कानपुर के स्थानीय बाजारों से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां 2000 को नोट गायब हो रहे हैं। इस स्थिती ने कानपुर के रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के आंकड़ों ने थोड़ी हलचल मचा दी है। कानपुर में नवंबर 2016 में 2000 रुपए के नोट जारी हुए थे। तब से लेकर आरबीआई अभी तक कानपुर की सभी करेंसी चेस्ट को करीब 6,000 करोड़ रुपए मूल्य के 2 हजार रुपए के नोट जारी कर चुका है। मार्च तक बैंकों में 2000 रुपए के नोट जमा होने की गति ठीक रही लेकिन अप्रैल में बाजार से 2 हजार रुपए के नोट गायब होने लगे। इसके बाद बैंक में दस, बीस, 50 और 100 रुपए के नोट अधिक जमा हो रहे हैं।
हालांकि वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ये आंकड़े सिर्फ एक क्षेत्र के हैं। देश के बाकी क्षेत्रों में भी ट्रेंड देखने पर स्थिति स्पष्ट हो सकती है। अप्रैल में 35 फीसद कम आए 2 हजार के नोट डंप होने की सूचना पर सरकार, आरबीआई और एफआइयू फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट के कान खड़े हो गए हैं। आरबीआइ करेंसी चेस्टों के जरिये नोटों का आंकड़ा मंगा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अप्रैल महीने में मंगाए गए आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
कानपुर क्षेत्र की ही बात करें तो बाजार में करीब 35 फीसद दो हजार रुपए के नोट डंप हैं। अब बैंकों से जमा होने वाले नोटों का विवरण साप्ताहिक आधार पर मंगाया जा रहा है।नोट-सिक्के सभी का हिसाबबैंक नकदी जमा होने की पर्ची में हर सिक्के और नोट का रिकॉर्ड रखते हैं और शाम को करेंसी चेस्ट के सर्वर पर यह आंकड़ा दर्ज की जाती है। नोटबंदी के दौरान इसका रिकॉर्ड रोज आर.बी.आई को भेजा जा रहा था। 30 दिसंबर के बाद रुटीन में आंकड़े जा रहे थे। अब फिर बैंक में जमा होने वाले 2000 रुपए, 500 रुपए, 100 रुपए और सिक्कों का हिसाब-किताब लिखा जा रहा है।