखना बड़ी मुश्किल का काम होता है...
उसने देखा की उसके चेहरे से सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर जाकर सोनिया ने वो चादर , जो उसने अपने बदन पर लपेट रखी थी, उसे नीचे गिरा दिया.... और उसके संगमरमर जैसी गोरी-2 गांड ठीक उसके चेहरे के सामने उजागर हो गयी...
और उपर से , सोने पर सुहागा ये था की, खिड़की की रोशनी ठीक उनपर पड़ रही थी, उस चाँद की चाँदनी में नहाकार ,ये चाँद भी दमक उठा था...
उसकी दोनो टाँगो के बीच हल्का सा गेप था, जिसके दूसरी तरफ उसे सोनिया की चूत के कसे हुए होंठ तक नज़र आ रहे थे... कमाल का एंगल था उस वक़्त...
पर एक पल के लिए मिले इस नज़ारे को देखकर सोनू का लंड बुरी तरह से अकड़ गया... उसने लाख कोशिश करके उसे नीचे बिठाया पर वो किसी तंबू की तरह चादर में खड़ा रहा... ऐसे में अगर सोनिया लाइट जलाकर उसके लंड वाले हिस्से को देख लेती तो उसका झूट-मूठ सोने का नाटक अभी ख़त्म हो जाता...
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