30-04-2017, 01:37 AM (This post was last modified: 13-05-2017, 03:35 AM by rajbr1981.)
मेरा पहला प्यार-मेरी पड़ोसन
Update1
यह खूबसूरत घटना जो में आज आप सब से शेर कर रहा हू यह मेरी और मेरी एक सुंदर पड़ोसन रंजिनी के बारे में है.मेरी आयु तब 19 की और वो 39 की थी जब हमने प्यार किया.रंजिनी के 2 बच्चे थे.उसकी बहूत ही चमकदार गोरी स्किन,नशेले आँके और बाल इतने लंबे के कमर तक आते थे.उसके छाती 36 के और गांद 38 के.जैसे के आम पड़ोसी होते हैं,हम भी वैसे ही थे.रंजिनी और उसके बच्चो का हमारे घर आना जाना होता रहा. मैं रंजिनी को मैं एक बार चॉड्ना चाहता था .अपने ख़यालो में कही बार चोद भी दिया .
मैं हमेशा से रंजिनी से सिर्फ़ एक बार प्यार करना चाहता थ. मूज़े ना ही कभी मोखा मिला ना ही मैं आपने तरफ़ से कोई कदम बड़ा पाया.सोचा की किसी को पता चला तो मेरा नाम करब होगा ही दोनो फॅमिलीस के रिश्ते भी करब होंगे.हमेशा से एक बड़े फॅमिली जैसे रहते और बात चिट करते थे.रंजिनी से बात किए बिना मेरा दिन नही कटता था.
जब मैने कॉलेज जाय्न किया तब लड़को ज्यादा लड़कियो से दोस्ती की.यह आर्ट्स स्टूडेंट्स में कामन था.हमेशा कॉलेज में पदाई और आपने दोस्तो में बिज़ी रहने से रंजिनी से कई दिन मिल नही पाया बात तो दूर की बात थी.एक दिन जब मैं आपने दोस्तो से मिलने जाने के लिए
त्य्यर हो रहा था तब घर की कॉल बेल बाजी.मेने जब डोर खोला तो रंजिनी बाहर कड़ी थी. मैं – (एक मुस्कुराहट के साथ) हाई रंजिनी – (बड़ी अजीब तरीके से) हाई मूज़े ऐसा लगा जैसे उसे मुजसे बात करने में दिलचस्पी नही है. मैं -आज आपका मूड ऑफ का क्यूँ है. रंजिनी - तूमे इस से क्या?कॉलेज जाने के बाद तुम मूज़े भूल ही गाहे हो. रंजिनी – आज कल तो ना ही ना बाइ. मैं – ऐसा नही है,सिर्फ़ दोस्तो और कॉलेज में बिज़ी रहता हू. मैं – में इस बारे में आपसे बाद में बात करता हू,अब ज़रा जल्दी में हू,कहीं बाहर जा रहा हू.
अगले दिन दोपयर को टाइम निकल के मैं रंजिनी के घर गया.रंजिनी ने एक बड़ी मुस्कान के साथ दरवाजा खोला.मूज़े देक कर वो बड़ी कुश लग रही थी.वह काले सलवाल में बिजली गिरा रही थी.हम किचन में खड़े रह करके बातें करने लगे.रंजिनी घर में अक्सर सलवार कमीज़ या गाउन में रहती थी.खाने की तय्यरी करके उसने दोनो के लिए लिम्बू शरबत बनाया .हमने लिविंग रूम में बैठ कर शरबत की चुस्की लेके बातें फिर से शुरू की. रंजिनी – अच्छा कल शाम को जल्दी जल्दी में कहा जा रहे थे? मैं – कल मैं आपने एक दोस्त के साथ …………पार्क गये थे.(यह पार्क हमारे शायर की एक माशूर कपल पार्क है,इस पार्क में बहूत बड़े बड़े झाड़िया हैं, वहा कपल्स चुप चुपके प्यार करते पाए जाते)यह सुनके रंजिनी की एक प्यारी स्माइल दी और बोली रंजिनी – (शरारती अंदाज में) तो तुम कल तुमरि गर्ल फ्रेंड के साथ थे? मेरे बोलने के पहले फिर से रंजिनी – मूज़े लगता है सर्दी की मौसोमे में बहूत मस्ती की तुम दोनो ने,क्यूँ?क्यूँ सही कह रही हू ना? मैं – बिल्कुल ग़लत.वैसे मेरी कोई गर्ल फ्रेंड ही नही बनी है मस्ती तो बाद की बात है. रंजिनी को यकीन नही हुवा के मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है. मैं – (मुस्कुराते हुवे) मैं सच कह रहा हू,क्यूँ ना तुम ही मेरी गर्ल फ्रेंड बनो. रंजिनी – ( एक मादक मुस्कान के साथ) मैं इस बारे में सोचूंगी . (मूज़े मेरे नसीब पर यकीन नही हुवा और उसके मेरी गर्ल फ्रेंड बनने की ख्वाब देकने लग गया)
मैं – एक बार तुम मेरी गर्ल फ्रेंड बनके देखो में तूमे कैसे खुश रखता हू. (एन सब बतो से मेरा शेर कड़क बनके खड़ा हो गया था लेकिन जीन्स पहने से उसे शायद देखा नही ) कुछ देर आम बात करने के बाद में आपने घर गया.उस रात रंजिनी के बारे में सोच कर दो बार मास्टरबेट किया.
(10-05-2017, 04:03 AM)honey boy : बहुत अछि कहानी है दोस्त।
और पहले तो ये बताओ कि तुम्हारे पोस्ट में 'Edit' का ऑप्शन आरहा है क्या ?
फिर ही Update को Link दे पाओगे।
(10-05-2017, 04:03 AM)honey boy : बहुत अछि कहानी है दोस्त।
और पहले तो ये बताओ कि तुम्हारे पोस्ट में 'Edit' का ऑप्शन आरहा है क्या ?
फिर ही Update को Link दे पाओगे।