Click Here to Verify Your Membership
First Post Last Post
Group Sex सफर का आनंद (लेखक: अंजान ©)

सफर का आनंद

लेखक: अंजान ©


इंजिनियरिंग पास करने के बाद मेरी नयी नौकरी लगी थी और अपने ऑफिस के काम से मैं नई दिल्ली से बंगलौर जा रहा था। ऑफिस वालों ने मेरा रेलवे टिकट कर्नाटक ऐक्सप्रेस में फर्स्ट ऐ-सी में करवा दिया था। मैं अपनी यात्रा के दिन शाम को आठ बजे नई दिल्ली स्टेशन पर पहुँच गया। दिसंबर का महीना था, इसलिये बाहर ठंड बहुत पड़ रही थी और मैं अपनी सीट में बैठ गया। थोड़ी देर के बाद ट्रेन चल पड़ी और टी-टी आया और टिकट चेक कर के चला गया। हमारे कूपे में एक ही परिवार की दो औरतें थीं और उनके साथ एक आदमी था। मेरा अपर बर्थ था और ट्रेन छूटने के बाद मैं थोड़ी देर तक नीचे बैठा रहा और फिर मैं अपनी बर्थ पे जाकर कंबल तान कर आँख बँद करके सो गया। नीचे वो अदमी और औरतें गप-शप लड़ा रहे थे। उनकी बात सुन कर मुझे लगा कि वो आदमी एक मल्टी नैशनल कंपनी में सीनियर ऐक्ज़िक्यूटिव पोस्ट पर काम करता है और जो औरत बड़ी उम्र की थी, उसके ऑफिस से संबंध रखती है। मैं आँखें बंद कर के उनकी बातें सुन रहा था। पहले तो मुझे लगा था कि दोनों औरतें बहने हैं लेकिन फिर उनकी बातों से लगा कि दोनों औरतों में माँ और बेटी का संबंध है और वो सब मस्ती करने के लिये बंगलौर जा रहे हैं, लेकिन घर पर ऑफिस का काम बता कर आये हुए हैं।

छोटी उम्र वाली लड़की की उम्र लगभग इक्कीस-बाईस साल थी और दूसरी की उम्र लगभग पैंतालीस-छियालीस साल थी। मुझे उनकी बातों से मालूम पड़ा कि माँ का नाम फ़रीदा और लड़की का नाम नाज़ है। दोनों माँ और बेटी उस आदमी को सर कह कर पुकार रही थीं। दोनों ही औरतें देखने में बहुत सुंदर थी और दोनों ने अच्छे और फ़ैशनेबल सलवार कमीज़ पहने हुए थे और सभ्य मुसलमान औरतों की तरह शालीनता सिर को दुपट्टे से ढका हुआ था। दोनों ने हल्का और उचित मेक-अप किया हुआ था और दोनों के पैरों में काफी ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल पहने हुए थे। दोनों का फिगर भी बहुत सैक्सी था। छोटी वाली के मम्मे उसके कमीज़ के ऊपर से दिखने में भारी-भारी और तने हुए दिखते थे और उसके चुत्तड़ गोल-गोल लेकिन कम उभरे थे। दूसरी औरत के मम्मे भी बहुत बड़े-बड़े थे और उसके चुत्तड़ भी खूब बड़े-बड़े और फैले हुए थे। उनके साथ के आदमी की उम्र लगभग तीस-बत्तीस साल रही होगी और देखने में बहुत स्मार्ट और यंग था। तीनों आपस में काफी घुल मिल कर बातें कर रहे थे।

थोड़ी देर के बाद मेरी आँख लग गयी। रात के करीब बारह बजे मेरी आँख खुल गयी क्योंकि मुझे बहुत प्यास लगी हुई थी। मैंने अपनी आँख खोली तो देखा कि कूपे में नाईट लैंप जल रहा है और वो तीनों अभी भी बातें कर रहे हैं। फिर मेरी नाक में शराब की महक आयी तो मैंने धीरे से नीचे झाँका तो मेरी आँखें फैल गयीं। वहाँ तो नज़ारा ही बदल गया था। उस समय नाज़ खिड़की के साथ मेरे नीचे वाले बर्थ पर बैठी हुई थी और दूसरे बर्थ पर फ़रीदा और सर बैठे हुए शराब पी रहे थे। नाज़ के हाथ में भे शराब का पैग था। दो खिड़कियों के बीच में छोटी सी फोल्डेबल टेबल पे व्हिस्की की बोतल रखी हुई थी। उस समय दोनों माँ और बेटी अपने कपड़े बदल चुकी थीं। फ़रीदा एक हल्के नीले हाऊज़ कोट में थी और नाज़ एक गुलाबी रंग की मैक्सी पहने हुए थी। उनके पैरों में पेन्सिल हील के सैंडल अभी भी मौजूद थे। मज़े की बात यह थी कि मुझको लग रहा था कि दोनों माँ और बेटी अपने-अपने हाऊज़ कोट और मैक्सी के अंदर कुछ नहीं पहन रखी हैं| सर सिर्फ़ टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने हुए थे। मुझे लगा कि तीनों काफी शराब पी चुके हैं क्योंकि तीनों काफी झूम रहे थे। शराब पीते-पीते सर ने फ़रीदा को अपने और पास खींचा तो फ़रीदा पहले नाज़ की तरफ देखी और फिर सर के बगल में कंधे से कंधा मिला कर टाँग के ऊपर टाँग चढ़ा कर बैठ गयी। फ़रीदा जैसे ही सर के पास बैठी तो सर अपना हाथ फ़रीदा के कंधे पर रख कर फ़रीदा के कंधे को सहलाने लगे। फ़रीदा ने एक बार नाज़ की तरफ देखा और चुप-चाप अपना ड्रिंक लेने लगी। नाज़ भी सर और मम्मी की तरफ देख रही थी। उसकी आँखें शराब के सुरूर में भारी सी लग रही थीं।

3 users like this post  • saira, ShakirAli, Lion000666
Quote

थोड़ी देर के बाद सर अपना एक हाथ फ़रीदा के पेट के ऊपर रख कर फ़रीदा के पेट को सहलाने लगे। ऐसा करने से फ़रीदा तो पहले कुछ कसमसायी और फिर चुप-चाप अपना ड्रिंक लेने लगी। फिर सर ने फ़रीदा के पेट से हाथ को और थोड़ा ऊपर उठाया और अब उनका हाथ फ़रीदा के मम्मों के ठीक नीचे था। उनकी इस हरकत से फ़रीदा सिर्फ़ अपने सर को देख कर मुस्कुरा दी। फिर सर ने अपना हाथ फ़रीदा के मम्मों पर रख दिया और अपना हाथ घुमाने लगे। अब सर का हाथ फ़रीदा के मम्मो को उसके हाऊज़ कोट के ऊपर से धीर- धीरे सहला रहा था। अपनी मम्मी और सर का कामकाज नाज़ बड़े गौर से बिना पलक झपकाये देख रही थी और उसके गाल लाल हो गये थे। । थोड़ी देर के बाद सर ने अपना ड्रिंक सामने की टेबल पर रख दिया और अपने दोनों हाथ से फ़रीदा के दोनों मम्मे पकड़ लिये और उन्हें जोर-जोर से दबाने लगे। अब फ़रीदा भी चुप नहीं बैठ सकी और उसने फौरन एक घूँट में अपना ड्रिंक खतम करके गिलास टेबल पे रख कर सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया, लेकिन सर अपने दोनों हाथों से फ़रीदा के दोनों मम्मे पकड़ कर दबाते रहे। थोड़ी देर के बाद सर अपना मुँह फ़रीदा के मम्मे के ऊपर लाये और उसके मम्मे को उसके हाऊज़ कोट के ऊपर से ही अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगे। सर ने फ़रीदा के मम्मे को हाऊज़ कोट के ऊपर से चूमते-चूमते अपना एक हाथ फ़रीदा के हाऊज़ कोट के अंदर डाल दिया और अपना हाथ घुमा-घुमा कर उसकी चूचियों को मसलने लगे।

फिर उन्होंने फ़रीदा के कान में कुछ कहा और फ़रीदा ने अपने हाथ के इशारे से अपनी बेटी नाज़ को अपने पास बैठने को कहा। नाज़ शर्मीली सी मुस्कान के साथ उठ कर सर और फ़रीदा के बगल में बैठ गयी। फिर सर ने फ़रीदा को और खिसकने को कहा और खुद भी फ़रीदा के साथ खिसक गये। अब उन्होंने नाज़ को अपनी दूसरी तरफ बैठने के लिये कहा। जब नाज़ उठ कर सर के दूसरी तरफ बैठी तो उसके बैठते ही सर ने अपना दूसरा हाथ उसके कंधों के पीछे रख दिया। सर का एक हाथ अब फ़रीदा की चूचियों से खेल रहा था और दूसरा हाथ नाज़ के पीछे था। उनका पीछे वाला हाथ अब उन्होंने धीरे-धीरे आगे की तरफ किया और अब उनका दूसरा हाथ नाज़ की चूँची के ठीक ऊपर था। जैसे ही सर का हाथ नाज़ की चूँची को छूने को हुआ तो उसने सर का हाथ रोक दिया। नाज़ के ऐसा करने से उन्होंने फ़रीदा के कान में फिर कुछ कहा। अब फ़रीदा उठ कर नाज़ के सामने खड़ी हो गयी और सर का हाथ लेकर नाज़ की चूँची पर रख दिया और सर से उन्हें दबाने को कहा।

अपनी मम्मी के इस बर्ताव से नाज़ का चेहरा शर्म से बेहद लाल हो गया पर वो कुछ ना कह सकी। नाज़ अब चुप-चाप अपनी चूँची सर से दबवा रही थी। फ़रीदा ने तब झुक कर नाज़ के गाल पर एक चुम्मा दिया और बड़े प्यार से बोली, “बेटी मल्टी नैशनल कंपनी में नौकरी ऐसे ही नहीं मिलती, उसके लिये कुछ देना पड़ता है। शर्माओ नहीं... मुझे मालूम है कि अपने बॉय फ़्रेंड आसिफ़ के साथ भी तो तुम यही सब करती हो छुप-छुप के... सर भी अपने ही हैं।” फिर उसने सर से कहा, “सर अब आप बेफ़िक्र हो कर मज़ा लो, लेकिन देखना नाज़ को पक्की नौकरी मिले।” सर ने भी एक हाथ से नाज़ की चूँची दबाते हुए फ़रीदा की तरफ अपना मुँह बढ़ा कर उसकी चूँची को चूमते हुए कहा, “चिंता मत करो, नाज़ की नौकरी तुम्हारी तरह पक्की नौकरी होगी और तुम्हारी प्रोमोशन भी पक्की है। लेकिन नाज़ को भी मेरा कहना मानना पड़ेगा।”

3 users like this post  • saira, ShakirAli, Lion000666
Quote

“अरे सर देख नहीं रहे कि नाज़ आपकी बात मानने के लिये तैयार है? अरे नाज़ मेरी ही बेटी है और आप जो भी कुछ कहेंगे... मेरी तरह नाज़ भी आपकी बात मानेगी।” इतना कह कर फ़रीदा फिर से सर के बगल में जा कर बैठ गयी और उन्हें अपने दोनों हाथों से जकड़ लिया।

अब सर के दोनों हाथ माँ और बेटी की चूचियों से खेल रहे थे। माँ की चूचियों को वो हाऊज़ कोट के अंदर हाथ डाल कर मसल रहे थे और बेटी की चूचियों को उसकी मैक्सी के ऊपर से ही दबा रहे थे। यह सब देख कर मेरी नींद आँखों से बिल्कुल साफ हो गयी और मैं अपने कंबल के कोने से नीचे की तरफ देखने लगा। मुझे सर की किस्मत पर ईर्ष्या हो रही थी और मेरा लंड खड़ा हो गया था जिसे मैं अपनी हाथ से कंबल के अंदर सहला रहा था। फिर मैंने देखा कि सर ने अपना हाथ फ़रीदा के हाऊज़ कोट से निकाल कर उसके घुटने के ऊपर रख दिया और धीरे-धीरे फ़रीदा के घुटने और उसकी जाँघ को सहलाने लगे। अपनी जाँघ पर सर का हाथ पड़ते ही फ़रीदा ने अपनी टाँगें, जो कि एक दूसरे के ऊपर थीं, खोल कर फैला दिया और अपने ऊँची पेन्सिल हील के सैंडल युक्त पैर सामने वाली बर्थ पे रख दिये। उधर सर अपना हाथ अब नाज़ के मैक्सी के अंदर डाल कर के उसकी चूँची को मसल रहे थे और झुक-झुक कर उन्हें मैक्सी के ऊपर से चूम रहे थे। फिर सर अपने हाथ से फ़रीदा का हाऊज़ कोट ऊपर करने लगे और हाऊज़ कोट ऊपर करके फ़रीदा की चूत पर हाथ फेरने लगे। फ़रीदा की चूत उस हल्की रोशनी में भी मुझको साफ-साफ दिखायी दे रही थी और मैंने देखा कि फ़रीदा की चूत पर कोई बाल नहीं है और उसकी चूत अपने पानी से भीग कर चमक रही है।

थोड़ी देर के बाद सर ने अपना हाथ नाज़ की मैक्सी के अंदर से निकाल लिया और उसकी चूत पर मैक्सी के ऊपर से ही हाथ फेरने लगे। नाज़ बार-बार अपनी मम्मी की तरफ शर्मिंदगी से देख रही थी लेकिन कुछ कह नहीं पा रही थी। फिर सर ने फ़रीदा की चूत पर से हाथ निकाल कर नाज़ की मैक्सी धीरे-धीरे टाँगों पर से उठाने लगे। नाज़ अपने हाथों से अपनी मैक्सी पकड़े हुए थी। फ़रीदा अपनी जगह से फिर उठ कर नाज़ के पास गयी और उसको चूमते हुए बोली, “बेटी आज मौका है मज़े कर लो, मैंने भी अपनी नौकरी इसी तरह से पायी थी। वैसे सर बहुत अच्छे इंसान हैं और बहुत ही आराम-आराम से करेंगे... तुझे बिल्कुल तकलीफ नहीं होगी। बस तू चुपचाप जैसा सर कहें... करती चल, तुझे बेहद मज़ा आयेगा और तुझे नौकरी भी मिल जायेगी!”

इतना कह कर फ़रीदा ने नाज़ के गाल पर और उसकी चूँची पर हाथ फेरा और फिर अपनी जगह आ कर बैठ गयी। तब नाज़ अपनी मम्मी से बोली, “अम्मी ये आप क्या कह रही हैं? आप मुझसे तो ऐसी बातें कभी नहीं करती थीं!”

फ़रीदा अपनी बेटी की चूँची पर हाथ फेरते हुए बोली, “अरे बेटी, यह तो वक़्त-वक़्त की बात है और जब हम दोनों ही सर से जिस्मानी ताल्लुकात बनाने वाली हैं, मतलब कि जब सर हम दोनों को ही चोदेंगे, तो फिर आपस में कैसा पर्दा। अब हम दोनों सहेलियों की तरह हैं और चुदाई के वक़्त खुल कर बात करनी चाहिये और अब तुम भी खुल कर बातें करो जैसे अपनी बाकी सहेलियों और बॉय-फ्रेंड्स के साथ करती हो!”

नाज़ अपनी माँ की बात सुन कर मुस्कुरा दी और बोली, “ठीक है, जैसा आप कहती हैं, अब मैं भी लंड, चूत और चुदाई की ज़ुबान में बातें करूँगी!”

3 users like this post  • saira, ShakirAli, Lion000666
Quote

अब सर ने नाज़ के मैक्सी के अंदर से अपना हाथ निकल लिया और नाज़ की चूत पर अपना हाथ मैक्सी के ऊपर से रगड़ रहे थे और झुक-झुक कर उसकी चूचियों पर चुम्माँ दे रहे थे। थोड़ी देर के बाद वो नाज़ की मैक्सी फिर से अपने हाथों से टाँगों के ऊपर करने लगे और अबकी बार नाज़ अपनी मम्मी को मुस्कुराते हुए देखती रही और कुछ नहीं बोली। नाज़ का चुप रहना सर को और भड़का दिया और वो एक ही झटके के साथ नाज़ की मैक्सी पूरी तरह से खींच कर उसकी कमर पर ले आये। इससे नाज़ की चूत बिल्कुल खुल गयी। नाज़ की चूत दिखने में बहुत ही सुंदर थी। उसकी चूत पर भी एक भी बाल नहीं था और फ़रीदा की तरह ही चिकनी थी। बेटी की चूत देख कर फ़रीदा बोली, “वाह! बेटी वाह! तूने बहुत ही अच्छी तरह से अपनी चूत साफ की है। तेरी चिकनी और गुलाबी चूत को देख कर मुझे इसे चूमने और चाटने का दिल कर रहा है। पता नहीं सर को कैसा लग रहा है!”

तब सर ने भी उसकी सुंदर सी चूत पर हाथ फेर कर कहा, “हाँ फ़रीदा तुम्हारी बेटी की चूत बहुत ही सुंदर है और इसने बड़े करीने से अपनी चूत साफ की है। मुझे नाज़ की चूत पसंद आयी और मैं भी तुम्हारी तरह इसकी चूत को चूमना और चाटना चाहता हूँ!”

उन्होंने एक बार मेरी तरफ देखा और नाज़ की कमर पकड़ कर उसकी मैक्सी अब उसके शरीर से अलग कर दी। अब नाज़ सीट के ऊपर बिल्कुल नंगी बैठी थी। सर अब फिर नाज़ के पास पहुँच कर उसकी चूँची से खेलने लगे। वो कभी उसकी चूँची को दोनों हाथों से पकड़ कर दबाते और मसलते तो कभी उसकी चूँची को अपने मुँह में भर कर उसकी घुंडी चूसते और जीभ से चुभलाते। धीरे-धीरे नाज़ के शरीर में भी अब काम-ज्वाला उठने लगी और वो अपने हाथों को उठा-उठा कर अँगड़ायी ले रही थी। उसकी साँसें अब फूल रही थी और साँसों के साथ-साथ उसकी चूँची भी अब उठ-बैठ रही थी। अब नाज़ से रहा नहीं गया और वो सीट पर लेट गयी। नाज़ के सीट पर लेटते ही सर अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गये और नाज़ की चूत को ऊपर से चाटने लगे। थोड़ी देर के बाद सर ने नाज़ की टाँगों को अपने हाथों से पकड़ कर सीट पर फैला दिया और एक अँगुली उसकी चूत में डालने लगे। चूत पर अँगुली छूते ही नाज़ अपनी कमर नीचे से ऊपर करने लगी और मुँह से “आह! आह! ओह! ओह! नहीं! ऊँह! ऊँह!” की आवाज निकालने लगी।

फ़रीदा अपनी बेटी की कराहें सुन कर हँसती हुई बोली, “देख नाज़! मज़ा आ रहा है ना! तेरे ऊपर जवानी का बुखार चड़ गया है और चूत की खुजली सर के शानदार लौड़े से ही जायेगी। अब तू सर का अज़ीम लौड़ा अपने हाथ में ले कर के देख... वो तुझे चोद कर बेइंतेहा मज़ा देने के लिये कितना बेकरार है!” यह कह कर फ़रीदा सर की तरफ देखने लगी। सर अब तक माँ-बेटी की बातें सुन रहे थे और अब उन्होंने फ़रीदा को अपनी बाहों में भर कर एक जोरदार चुम्मा दिया और उसकी चूँची मसलने लगे। फ़रीदा की चूँची मसलते-मसलते उन्होंने फ़रीदा का हाऊज़ कोट उतार दिया। अब माँ और बेटी के तन पर कोई कपड़ा नहीं था... दोनों सिर्फ पैरों में ऊँची-ऊँची हील की सैंडल पहने हुई थी। बस फ़र्क यह था कि बेटी सीट पर अपनी टाँगें फैलाये लेटी हुई थी और माँ सर के बाहों में खड़ी-खड़ी अपनी चूँची मसलवा रही थी। दोनों माँ और बेटी ने एक दूसरे की आँखों में झाँका और मुस्कुरा दीं। अब नाज़ अपने सीट पर बैठ गयी और अपने हाथ बढ़ा कर सर के साथ-साथ वो भी अपनी माँ की चूँची को मसलने लगी। थोड़ी देर के बाद नाज़ अपनी माँ की चूँची मसलते हुए उसकी टाँगों के बीच में नीचे बैठ गयी और अपनी माँ की चूत पर अपना मुँह रगड़ने लगी। फ़रीदा भी अपने हाथों से नाज़ का चेहरा अपनी चूत पर कस-कस कर दबाने लगी।

3 users like this post  • saira, ShakirAli, Lion000666
Quote

थोड़ी देर के बाद माँ और बेटी एक दूसरे से लिपट कर खड़ी रहीं और फिर उन्होंने आगे जा कर सर को पकड़ लिया। नाज़ ने सर के होठों का चुम्मा लेना शुरू किया और फ़रीदा सर की शॉर्ट्स हटा कर उनके लंड को पकड़ कर मरोड़ने लगी। सर का लंड देख कर मैं हैरान हो गया। उनके लंड की लंबाई लगभग दस इंच और मोटाई करीब तीन-चार इंच थी और सूपाड़ा फूल करके बिल्कुल एक छोटा सा टमाटर सा दिख रहा था।

अब मैंने अपना मुँह कंबल से निकाल लिया और उनकी तरफ करवट ले कर उनके कारनामे देखने लगा। सर अब फ़रीदा को छोड़ कर फिर से नाज़ के पास पहुँच गये और उसे अपनी बांहों में लेकर उसकी चूत मसलने लगे। नाज़ ने चूत मसलने के साथ ही अपनी टाँगें फैला दीं और फिर एक पैर सीट पर रख दिया। अब सर झुक कर नाज़ की चूत में अपनी जीभ घुसेड़ कर उसको अपनी जीभ से चोदने लगे। यह सब देख कर फ़रीदा जो अब तक खुद ही अपनी चूत में अँगुली अंदर बाहर कर रही थे, आगे बढ़ी और सर का फुला हुआ सूपाड़ा अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी। तब सर ने नाज़ को सीट के किनारे टाँगें फैला कर बिठा दिया और उसके पैर सीट पर रख दिये। ऐसा करने से नाज़ की चूत अब बिल्कुल खुल कर सीट के किनारे आ गयी तो सर वहीं बैठ कर नाज़ की चूत को चाटने और चूसने लगे। फ़रीदा को भी अब ताव चढ़ चुका था और उसने सर के आगे बैठ कर सर का लंड अपने मुँह में भर लिया और चूसना शुरू कर दिया। मैं यह सब देख कर अपने आप को रोक ना सका और अपनी सीट पर बैठ गया। मुझको उठते देख कर तीनों घबड़ा गये और अपने-अपने कपड़े ढूँढने लगे। मैं हँस कर बोला, “सॉरी, मैं आप लोगों को डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था, लेकिन मैं अपने आप को रोक नहीं पाया। कोई बात नहीं आप लोग अपना काम जारी रखिये... मैं यहाँ बैठा हूँ।“

अब तक फ़रीदा और नाज़ दोनों ने अपनी अपने जिस्म को अपने हाथों से ढक लिया था। फ़रीदा अपनी नज़र मेरी तरफ घुमा कर बोली, “तुम कब से जागे हुए हो?”

“अरे मैं सोया ही कब था कि जागुँगा!” मैंने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा तो फ़रीदा और नाज़ मेरी तरफ घूर-घूर कर देखने लगीं और सर ने अपने नंगपने को ध्यान ना देते हुए मेरी तरफ मुड़ कर अपना हाथ मुझसे मिलाया और कहा, “मेरा नाम मनोज शर्मा है और मैं आई-ओ-सी में काम करता हूँ। अब तुम जब हमारा कार्यक्रम देख चुके हो तो मैं तुम्हें हमारे साथ शामिल होने का निमंत्रण देता हूँ। अगर तुम्हें कोई आपत्ति ना हो तो?”

मैंने कहा, “आपका निमंत्रण स्वीकार है और मुझे खुशी होगी आपके साथ जवानी का खेल खेलने में... वैसे इस खेल में मुझे कोई एक्सपीरियंस नहीं है!”

यह सुनकर माँ और बेटी दोनों ने मुस्कुरा दीं। फ़रीदा ने उठ कर कूपे की लाईट जला दी और मेरे पास आ कर मुझे पकड़ कर मेरे होठों को चूमते हुए बोली, “एक्सपीरियंस नहीं है तो क्या हुआ... मुझे खूब एक्सपीरियंस है... मैं बनाऊँगी तुम्हें मर्द!”

तब मैं फ़रीदा को अपनी बांहों में लेकर एक हाथ से उसकी चूँची मसलने लगा और दूसरा हाथ उसकी चूत पर ले जा कर चूत में अँगुली करने लगा। उधर मनोज ने अब नाज़ को सीट पर लिटा दिया था और उसकी चूत में अपनी अँगुली पेल रहा था और नाज़ मज़े से सिसकते हुए छटपता रही थी। नाज़ अपनी माँ को देख कर बोली, “अम्मी सर का लौड़ा तो बेहद बड़ा है... मैंने इतना बड़ा लंड नहीं लिया कभी... इनका ये लौड़ा मैं कैसे झेलुँगी मैं अपनी चूत में?”

4 users like this post  • saira, dpmangla, ShakirAli, Lion000666
Quote

मेरी बाँहों से निकलकर फ़रीदा नाज़ के पास गयी और उसका सिर सहलाते हुए और नाज़ की चूँची दबाते हुए बोली, “बेटी, पहले तो थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त करना होगा... फिर बाद में खूब मज़ा आयेगा। तू फ़िक्र ना कर... सर बेहद आराम-आराम से तेरी लेंगे और तुझे मज़ा देंगे। अब देख मैं भी अमित के पास जा रही हूँ और उसे अपनी चूत दूँगी और मज़े लूँगी!” इतना कह कर फ़रीदा मेरे पास आ गयी और मेरी लौड़े को चूमने और चूसने लगी। यह देख कर नाज़ भी उठ कर मनोज का लंड अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। मनोज का लंड इतना मोटा था कि नाज़ के मुँह में पूरा नहीं समा पा रहा था। नाज़ मनोज का लंड अपनी मुठी में लेकर चाटने लगी।

इधर मैं भी फ़रीदा से अपना लंड बड़े आराम से चूसवा रहा था और फ़रीदा मारे गर्मी के कभी-कभी मेरे सुपाड़े को अपने दाँत से हल्के-हल्के काट रही थी। अब फ़रीदा सीट के पास झुक कर खड़ी हो गयी! ऊँची पेन्सिल हील की सैंडल पहने बिल्कुल नंगी इस तरह झुकी हुई वो बेहद सैक्सी लग रही थी और मैं उसके पीछे से आ कर उसके चुत्तड़ों में अपना लंड रगड़ने लगा। फ़रीदा बोली, “अब तुम पीछे से मेरी चूत में लंड पेल कर कुत्ते की तरह मुझे चोदो!” मैंने थोड़ा से थूक अपने लंड पर लगाया और फ़रीदा की चूत में अपना लंड पेल दिया। फ़रीदा मेरे लंड को अंदर लेते ही अपनी कमर आगे पीछे करने लगी और जोर-जोर से बोलने लगी, “देख नाज़ देख, कैसे अमित का कुँवारा लंड मेरी चूत में घुस कर मुझे मज़ा दे रहा है। अब तुझे भी सर अपने लंड से मज़ा देंगे। तू जल्दी से अपनी चूत में सर का का लंड डलवा ले!”

“अरे अम्मी मैं कब इंकार कर रही हूँ। सर ही तो अपना मेरे अंदर नहीं डाल रहे हैं, वो तो बस मेरी चूत को चूस रहे हैं। वैसे मुझे भी अपनी चूत चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा है,” नाज़ अपनी माँ से बोली।

तब फ़रीदा ने मनोज से कहा, “अरे सर... नाज़ चुदवाने के लिये तैयार है... आप अपना लंड जल्दी से नाज़ की चूत में पेल दो!” मनोज ने फिर नाज़ को ठीक से लिटा कर उसकी चूत और अपने लौड़े पे अच्छी तरह से पॉंड्स कोल्ड क्रीम लगाई और अपना लंड नाज़ की चूत के ऊपर रख दिया।

जैसे ही मनोज ने अपना लंड नाज़ की चूत के अंदर दबाया तो नाज़ चिल्ला पड़ी, “हाय! अम्मी मुझे बचाओ, मैं मरी जा रही हूँऊँऊँ। हाय! मेरी चूत फटी जा रही है। सर अपना लंड मेरी चूत से निकाल लो प्लीज़!”

फ़रीदा तब मेरे लंड को अपनी चूत से निकाल कर नाज़ के पास पहुँच गयी और उसके चूँची को दबाते हुए बोली, “बस नाज़ बस, अभी तेरी तकलीफ़ दूर हो जायेगी! बस थोड़ा सा बर्दाश्त कर। तेरी यह पहली चुदाई तो है नहीं? मैं जानती हूँ सर का लंड बेहद बड़ा और मोटा है.... जब मैं इनसे पहली बार चुदी थी तो मेरी भी यही हालत हुई थी लेकिन ऐसे शानदार लंड से चुदवाना हर औरत को नसीब नहीं होता! अभी सर तुझे चोद-चोद कर इस कद्र मज़ा देंगे कि दिवानी हो जायेगी तू सर के लौड़े की!” यह कह कर फ़रीदा नाज़ की चूचियों को चूसने लगी।


4 users like this post  • saira, dpmangla, ShakirAli, Lion000666
Quote

थोड़ी देर के बाद फ़रीदा ने अपनी बेटी की चूत को दोनों हाथों से लंड खाने के लिये फ़ैला दिया और मनोज से कहा, “सर लीजिये... मैंने नाज़ की चूत को फ़ैला दिया है... अब आप अपना लंड धीरे-धीरे नाज़ की चूत में डालो और इसको मज़ा दो!” फिर मनोज ने अपना सुपाड़ा फिर से नाज़ की चूत के ऊपर रखा और धीरे से उसको अंदर कर दिया। नाज़ फिर से चिल्लाने लगी लेकिन उसकी बात ना सुनते हुए मनोज ने एक जोरदार धक्का मारा और उसका लंड नाज़ की चूत में घुस गया। नाज़ एक चींख मार कर बेहोश सी हो गयी। फ़रीदा नाज़ की चूँची को जोर-जोर मसलने लगी। मनोज यह सब ना देखते हुए अपनी रफ़्तार से नाज़ की चूत में अपना लंड पेले जा रहा था। थोड़ी देर के बाद नाज़ ने आँखें खोली और अपनी मम्मी से कहने लगी, “हाय! अम्मी बहुत दर्द कर रहा है और मज़ा भी आ रहा है!” यह सुन कर फ़रीदा बोली, “बस अब थोड़ी ही देर में तेरा सब दर्द दूर हो जायेगा और तुझे मज़ा ही मज़ा आयेगा!”

मैंने जब देखा कि नाज़ अब मज़े ले लेकर मनोज का लंड अपनी चूत में लील रही है, तब मैंने भी फ़रीदा के पीछे से जाकर फ़रीदा की चूत में अपना लंड फिर से घुसा दिया और अपनी रफ़्तार से फ़रीदा को चोदने लगा। यह देख कर नाज़ बोली, “हाय! अम्मी तुम्हारी चूत में भी अमित का लंड घुसा हुआ है और तुम मज़े से चुदवा रही हो। अब मुझे भी मज़ा आ रहा है।” अब नाज़ ने अपनी टाँगें उठा कर मनोज की कमर में अपने पैर फंसा लिये और नीचे से अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर मनोज के हर धक्के का जवाब देने लगी। मनोज भी नाज़ की दोनों चूँचियों को पकड़ कर उसकी चूत में अपना लंड हचक-हचक कर डाल रहा था। अब दोनों माँ और बेटी को चुदाई का मज़ा आ रहा था और दोनों जोर-जोर से चोदने को कह रही थीं। मैं अपना लुंड फ़रीदा की चूत में जोर-जोर से अंदर बाहर कर रहा था और दोनों हाथों से उसकी चूँचियाँ मल रहा था। फ़रीदा भी अपना चेहरा घुमा कर मुझको चुम्मा दे रही थी। थोड़ी देर इस तरह मैं और मनोज फ़रीदा और नाज़ को चोदते रहे और फिर उनकी चूत में अपना लंड ठाँस कर झड़ गये। हम लोगों के सथ ही माँ और बेटी भी झड़ गयीं।

जब हम लोगों ने अपना लंड माँ और बेटी की चूतों से निकाला तो दोनों ने अपनी-अपनी चूत रुमाल से पोंछी। मैं और मनोज आमने-सामने की सीट पर बैठ गये और तब फ़रीदा भी मेरे पास बैठ गयी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी। मनोज उठ कर बाथरूम चला गया तो नाज़ भी मेरे पास आ कर अपनी मम्मी से मेरा लंड छीन कर चूसने लगी और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूँची से लगा दिया। मैं भी नाज़ की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर के बाद मनोज कूपे में आया तो देखा कि नाज़ मेरे लंड को मुँह में ले कर चूस रही है और फ़रीदा मेरे से लिपटी हुए अपनी बेटी को देख रही है। मनोज यह देख कर बोला, “अरे फ़रीदा, तुम्हारी बेटी है बहुत मस्त चीज़। नाज़ की चूत चोदने में मुझे बहुत मज़ा आया। अब तुम भी कुछ अपनी बेटी से सीखो, चलो आओ और मेरे लंड को चूस-चूस कर खड़ा करो । अब मैं तुम्हारी गाँड में अपना लंड पेलुँगा!”

4 users like this post  • saira, dpmangla, ShakirAli, Lion000666
Quote

यह सुन कर फ़रीदा पहले मुस्कुरायी और फिर मनोज के पास जा कर बैठ गयी। फरीदा बोली, “सर इजाज़त हो तो पहले एक पैग और पी लूँ... तब आपका लंड गाँड में लेने में ज्यादा मज़ा आयेगा!” मनोज हंसते हुए बोला, “ठीक है! सिर्फ़ एक पैग और ज़रा जल्दी करो...!” फ़रीदा ने गिलास में व्हिस्की डाली और नीट ही गटागट पी गयी! उसके बाद मनोज ने फ़रीदा के चेहरे को अपने लंड तक झुका दिया और अपना लंड फ़रीदा के मुँह से लगा दिया। फ़रीदा अपनी जीभ निकाल कर मनोज का लंड चाटने लगी। थोड़ी देर के बाद नाज़ ने अपने मुँह से मेरा लंड निकाला और फिर अपनी मम्मी से पुछा, “अम्मी सर का लंड गाँड में लेने से तुम्हें दर्द नहीं होगा?”

फ़रीदा बोली, “नहीं नाज़... मुझे तो बेहद मज़ा आता हैं गाँड मरवाने में... तू भी अमित से कह कि वो अपना लंड तेरी गाँड में डाले!”

“नहीं बाबा, मुझे डर लग रहा है। मैंने पहले कभी गाँड नहीं मरवायी। पहले से ही मेरी चूत सर ने फाड़ रखी है और अब मैं अपनी गाँड अमित से नहीं फड़वाऊँगी!” नाज़ ने अपनी अम्मी से कहा तो फ़रीदा बोली, “अरे पगली! पहली मर्तबा शुरूआत में थोड़ा दर्द होगा लेकिन फिर मज़ा आयेगा! तू भी एक तगड़ा सा पैग मार ले फिर दर्द का एहसास भी कम होगा और मज़ा भी आयेगा!”

फ़रीदा ने खुद ही अपनी बेटी के लिये गिलास में व्हिस्की डाल कर उसे दी। फ़रीदा की आवाज़ और हावभाव से स्पष्ट था कि वो शराब के नशे में मदहोश थी। नाज़ अपनी अम्मी से शराब का गिलास लेकर उसी की तरह गटागट पी गयी। उसके बाद भी वो हिचकिचा रही थी तो मैंने नाज़ की चूँची को मसलते हुए कहा, “ठीक है नाज़ मेरी जान... मैं पहले तुम्हारी चूत चोदुँगा और अगर तुम चाहो तो बाद में मैं तुम्हारी गाँड मारूँगा!”

अब मैंने नाज़ को सीट से उठा कर सीट के सहारे खड़ा कर दिया और उसका हाथ सीट के किनारे से पकड़ा दिया। मैं फिर नाज़ के पीछे जाकर उसकी चूत, जो कि पीछे से बाहर निकल आयी थी, अपनी जीभ से चूसने लगा। नाज़ मारे गर्मी के अपनी कमर आगे-पीछे कर रही थी। मैं अपने एक हाथ से नाज़ की चूँचियाँ मसलने लगा। थोड़ी देर के बाद मैंने अपना लंड नाज़ की चूत पर रखा और धक्का मार कर उसको अंदर कर दिया। लंड अंदर जाते ही नाज़ हाय-हाय करने लगी लेकिन मैं उसको धीरे-धीरे चोदने लगा। नाज़ कहने लगी, “हाय! बेहद अच्छा लग रहा है, तुम जरा जोर से अपना लंड अंदर बाहर पेलो। मेरे चूत में बेहद खुजली हो रही है। अब तुम जोर-जोर से चोदो मुझे!”

4 users like this post  • saira, dpmangla, ShakirAli, Lion000666
Quote

इतना सुनते ही मैं नाज़ पर पिल पड़ा और उसे जोर-जोर से चोदने लगा और अपनी एक अँगुली में थूक लगा कर उसकी गाँड के छेद में घुसा कर घुमाने लगा। उधर मनोज भी फ़रीदा को सीट के सहारे झुका कर खड़ा कर के उसकी गाँड में अपना लंड पेल चुका था। फ़रीदा अपना सैंडल वाला एक पैर उठा कर सीट पर रखा हुआ था और अपनी कमर हिला-हिला कर अपनी गाँड मनोज से मरवा रही थी और बोल रही थी, “देख नाज़... देख कैसे सर का लंड मेरी गाँड में घुस कर मेरी गाँड चोद रहा है। सच कह रही हूँ... मुझे गाँड चुदवाने में बड़ा मज़ा आ रहा है। अब तू भी अमित से अपनी गाँड मरवा ले!”

“नहीं अम्मी, मुझे पहले अपनी चूत चुदवानी है। अमित से चूत चुदवाने में बेहद मज़ा आ रहा है मुझे! मैं बाद में अपनी गाँड में लंड पिलवाऊँगी। तुम अब मज़े से अपनी गाँड चुदवाओ,” नाज़ अपनी अम्मी से बोली। मैं उसकी इस तरह खुल्लम खुल्ला बात सुन कर बहुत खुश हुआ और उसकी चूत चोदता रहा। थोड़ी देर के बाद नाज़ बोली, “अमित मुझे अपनी अम्मी के पास जाना है। तुम ऐसे ही चोदते-चोदते मुझे अम्मी के करीब ले चलो!” मैंने भी अपना लंड निकाले बगैर नाज़ को अपनी बाहों में भर लिया और फ़रीदा के पास ले गया।

नाज़ अपनी अम्मी के पास पहुँचते ही फ़रीदा की चूंची को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी और अपने हाथों को फ़रीदा की चूत पर रख दिया। फिर वो बोली, “अम्मी जब जब अब्बू तुमको चोदते थे... मैं छुप-छुप कर देखती थी और अपने चूत में उंगली किया करती थी और सोचती थी कि एक दिन मैं तुम्हारे करीब बैठ कर तुम्हारी चूत की चुदाई देखुँगी। आज अल्लाह ने मेरी सुन ली और मैं तुम्हारे करीब खड़ी-खड़ी अपनी चूत में लंड चुदवाते हुए तुम्हें भी चुदते हुए देख रही हूँ!” यह कह कर नाज़ अपनी अम्मी की चूत सहलाने लगी।

हम लोगों ने अपने बिस्तर जमीन पर बिछा दिये और फिर फ़रीदा और नाज़ को साथ-साथ लिटा कर मैंने और मनोज ने उनकी चूत और गाँड खूब जम कर मारी। एक बार तो मैं फ़रीदा की गाँड मार रहा था और फ़रीदा नाज़ की चूत अपनी जीभ से चूस रही थी और मनोज अपना लंड नाज़ के मुँह में डाल कर चुसवा रहा था। फ़रीदा और नाज़ दोनों अपनी चूत और गाँड हम लोगों से मरवा कर बहुत खुश थीं और लौटने का प्रोग्राम भी हमने साथ-साथ बना डाला। यहाँ तक कि फ़रीदा ने अपने घर का पता और फोन नंबर भी मुझे दे दिया और बोली कि “दिल्ली लौट कर हमारे यहाँ जरूर आईयेगा... वहाँ मेरी सहेलियाँ भी होंगी जो कि अपनी चूत और गाँड तुमसे चुदवा कर खुश होंगी!”

इस तरह मैंने और मनोज ने अपने सफ़र का पूरा समय उन माँ और बेटी को चोदते हुए बिताया।


!! समाप्त !!


5 users like this post  • Trishna, saira, dpmangla, ShakirAli, Lion000666
Quote

Simple erotic story

Quote






incest comic bookstollywood nudesaunties undressbeti ki burhindi sexy storysbhabhi ki sexy storiesindian aunties hairy armpitsexbii picsdesi lundtelugu sex storyanime incest comicexbii tamilgirls pieingbrother and sister insectshakeela aunty hotactress pissing gifsada sex storycartoon insect porni pimped my wifesabsa jadaaa xxxindian aunties dress changingஆன் மார்பகம் சுகம்sexy southindian girlssex kathluanjali tarak mehtasneha hot fakespoorna hot hipdesi hot urdu storynaa moddahot telugu sex storygand ka mazaindian mallu aunties picturesaunties boobs exbiibig tited indianbur ka khelchavat kavitaindian sexi stori hindinew sexy storeysrilanka auntyporn stories urdusex chudai hindi storydesi hot aunty picsjab dat asskamavari images hqdesiincest storiesmaid sex storieshindi sexy sotrieshindi comics adultdesi behan storiesindian shemales piclarki ki chutautomated sex chattamil sexy auntiestamil pussiestodays nude picssaniya mirza nude picsmother exbiimarathi adults kathamaa ki sex storyamarture sex videosexbii momsmooch boobsgaand mein lundsex stories with office colleaguedevi angelahidden school camssri lanka sex pictureslatest bhabhi storiesdesi auntys photosdesi sex voicebiwi ki adla badlidesi stori in hindilow hip sareeslund ki kahaniaur chodogujarati sex storiesadults hindi stories80s heroins nud.jpjneha nair porn picsdesi chudai picneha nair sexyhindi sexy storis in hindi desisexy hindi family story३५ साल में हाइट का कितुम उपायporn desi picturebig bobs imagsgirls dressed and undressed picspics of mallu auntyfake nude wallpaperشازیہ منظور sex videonew exbiisote huetamil sex stories in tanglishmastram ki storymarathi aunties photosmalu aunty photosassboobtamil sex books in pdfcasting couch sex stories