14-05-2018, 01:03 AM
चुदाई बॉस के फार्म हाऊस पर- पार्ट-11
अब आगे
मुझे पूरा यकीन है की उनको रानी की चूत से रिस्ता हुआ रस चखा होगा, जो की मैं भी जानती हूँ और वो भी जानते हैं की बहुत टेस्टी है..
रानी के मुंह से चुदाई की, आनंद भारी आवाज़ और सिस्कारियां निकली..
मेरी आँखें तो जैसे मेरे बॉस शुभम की, रानी की फुददी पर नाचती हुई जीभ पर टिकी थीं..
अब उन्होंने रानी की गाण्ड पकड़ कर, पीछे दबा कर रानी की चूत को ओर भी चौड़ा कर दिया था..
मैंने रानी का एक पैर पकड़ कर, उसे और भी चौड़ा किया ताकि वो भी चूत चाटते, मेरे बॉस शुभम की जीभ अपनी चूत पर देख सके..
लेकिन जल्दी ही, मेरे बॉस शुभम ने अपना मुंह खोला और रानी की चूत को अपने मुंह मे ले लिया..
रानी के चूत के होंठ, मेरे बॉस शुभम के मुंह के होंठों के बीच थे और मेरे बॉस शुभम की जीभ रानी की चूत मे घूम रही थी..
मुझे पता चल रहा था की वो रानी की चूत मे, अब नीचे से ऊपर की ओर अपनी जीभ फिरा रहे थे..
रानी की चूत के दरवाजे से रानी की चूत के दाने तक, रानी की चूत चाटी जा रही थी और जल्दी ही, मैंने देखा की उन्होंने अपनी जीभ रानी की चूत के अंदर डाल दी थी..
रानी तो जैसे उछल ही पड़ी..
उसके मुंह से जोरदार सिसकारी निकली – आआआः इया याह याः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह इस श उहम म म म म म म म म म.. !!..
थोड़ी देर रानी की फुददी को अपनी जीभ से चोदने के बाद, उन्होंने अपनी बीच की उंगली रानी की चूत के अंदर घुसा दी ओर अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए रानी की चूत चोदने लगे..
मुझे पता लग रहा था की रानी की बहुत चुदी हुई चूत कितनी टाइट थी..
रानी की चूत से रस की नदी बह रही थी और मैंने देखा की रानी तो जैसे चुदाई के लिए पागल सी हो गई है..
वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी, अपने पैर हिलाने लगी और अपने मुंह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी..
मेरे बॉस शुभम उसकी चूत मे उंगली करते हुए, उसके चूत के दाने को चूस रहे थे..
ऐसा लगता था की रानी जल्दी ही झड़ने वाली है..
वो जल्दी जल्दी, मेरे बॉस शुभम के हाथ पर और मुंह पर अपनी चूत दबाने लगी..
उसकी चूत, मेरे बॉस शुभम की उंगली से चुदती जा रही थी..
अचानक ही, रानी झड़ गई और मेरे बॉस शुभम की उंगली को उसने अपने पैर भींच कर अपनी बहती हुई चूत मे ही जकड़ लिया..
मेरे बॉस शुभम अभी भी, उसकी चूत के दाने को अपने होठों मे पकड़ कर चूसे जा रहे थे..
रानी जोर से चिल्लाई – ओह.. !!.. आ अहह.. !!.. रूको.. !!.. बस करो.. !!.. मेरा हो गया है.. !!.. बस करो जान.. !!..
वो नीचे झुकी ओर मेरे बॉस शुभम का सिर पकड़ कर, उनका मुंह अपनी चूत से हटाया, लेकिन मेरे बॉस शुभम की उंगली अभी भी उसकी चूत मे घुसी हुई थी..
कुछ देर रुकने के बाद, मेरे बॉस शुभम ने फिर से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोदना शुरू कर दिया..
उनकी उंगली रानी की गीली चूत मे अंदर बाहर होने लगी..
धीरे धीरे, शुरुआत कर के अब वो जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से रानी की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे..
मुझे मेरे बॉस शुभम को रानी की चूत मे उंगली करते हुए, रानी की चूत अपनी उंगली से चोदते हुए, रानी की चूत मे हस्तमैतून करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था..
रानी की गाण्ड हिलने से, उसके चेहरे से, उसके बदन की अकड़न से पता चल रहा था की वो फिर से एक बार झड़ने वाली है..
और अचानक ही, वो फिर से झड़ गई.. !!..
फिर रानी बोली राजेश्वरी.. !!.. ऐसा लगता है की मेरी पूरी चुदाई हो गई है.. !!.. मेरी प्यास बुझ गई है.. !!.. – रानी मस्ती मे बोली.. !!
तो… एक बार फिर हो जाए.. !!.. ?? – मैंने कहा.. !!
नहीं यार.. !!.. मेरा तो बहुत पानी निकल चुका है.. !!.. लेकिन, मज़ा बहुत आया.. !!.. – वो बोली.. !!
लेकिन मेरे बॉस शुभम ने एक बार फिर से उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया तो उस से भी नहीं रहा गया..
रानी की चूत, एक बार फिर से चुदने लगी..
इस बार, मेरे बॉस शुभम की जीभ से..
मेरे बॉस शुभम की जीभ, किसी मर्दाना लण्ड की तरह रानी की चूत मे अंदर बाहर होने लगी और रानी फिर से मज़े ले कर चुदवाने लगी..
रानी बहुत दिनों के बाद चुदवा रही थी और क्या खूब चुदवा रही थी..
मैं अपने बॉस शुभम से रानी को चुदवा रही थी..
मैंने रानी के हाथ पकड़े हुए थे और मैं देख रही थी की रानी की चुचियाँ रह रह के काँप रही थीं, हिल रही थीं..
मेरे बॉस शुभम फिर से रानी को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, अपनी जीभ से चोदने लगे थे..
रानी फिर से, झड़ने वाली थी..
आ आ आ आ अहह.. !!.. ऊऊ ऊहह… – रानी के मुंह से निकला..
मैंने अपने बॉस शुभम के कान मे कहा की वो हट जाएँ और अब मुझे अपनी जीभ रानी की चूत मे डालने दें..
मेरे बॉस शुभम ने तुरंत ही, अपना मुंह रानी की चूत से हटाया और मैंने जल्दी से अपनी जीभ रानी की रसीली, बहती, गीली और टेस्टी फुददी मे डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगी..
रानी ने अचानक, अपनी आँखें खोल कर देखा की क्या हो गया है और वो मुस्करा पड़ी..
मैं भी पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से रानी की चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगी..
रानी के दोनों पैर, मेरे कंधे पर थे और रानी बड़े आराम से, बड़े मज़े से, मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी,
मेरी जीभ से अपनी चूत चुदवा रही थी..
अब आगे
मुझे पूरा यकीन है की उनको रानी की चूत से रिस्ता हुआ रस चखा होगा, जो की मैं भी जानती हूँ और वो भी जानते हैं की बहुत टेस्टी है..
रानी के मुंह से चुदाई की, आनंद भारी आवाज़ और सिस्कारियां निकली..
मेरी आँखें तो जैसे मेरे बॉस शुभम की, रानी की फुददी पर नाचती हुई जीभ पर टिकी थीं..
अब उन्होंने रानी की गाण्ड पकड़ कर, पीछे दबा कर रानी की चूत को ओर भी चौड़ा कर दिया था..
मैंने रानी का एक पैर पकड़ कर, उसे और भी चौड़ा किया ताकि वो भी चूत चाटते, मेरे बॉस शुभम की जीभ अपनी चूत पर देख सके..
लेकिन जल्दी ही, मेरे बॉस शुभम ने अपना मुंह खोला और रानी की चूत को अपने मुंह मे ले लिया..
रानी के चूत के होंठ, मेरे बॉस शुभम के मुंह के होंठों के बीच थे और मेरे बॉस शुभम की जीभ रानी की चूत मे घूम रही थी..
मुझे पता चल रहा था की वो रानी की चूत मे, अब नीचे से ऊपर की ओर अपनी जीभ फिरा रहे थे..
रानी की चूत के दरवाजे से रानी की चूत के दाने तक, रानी की चूत चाटी जा रही थी और जल्दी ही, मैंने देखा की उन्होंने अपनी जीभ रानी की चूत के अंदर डाल दी थी..
रानी तो जैसे उछल ही पड़ी..
उसके मुंह से जोरदार सिसकारी निकली – आआआः इया याह याः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह इस श उहम म म म म म म म म म.. !!..
थोड़ी देर रानी की फुददी को अपनी जीभ से चोदने के बाद, उन्होंने अपनी बीच की उंगली रानी की चूत के अंदर घुसा दी ओर अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए रानी की चूत चोदने लगे..
मुझे पता लग रहा था की रानी की बहुत चुदी हुई चूत कितनी टाइट थी..
रानी की चूत से रस की नदी बह रही थी और मैंने देखा की रानी तो जैसे चुदाई के लिए पागल सी हो गई है..
वो अपनी गाण्ड हिलाने लगी, अपने पैर हिलाने लगी और अपने मुंह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी..
मेरे बॉस शुभम उसकी चूत मे उंगली करते हुए, उसके चूत के दाने को चूस रहे थे..
ऐसा लगता था की रानी जल्दी ही झड़ने वाली है..
वो जल्दी जल्दी, मेरे बॉस शुभम के हाथ पर और मुंह पर अपनी चूत दबाने लगी..
उसकी चूत, मेरे बॉस शुभम की उंगली से चुदती जा रही थी..
अचानक ही, रानी झड़ गई और मेरे बॉस शुभम की उंगली को उसने अपने पैर भींच कर अपनी बहती हुई चूत मे ही जकड़ लिया..
मेरे बॉस शुभम अभी भी, उसकी चूत के दाने को अपने होठों मे पकड़ कर चूसे जा रहे थे..
रानी जोर से चिल्लाई – ओह.. !!.. आ अहह.. !!.. रूको.. !!.. बस करो.. !!.. मेरा हो गया है.. !!.. बस करो जान.. !!..
वो नीचे झुकी ओर मेरे बॉस शुभम का सिर पकड़ कर, उनका मुंह अपनी चूत से हटाया, लेकिन मेरे बॉस शुभम की उंगली अभी भी उसकी चूत मे घुसी हुई थी..
कुछ देर रुकने के बाद, मेरे बॉस शुभम ने फिर से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोदना शुरू कर दिया..
उनकी उंगली रानी की गीली चूत मे अंदर बाहर होने लगी..
धीरे धीरे, शुरुआत कर के अब वो जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से रानी की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे..
मुझे मेरे बॉस शुभम को रानी की चूत मे उंगली करते हुए, रानी की चूत अपनी उंगली से चोदते हुए, रानी की चूत मे हस्तमैतून करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था..
रानी की गाण्ड हिलने से, उसके चेहरे से, उसके बदन की अकड़न से पता चल रहा था की वो फिर से एक बार झड़ने वाली है..
और अचानक ही, वो फिर से झड़ गई.. !!..
फिर रानी बोली राजेश्वरी.. !!.. ऐसा लगता है की मेरी पूरी चुदाई हो गई है.. !!.. मेरी प्यास बुझ गई है.. !!.. – रानी मस्ती मे बोली.. !!
तो… एक बार फिर हो जाए.. !!.. ?? – मैंने कहा.. !!
नहीं यार.. !!.. मेरा तो बहुत पानी निकल चुका है.. !!.. लेकिन, मज़ा बहुत आया.. !!.. – वो बोली.. !!
लेकिन मेरे बॉस शुभम ने एक बार फिर से उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया तो उस से भी नहीं रहा गया..
रानी की चूत, एक बार फिर से चुदने लगी..
इस बार, मेरे बॉस शुभम की जीभ से..
मेरे बॉस शुभम की जीभ, किसी मर्दाना लण्ड की तरह रानी की चूत मे अंदर बाहर होने लगी और रानी फिर से मज़े ले कर चुदवाने लगी..
रानी बहुत दिनों के बाद चुदवा रही थी और क्या खूब चुदवा रही थी..
मैं अपने बॉस शुभम से रानी को चुदवा रही थी..
मैंने रानी के हाथ पकड़े हुए थे और मैं देख रही थी की रानी की चुचियाँ रह रह के काँप रही थीं, हिल रही थीं..
मेरे बॉस शुभम फिर से रानी को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, अपनी जीभ से चोदने लगे थे..
रानी फिर से, झड़ने वाली थी..
आ आ आ आ अहह.. !!.. ऊऊ ऊहह… – रानी के मुंह से निकला..
मैंने अपने बॉस शुभम के कान मे कहा की वो हट जाएँ और अब मुझे अपनी जीभ रानी की चूत मे डालने दें..
मेरे बॉस शुभम ने तुरंत ही, अपना मुंह रानी की चूत से हटाया और मैंने जल्दी से अपनी जीभ रानी की रसीली, बहती, गीली और टेस्टी फुददी मे डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगी..
रानी ने अचानक, अपनी आँखें खोल कर देखा की क्या हो गया है और वो मुस्करा पड़ी..
मैं भी पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से रानी की चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगी..
रानी के दोनों पैर, मेरे कंधे पर थे और रानी बड़े आराम से, बड़े मज़े से, मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी,
मेरी जीभ से अपनी चूत चुदवा रही थी..