एक बात उसने नोट करी की भले ही उसकी सास की चूत थोड़ी ढीली थी लेकिन अपनी तरफ से वो जिस तरीके से उसके हर झटके का जवाब दे रही थी, ऐसा लग रहा था की अजय उसे नही बल्कि वो उसे चोद रही है...अजय जितनी तेज गति से उसकी गांड पर झटके मारता, वो दुगने ज़ोर के साथ अपनी भरी हुई गांड पीछे की तरफ मरती , जिससे धपा - धप्प की जोरदार आवाज़ निकलती... पूरे बाथरूम में उन दोनो की सिसकारियां और ढप्प-2 की आवाज़ें गूँज रही थी... ''ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊहह अजय.................... कितना मोटा और लंबा है....... सच में .................. इतना बड़ा तो आज तक किसी का भी नही गया मेरे अंदर................ उम्म्म्मममममममममममममम ..... और ज़ोर से मारो ....... मेरी चूऊतत............आअहह मेरे राजा....... मेरे प्यारे जमाई राजा ..................... मारो.............. मेरी बेटी कितनी लक्की है,जिसे तुम जैसा लम्बे लंड वाला चोदू पति मिला है इसे , आआआआआअह्ह्ह , मैं भी तुम्हारा दहेज का माल हूँ .................. चोदो मुझे .................... अहह ...... ऊओह'' अजय मुस्कुराया और मन में बोला : "दहेज में तो मुझे तुम्हारे घर की सभी चूतें मिल चुकी है...... मेरी प्यारी सासू माँ ......'' और वो उसे और ज़ोर-2 से धक्के मारकर उसकी चुदाई करने लगा... फिसलन भरी ज़मीन और गीली टाईल वाली दीवारों की वजह से सरकते-2 वो हर झटके से आगे ही निकलती चली गयी....और धीरे-2 वो उस पर्दे के बिल्कुल करीब जा पहुँची, जिसके पीछे उसकी बेटी खड़ी होकर अपनी चूत मसल रही थी... लेकिन इस बात का आभास ना तो अजय को हुआ और ना ही रजनी और पूजा को....सभी अपनी-2 चुदासी में डूबे हुए सम्मोहित से हो चुके थे.... और आख़िर में जब अजय के लंड ने आख़िर वाले 10-12 शॉट्स लगाए, उन्हे महसूस करते हुए तो रजनी के भी अस्तबल के घोड़े खुल गये, और वो करीब 1 महीनो के बाद झड़ी...और ऐसी झड़ी जैसी आज तक अपनी जिंदगी में नही झड़ी थी...एकदम खुलकर...एकदम मचलकर...एकदम जंगली घोड़ी की तरह हिनहिनाटी हुई सी...
''आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआयययययययययययययययययीीई ...... ऊऊऊऊऊऊऊओह अजय ............................ मैं तो गअईईईईईईईईईईईईईईई रे ........................ अहह.... मजाआ आआआआआ....गग्ग्ग''
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उसका आख़िरी वाक़या ''गया'' तो उसके मुँह में ही रह गया....क्योंकि उत्तेजना में आकर वो जब झड़ने लगी तो उसके हाथ में शावर का पर्दा आ गया.... और उसने उसे पकड़कर बुरी तरह से नीचे की तरफ खींच डाला....और रजनी के जोरदार झटके से , पर्दे के प्लासिक वाले रिंग टूटते चले गये... और जब वो परदा गिरा तो अपनी आँखे बंद करके , अपनी चूत में उंगलिया मारती हुई पूजा वहां थी... एकदम नंगी...और वो भी शायद झड़ने के आख़िरी पल में थी...क्योंकि परदा के टूटने की आहट भी उसकी आँखे नही खुलवा सकी, वो तो बस बंद आँखो के पीछे अपनी चूत में अपने प्यारे जीजू के लंड को लेती हुई झड़ती चली गयी..... '' स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म्म्म्म्म जिजुउउउउउउउउ '' और जब उसने आँखे खोली तो उसके सामने का परदा हट चुका था... और उसके सिर्फ़ एक फुट की दूरी पर उसकी माँ रजनी, घोड़ी बनकर अपने दामाद से चुद रही थी.... और अपनी बेटी को ऐसी हालत में वहां देखकर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदल चुके थे.... उसका मुँह गोल सा होकर, हैरानी से खुला का खुला रह गया....आँखे फटी रह गयी....और उसे एक पल भी नही लगा ये समझते की वहां उसके आने से पहले क्या हो रहा था.. और इन सबसे अंजान अजय अभी तक अपनी आँखे मूंदे अपनी सास की चूत बजा रहा था....वो भी अपने आख़िरी पड़ाव में था.... और अगले ही पल वो पूरी गति से अपने अंदर का लावा अपनी प्यारी सास की चूत में उड़ेलने लगा... और जब उसने अपनी आँखे खोली तो झुकी हुई सासू माँ से पहले उसकी नज़रें सहमी हुई सी खड़ी पूजा पर गयी... टूटे हुए पर्दे को नीचे गिरा देखकर वो भी एक पल में सब समझ गया... उसका परदा ऐसे फ़ाश होगा, ये तो उसने सपने में भी नही सोचा था... उसका लंड मरा हुआ चूहा बनकर बाहर फिसल कर निकल आया... हैरान-परेशान सी रजनी सीधी हुई, उसे तो अब भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी जवान और कुँवारी बेटी उसी बाथरूम में थी जिसमें वो अपने दामाद से चुदवा रही थी... उसे शायद ये समझ नही आ रहा . की उसे अपनी बेटी के वहां होने पर गुस्सा होना चाहिए या ऐसे रंगे हाथो चुदाई करवाते हुए पकड़े जाने के बाद शर्मिंदा होना चाहिए.. पूजा भी अपनी माँ और अजय से नज़रे नही मिला पा रही थी... उसके मन में भी शायद यही अंतर्द्वंद चल रहा था की अपनी माँ को अपने जमाई से चुदवाने की बात पर कोसे या अपने वहां होने की सफाई पेश करे... अजय तो बिल्कुल ब्लेंक सा हो चुका था... उसने दोनो की चूतें तो मार ली पर उसकी ऐसी बुरी तरह से लगेगी, ये तो उसने सोचा भी नही था... हैरान परेशान सा खड़ा हुआ वो भी यही सोचे जा रहा था की अपनी सास को ये समझाए की पूजा वहां क्या कर रही है या पूजा को ये समझाए की उसने उसकी माँ की चूत क्यों मारी... तीनो एक दूसरे का मुँह ताके जा रहे थे... किसी में भी शायद हिम्मत नही थी की बात की शुरूवात करे... वो इस मुश्किल मे फँसे ही हुए थे की तभी वो हुआ जिसकी उन तीनो ने कल्पना भी नहीं की थी... बाथरूम का दरवाजा खोलकर, नींद से भरी हुई आँखे मलती हुई , रिया अंदर दाखिल हुई... और बोली : "क्या जीजू.... आप लोग मुझे बिना बताए नहाने घुस आए.... अकेले-2 कब तक मज़े लेते रहोगे....''
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अजय के नाजायज़ कर्मो का मटका एक पल में फूट गया...और उसके अंदर की सारी असलियत सामने आ गयी.. इस वक़्त तो उसे अगर चॉइस मिलती की इन सभी का सामना करे या धरती फटे और वो उसमे समा जाए तो शायद वो दूसरे ऑप्शन को ही चुनता...इन सभी को समझाने की ताक़त अजय में तो बिल्कुल नही थी.. अपनी नंगी बेटी के बाद रिया को भी वहां देखकर रजनी उतनी ही अचंभित हुई...उसे ये अंदाज़ा तो लग ही चुका था की जब पूजा वहां है तो रिया भी वहीं होगी...लेकिन वो भी उसके दामाद के साथ इतनी घुल मिल चुकी है जितनी की पूजा,ये वो नही जानती थी... अपनी बेटी को देखकर वो ये भी समझ गयी थी की कल रात से ही वो यहाँ है...दोनो बहनो ने अपनी सहेली के घर जाने का बहाना बनाकर यहाँ रात बिताने का प्रोग्राम बनाया था...वो अगर इतनी सुबह ना आई होती तो इसी बाथरूम में उसकी बेटी पूजा चुद रही होती...और शायद ये खेल रात भर चला है... यानी उसकी प्यारी बेटी...उसकी कुँवारी लाडली पूजा...अब चुद चुकी है... लेकिन क्या रिया भी अपने जीजू के साथ...?? लेकिन इन सब बातों की सफाई लेने का ये मौका सही नही था...वो खुद भी तो चुदाई करते हुए पकड़ी गयी थी...ऐसे में वो उनपर कैसे उंगली उठा सकती है... रिया की भी गिग्घी बंध गयी जब उसने अपनी मौसी को नंगा बाथरूम में खड़े देखा...उसके नन्हे से दिमाग़ में ये बात क्लियर ही नही हो पा रही थी की वो यहाँ कैसे आ गयी...और अगर आ भी गयी है तो इस तरह से नंगी खड़ी होकर वो क्या कर रही है...और वो भी उसी बाथरूम में जहाँ उनकी बेटी पूजा और जीजू भी नंगे खड़े है...लेकिन उसे तो पूरी बात पता नही थी...और इस वक़्त वो कुछ बोलकर अपनी और शामत नही बुलवाना चाहती थी..इसलिए वो उल्टे कदमो से भागकर वापिस उसी रूम में घुस गयी जहां उसने पूरी रात गुजारी थी. रजनी ने भी अपना गाउन उठाया और पहन कर बाहर निकल आई...जाते हुए उसने एक बार फिर से अपनी बेटी पूजा को देखा, जो अभी तक शॉक में थी, अपने नंगे जिस्म को ढकने की भी हिम्मत नहीं थी उसमे... रजनी भी जानती थी की अभी ना तो वो कुछ समझाने की स्थिति में है और ना कुछ पूछने की...इसलिए वो कपड़े पहन कर, बिना कुछ बोले, वहां से निकल गयी. उसके जाने के बाद अजय ने जल्दी से टावल लपेटा और पूजा के पास गया...वो अभी तक बुत्त सी बनी वहीं खड़ी थी...शायद उसे काफ़ी बड़ा सदमा लगा था ... अजय : "पूजा....पूजा.....होश में आओ....पूजा...'' अजय ने ज़ोर-2 से उसके नंगे बदन को पकड़ कर हिलाया...तब जाकर वो होश में आई....और एकदम से बड़बड़ाने लगी : "आई एम सॉरी मॉम ...आई एम सॉरी.....'' अजय : "पूजा...होश में आओ....तुम्हारी माँ जा चुकी है....मैं अजय हूँ ...देखो मुझे ..'' तब जाकर पूजा वापिस सच्चाई के धरातल पर आई...और सबसे पहले तो उसने अपने नंगे बदन को टावाल से ढका..और भागकर दूसरे रूम में गयी जहाँ उसके कपड़े रखे हुए थे...अजय की भी हालत बहुत बुरी थी...आगे क्या करना है ये सोचते हुए वो करीब 10 मिनट तक वहीं खड़ा रहा ..
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वो भी जानती थी की पापा तो हाइ शुगर के मरीज है...उनसे वो पहले जैसा सेक्स शायद नही हो पाता होगा...इसलिए तो मॉम ने अपने दामाद की तरफ मुँह किया....बस गड़बड़ ये हो गयी की दोनो रंगे हाथो पकड़े गये.. पूजा : "पर जीजू....अब मैं मॉम से नज़रें कैसे मिला पाऊँगी ..उन्हे कैसे समझा सकूँगी की मैने ये सब क्यों किया...और अगर उन्होने दीदी को बोल दिया तो....तो क्या होगा...'' अजय : "वो मेरा काम है...मैं समझाऊंगा उन्हे...और वो मेरी बात समझ भी जायगी...तुम बस मेरे हिसाब से सब कुछ करती रहना...देखना ...सब ठीक हो जाएगा...और जहां तक प्राची की बात रही तो तुम्हारी माँ ऐसा बिल्कुल नही करेगी की प्राची को ये सब बताए...वो खुद भी तो ऐसा कर चुकी है अपने दामाद के साथ जो उन्हे नही करना चाहिए था...और प्राची को बताकर वो अपनी बेटी का घर नही तोड़ेगी...क्योकि प्राची का नेचर सब जानते है...उसे अगर ये सब पता चला तो वो मुझे एक मिनट में ही तलाक़ दे देगी...इसलिए ये सब बातें हमे प्राची से छुपा कर ही रखनी पड़ेगी....बाकी मैं संभाल लूँगा...'' इतना कहकर अजय ने अपनी बाहें पूजा के चारों तरफ करके उसे अपने गले से लगा लिया....पास ही बैठी रिया भी उस हग के अंदर घुस आई और तीनो एक दूसरे को गले लगाकर कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहे.. अजय : "अक्चा...अब सुनो....तुम दोनो तैयार होकर यहाँ से निकलो....मैं भी नाश्ता करने वहीँ जा रहा हूँ ....तुम ठीक दस मिनट बाद वहां आ जाना, ओके '' पूजा : "ओक.....'' और उसने मुस्कुरा कर अपनी प्यारा सा चेहरा अजय के सामने कर दिया...अजय ने भी मौके का फायदा उठाकर एक छोटी सी पप्पी कर दी उसके होंठों पर... पूजा ने बुरा सा मुँह बनाते हुए मुँह पीछे कर लिया....ये कहते हुए भी की ऐसी सिचुएशन में भी आपको ये सब सूझ रहा है....रिया ये देखकर मुस्कुरा उठी.. वो दोनों तुरंत तैयार होकर वहां से निकल गयी ...उसके कुछ देर बाद अजय उनके घर की तरफ निकल पड़ा... दरवाजा उसकी सास ने ही खोला...वो अजय से नज़रें नही मिला रही थी...अजय के लिए इतना बहुत था...यानी वो खुद शर्मिंदा थी...वो अपनी तरफ से गुस्सा नही दिखा रही थी... वो भी इस वक़्त कुछ बोलकर बात को बढ़ाना नही चाहता था...रजनी किचन में चली गयी और अजय सीधा अपनी बीबी के बेडरूम में ...
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प्राची अभी-2 नहा कर निकली थी...वो उसे देखते ही लिपट गयी और बेतहाशा चूमने लगी...आज वो कुछ ज़्यादा ही एक्ससाइटिड लग रही थी.. अजय ने हमेशा की तरह उसके नर्म होंठों को धीरे से चूमा...पर प्राची ने उस छोटी सी किस्स को एक लंबे से स्मूच में बदल दिया... वो उसके होंठों को ज़ोर-2 से सक्क कर रही थी...जैसे उसकी फ़ेवरेट आइस्क्रीम मिल गयी हो खाने के लिए...और वो उसका रस चूस्कर पूरे मज़े ले रही थी. प्राची : "ओह ....अजय.......मेरी जान....... आई मिस्ड यु सो मच...... पता है.... कल रात को मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी.... एक बार तो मेरा मन किया की चुपके से दरवाजा खोलकर निकल जाऊ और सीधा तुम्हारे पास पहुँच जाऊ ...'' इतना सुनते ही अजय के माथे पर पसीना उभर आया.....वो सोचने लगा 'अगर ऐसा हो जाता तो शायद कल रात मेरी जिंदगी का आख़िरी दिन होता' पर बेचारा कुछ बोल नही पाया...उसे ऐसे चुप सा देखकर प्राची बोली : "क्यों....क्या हुआ..... तुम्हे अच्छा नही लगता क्या.... मेरा ये सरप्राइज .... ह्म्*म्म्म ...बोलो....'' अजय : "उम्म्म ..... हाँ ....हाँ ...क्यो नही.... बहुत अक्चा लगता. ..... पर ....तुम्हारी तबीयत अभी ठीक नही है ना....डॉक्टर्स ने सीडिया चड़ने - उतरने को मना किया है ना....बस 1-2 दिन और ..... फिर मैं खुद तुम्हे उठा कर ले चलूँगा....'' प्राची : "उम्म्म्मम .... डॉक्टर्स ने सीडियां चड़ने को मना किया है.... इसपर चड़ने को तो नही ना....'' इतना कहते-2 प्राची ने अजय के लंड को पकड़ लिया...जो उसके 'सरप्राइज' वाली बात को सुनकर सिकुड चुका था... प्राची : "अर्रे...... ये क्या हुआ इसे..... मेरी किस्स और सरप्राइज वाली बात के बाद भी इसकी ये हिम्मत की ये खड़ा नही हुआ..... रूको ...अभी बताती हूँ इसको.....'' इतना कहकर प्राची ने उसकी पेंट के बटन खोलने शुरू कर दिए.. अजय : "प्राची....नो ..... ये....ये क्या कर रही हो....तुम्हारी मॉम है बाहर. ..... पूजा और रिया भी आने वाली होंगी..... रुको ....'' पर प्राची अपनी जिद्द पर अड़ी रही....उसने अजय की बेल्ट खोल दी...और बटन और चैन भी....अजय ने घबराकर दरवाजे की तरफ देखा... प्राची उसकी दुविधा समझ गयी....वो अपनी सासू माँ से डर रहा था... वो भागकर गयी और अपने रूम का दरवाजा बंद कर दिया... और अपने गाउन की जीप खोलती हुई उसकी तरफ बढ़ने लगी....और बोली : "ओ मेरे भोले राजा.... ये मेरा कमरा है... और तुमने मुझसे शादी की है... इसलिए इतना डरने की ज़रूरत नही है.... मॉम इस बात को अच्छे से समझती है.... '' बेचारा अजय कुछ ना बोल पाया...और प्राची ने अपने गाउन को खिसका कर नीचे कर दिया....उसने ब्रा नही पहनी हुई थी...उसके पके हुए अमरूद जैसी कड़क छातियाँ बाहर निकल आई और वो एक बार फिर से उससे लिपट कर ज़ोर-2 से चूमने लगी...
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अजय के हाथ भी अपने आप उसके बूब्स पर आ टिकी और वो उन्हे नींबू की तरह निचोड़कर उनमे से दूध निकालने का प्रयास करने लगा... वो उसके कान मे फुसफुसाई : "अभी इनमे से दूध निकलने में टाइम है.... जब निकलेगा ना...तब ऐसा करना...'' अजय पर भी अब खुमार चढ़ चुका था...वो उसकी आँखों में देखता हुआ नीचे झुका और बोला : "जब दूध निकलेगा तो इन्हे निचोड़ूँगा नही....ये करूँगा...'' और इतना कहकर उसने उसके दाँये वाले मुम्मे को मुँह में भरकर ज़ोर से चूस डाला...प्राची का पूरा शरीर झनझना उठा....और वो तड़पकर बोली : "उम्म्म्ममम..... मेरे राजा ....... अभी के लिए तो मुझे तुम्हारा दूध पीना है......समझे....'' और इतना कहकर उसने अजय को अपने बेड पर धक्का दे दिया और खुद उसके पैरों के बीच जाकर बैठ गयी....अजय अपनी कोहनियो के बल आधा लेटकर उसे देखने लगा.... प्राची ने उसकी पेंट को नीचे खिसकाया और उसके लंड को पकड़कर अपने हाथ से हिलाने लगी....और फिर धीरे-2 अपना मुँह आगे किया और उसके लंड को अपने मुँह मे लेकर ठीक उसी प्रकार से चूसने लगी जैसे वो उसके होंठ चूस रही थी...
अजय की आँखे बंद होती चली गयी....और उसने सिर पीछे की तरफ गिराते हुए एक जोरदार सिसकारी मारी ..
''आआआआआअहह .....सककककक मी बैबी.......सकक्क मिईीईई''
और उसकी आवाज़ इतनी तेज थी की बाहर तक गयी....और उनके कमरे की तरफ चाय और नाश्ता लेकर आती हुई रजनी वहीँ ठिठक कर रुक गयी....उसकी आँखो के सामने एक बार फिर से अपनी सुबह वाली चुदाई और बाथरूम में नंगी खड़ी पूजा का चेहरा कौंध गया....और वो बुदबुदाती हुई वापिस किचन की तरफ चली गयी "पता नही क्या खाता है जो इतना सब करने की पावर आती है इसमे...''
और अंदर प्राची ने अजय के लंड के साथ-2 उसके कपूरे भी चूस डाले....आज वो पहले से कही ज़्यादा उत्तेजित लग रही थी....
और उसके इस उत्तेजक प्रहार की वजह से अजय सिर्फ़ 5 मिनट में ही झड़ने के बिल्कुल करीब पहुँच गया...
और तभी बाहर की बेल बजी....पूजा और रिया वापिस आ गयी थी.
रजनी ने ही दरवाजा खोला...और इस बार भी उन्होने बिना कुछ कहे...नज़रे चुराते हुए, वापिस किचन का रुख़ कर लिया...
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