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Wife बीवी की चुदाई (part-2)

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Wife बीवी की चुदाई (part-2)
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#1
11-07-2018, 12:17 PM (This post was last modified: 11-07-2018, 09:23 PM by rajbr1981.)
मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र लगभग 34 साल है, मेरी बीवी का नाम कामिनी है और उसकी उम्र 31 साल की है, उसकी फिगर बहुत ही कामुक है, उसकी फिगर 36 डी 30 और 38 है और वो बहुत सुन्दर महिला है. हमारी शादी को लगभग 6 साल हो चुके हैं और 4 साल की हमारी एक बेटी है. मेरी पत्नी ने बेटी होने के बाद जॉब छोड़ दिया था, पहले वो एक टेलीकॉम कंपनी में ऑफिस रिसेप्शन पर थी.
अभी एक साल पहले वो मुझसे कहने लगी कि वो घर में बोर हो जाती है और वो जॉब ज्वाइन करना चाहती है. बेटी को मेड संभाल लेगी.
पहले मैंने मना किया पर उसका मूड ख़राब रहने लग गया तो मैं मान गया. मैंने उससे पूछा- कहाँ जॉब मिलेगी?
तो उसने बताया कि उसकी पुरानी सहेली एक बिल्डर के यहाँ रेसेप्टनिस्ट है और वो उसकी जॉब बहुत अच्छी सैलरी पर लगवा देगी और 10 से 6 का टाइम रहेगा.
मैं मान गया.
वो जॉब पर जाने लगी और मैं अपने जॉब पर… हमारी शादीशुदा जिन्दगी अच्छी चल रही थी. और जब दोनों कमाने लगे तो हम खूब एन्जॉय करते, डांस बार और पब जाने लगे. वो काफी हॉट कपड़े पहन के जाती और उस जैसी पटाका आइटम को देख मर्द आहें भरा करते. मैं टोकता तो वो बोलती- तुम क्यों जलते हो? अगर मुझको देख कर ये बेचारे खुश हो जाते हैं.
रात को आकर हम खूब जोरदार सेक्स करते.
इसी तरह लगभग 8 महीने बीत गए. अब वो कभी कभी लेट आने लगी. मैं जब टोकता तो बोलती- एम डी सर थे, इसलिये देर हो गई!
शुरू शुरू में मैंने ध्यान नहीं दिया, धीरे धीरे रात को जब मैं सेक्स करने चलता तो वो कहती आज बहुत थक गई हूँ, तुम मेरे पैरों में तेल लगा दो, कल करेंगे!
एक दिन मैं जल्दी आ गया और मेड चली गई थी. हमारी बेटी मेरी बहन के यहाँ थी. मैं अपनी बाइक उठा कर कामिनी के ऑफिस पहुंच गया.
लगभग 6.30 बजे थे, मैंने सोचा बाहर ही इंतजार करता हूँ, आएगी तो सरप्राइज दूंगा.
लगभग 15-२0 मिनट में मैंने देखा कि ज्यादातर सब लोग चले गए हैं पर वो नहीं निकली.
तभी मैंने देखा कि मेरी बीवी बाहर निकली और उसके साथ बहुत अच्छे डील डौल का बंदा भी बाहर आया और तभी एक बड़ी कार आकर रुकी शायद ड्राइवर गाड़ी का ड्राइवर था जो गाड़ी उस बन्दे के लिये लाया था जो कामिनी के साथ निकला था उसने कार का दूर खोला और वो कामिनी से बात करता रह और गाड़ी में बैठ के जाने लगा.
मैंने देखा कि कामिनी भी ऑफिस से निकल गई, उसने मुझे नहीं देखा था.
वो ऑफिस से बाहर निकल कर ऑटो मैं बैठ गई.
मैंने उस ऑटो के पीछे बाइक लगा कर आवाज ही देने वाला था कि मुझको वही बड़ी गाड़ी आगे खड़ी दिख गई, पता नहीं क्या हुआ, मैं भी दो मिनट के लिए रुका.
मैंने देखा कि कामिनी ऑटो से उतर कर उस बड़ी गाड़ी का गेट खोल कर उसमें बैठ गई. मेरा दिमाग घूमने लगा, कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है.
मुझको कुछ गड़बड़ लगा, फिर दिल मानने को तैयार नहीं हुआ, मैं गाड़ी के पीछे पीछे चलने लगा. पर वो गाड़ी मेरे घर की तरफ जब जाने लगी तो मैं जल्दी से शर्ट कट से घर पहुंच गया. मेरे घर पहुँचते ही पांच मिनट बाद कामिनी भी आ गई. मुझे अपने आप पर गुस्सा आ रहा था कि मैंने बेकार में कामिनी पर शक किया.
एक दो महीने बीत गए, मैंने देखा कि कामिनी मेरे साथ सेक्स में उस गरम जोशी से सेक्स नहीं करती जिस तरह वो पहले किया करती थी. फिर मैंने सोचा कि ऑफिस में थक जाती होगी.
एक दिन मैंने सोचा कि आज पूछ ही लेता हूँ और ऑफिस के लिए निकल गया शाम को, मैं सीधे कामिनी के ऑफिस पहुँचा तो देखा वो ऑफिस से निकल रही है.
मैं चुपचाप उसको देखने लगा. वो ऑफिस से निकल के एक रेस्तरां पर रुक गयी. इतनी देर में वही लम्बी गाड़ी आकर रुकी और मेरी बीवी उसमें बैठ कर निकल गई. मैंने सोचा कि घर ही आएगी मैं घर आ गया.
पर वो घर नहीं पहुंची. वो लगभग नौ बजे रात में घर पहुंची और बोली- आज बहुत देर हो गई… सॉरी राहुल, चलो बाहर ही खाना खा लेते हैं, मैं बहुत थकी हूँ.
हम बाहर खाना खाने चले गए.
मैंने सोचा कि रात में पूछूंगा कि क्या चक्कर है.
हम घर पहुंचे और वो सोने की तैयारी करने लगी.
मैंने पूछा- क्या चक्कर चल रहा है?
वो बोली- कैसा चक्कर?
मैंने कहा- तुम ऑफिस के बाद उस कार में बैठ कर कहाँ गई थी?
वो बोली- ओह्हो… तो मेरी जासूसी हो रही है?
बोली- काम से गई थी!
मैंने कहा- तुम जॉब छोड़ दो!
वो बोली- में जॉब नहीं छोड़ूंगी, तुम मुझसे जल रहे हो कि मैं तुमसे ज्यादा सैलरी कैसे ले रही हूँ. और मुझको तुमसे कोई बात नहीं करनी है!
मुझको कुछ समझ नहीं आ रहा था.
वो खुद ही रात में बोली- वो एम डी सर का बेटा है, उसके साथ जाना पड़ता है क्लाइंट के पास! तुम तो जबरदस्ती शक करते हो!
और मुझको पुचकारने लग गई.
सब नार्मल हो गया.
थोड़े दिन निकल गए, मैं भी इन बातों को भूल गया. एक दिन में जल्दी ऑफिस से कामिनी के ऑफिस पहुंच गया और बाहर वेट करने लगा. तभी वो लम्बी गाड़ी आई और वो उसी हट्टे कट्टे बन्दे के साथ गाड़ी में निकल गई.
मैंने भी अपने बाइक उनके पीछे लगा दी.
वो ऑफिस से २0 किलोमीटर से ज्यादा आ गयी थी और एक मॉल की पार्किंग में जा के खड़ी हो गई. मैं चुपचाप छुप कर देखने लगा.
गाड़ी में से ड्राईवर बाहर आ गया पर वो दोनों नहीं उतरे. मैं गाड़ी के एकदम नजदीक पहुंच गया और गाड़ी के शीशे में देखने की कोशिश करने लगा. मैंने देखा कि कामिनी को उस बन्दे ने चिपका रखा है और वो उसको किस कर रहा है, कामिनी भी उसको किस कर रही है, और दोनों लिपटे हुए थे.
मेरे दिमाग में काम करना बंद कर दिया, मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में थी.
मैं समझ गया था कि बहुत देर हो चुकी है. मैं खड़े होकर उन दोनों को देखने लगा, वो दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए थे, वो कामिनी की चुची सहला रहा था, कामिनी उसको किस कर रही थी, वो दोनों इसी तरह लिपटे चिपटे रहे और करीब 15 मिनट के बाद गाड़ी से उतर कर मॉल में चले गए. मैं थोड़ा दूरी बना कर उनके पीछे चल दिया.
वो दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़े मॉल में घुस गए, पहले वो एक जहाँ औरतों की ब्रा पेंटी और नाइटी की शॉप में घुस गए और उस बंड़े ने शायद शॉप की सेल्स गर्ल से कुछ कहा और वो बहुत सुन्दर ब्रा पेंटी के सेट दिखाने लगी.
और फिर उसने कुछ बेबी डॉल ड्रेस और जी-स्ट्रिंग पेंटी वगैरह दिखाई. उन्होंने वह ढेर सारी शॉपिंग की और उसी बन्दे ने अपना कार्ड निकल कर पेमेंट किया और वो निकल कर शॉपर्स स्टॉप के शोरूम में घुस गए.
मैं भी उससे थोड़ी दूरी पे उनके पीछे था. कामिनी ने जीन्स ली, कुछ टॉप पसंद किए जो कामिनी ने उसको पहन कर दिखाए और फिर उस बन्दे के किये कामिनी ने टीशर्ट और जीन्स वगेरह ली.
फिर वो थोड़ी देर ऐसे ही घूमते रहे और मॉल के बाहर आ गये और गाड़ी की तरफ गए. ड्राइवर कार निकाल लाया था और वो दोनों उसमें बैठ कर बहुत तेजी से निकल गए.
मैं भी जल्दी से निकला और घर पहुंच गया. मुझसे पहले कामिनी घर पहुंच चुकी थी, मुझको देख कर बोली- कहाँ थे?
मैं कुछ नहीं बोला.
वो बोली- खाना आर्डर किया था, आ गया है, खा लो!
मैंने कहा- नहीं खाना!
बोली- क्या हुआ?
मैं कुछ नहीं बोला, चुप चाप कमरे में आ गया.
वो रिक्वेस्ट करती रही- खा लो!
मैंने चुपचाप खाना खाया और बैडरूम में आ गया.
मैं उस पैकेट को देख रहा था जो कामिनी ने शॉपिंग की थी, पर वो नहीं मिला.
वो मुझको देख कर बोली- क्या ढूंढ रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं!
वो बोली- बोलते क्यों नहीं?
मैं फट पड़ा- जो तुम सब कर रही हो न… अच्छा नहीं है!
वो बोली- क्या कर रही हूँ?
मैंने कहा- सब जानता हूँ!
वो बोली- क्या जानते हो?
हमारी बहुत देर तक लड़ाई झगड़ा होता रहा, कुछ दिनों कामिनी टाइम पर घर आने लगी और वो उस गाड़ी में भी नहीं बैठती थी. मैं समझा कि सब नार्मल हो गया है, मैंने भी ज्यादा तूल नहीं दिया.
एक दिन मैं ऑफिस से निकला तो थोड़ी दूर पे रेड लाइट पे एक फॉर्चूनर आकर रुकी और जैसे ही ग्रीन सिगनल हुआ, वो आगे निकल गयी, एक जगह सुनसान जगह पर वो मेरे आगे चलने लगी और एकदम से ब्रेक मार दी. मेरी बाइक उससे टकरा गयी.
उसमें से दो बहुत हट्टे कट्टे लड़के उतरे और गाली देने लगे.
मैंने भी दे दी.
उन्होंने मुझको कालर से पकड़ लिया, एक ने मेरी बाइक वहाँ पोल एक खम्बे के साथ खड़ी करके लॉक कर दी और चाभी अपने पास रख ली और बोला- साले देख के नहीं चलता?
मैंने भी कहा- मेरी चाभी दो!
वो बोला- साले बहुत ज्यादा चर्बी चढ़ गई है?
और उन्होंने मुझको अपनी गाड़ी में खींच के डाल दिया और गाड़ी आगे बढ़ा ली.
मैं डर गया, बोला- जाने दो!
वो मुझको बदमाश टाइप के लग रहे थे, बोले- चुप चाप बैठा रह!
पांच मिनट में एक कोठी में गाड़ी घुस गई और वो मुझको खींच कर उस कोठी में ले गए, वहाँ पूछते ही एक ने मुझको बोला- अब बोल बेटा!
मैंने कहा- मुझ को जाने दो!
वो बोला- अब बेटा, सजा तो मिलेगी!
उनके मुँह से दारू की बदबू आ रही थी, वो बोले- साले चल जल्दी से अपने कपड़े खोल!
मैंने कहा- प्लीज मुझको छोड़ दो!
वो नहीं माने, बोला- जितनी जल्दी बात मानेगा, छोड़ देंगे!
और मज़बूरी में मैंने अपनी पैन्ट शर्ट उतार दी.
वो बोला- जल्दी ये भी उतार!
मैं बोला- प्लीज गलती हो गई, जाने दो!
वो नहीं माने और उसने एक मोटा डंडा उठा लिया, बोला- बताऊँ क्या?
मैंने अपना बनियान और अंडरवियर उतार दिए.
मुझको नंगा देख कर दोनों जोर जोर से हंसने लगे, बोले- बड़ा चिकना है रे तू तो!
पहला वाला दूसरे से बोला- देख, मादरचोद को… इसकी गांड कितनी चिकनी है लौन्डियों की तरह!
मैंने कहा- प्लीज, जाने दीजिये. अब तो आपने जैसे कहा, कर दिया.
बोला- अभी कहाँ किया!
उन दोनों ने अपने कपड़े खोल दिए, बोले- चल भोसड़ी के, चूस हमारे लंड!
मैंने कहा- मैं नहीं चूसूंगा!
वो बोला- साले, तू क्या… तेरे अच्छे अच्छे भी चूसेंगे!
और हाथ में लिए डंडा मेरी गांड में जोर से मारा.
मैं चीखने लगा, बोला- हाय!
वो बोला- और लाल करूँ?
मरता क्या नहीं करता, मुझको उनके लंड चूसने पड़े और दोनों झड़ गए.
लंड चूस कर फिर मैं चुपचाप बैठ गया, मैंने कहा- अब तो छोड़ दो!
बोले- जाने से पहले यह तो देख ले!
और जो सब उन्होंने मुझसे करवाया था, वो उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड कर लिए था.
बोले- अब ज्यादा कुछ बोलेगा तो नेट पे डाल देंगे. हम को मालूम है कि तू कहाँ नौकरी करता है.
फिर वो मुझको उसी जगह जहाँ बाइक खड़ी थी, छोड़ कर चले गए.
मैं आया तो कामिनी बोली- आज बड़ी देर हो गई?
मैं कुछ नहीं बोला, सीधे बैडरूम में चला गया.
मेरी बीवी बोली- खाना नहीं खाना?
मैं बोला- नहीं!
मैं ऐसे ही सो गया.
मेरा 4-5 दिन किसी काम में मन नहीं लगता था, न मन लगता था.
इसी बीच कामिनी का बर्थडे था, वो बोली- मैंने अपना बर्थडे सेलिबरेट करना है!
मैंने कहा- जो करना है, करो!
मेरी बीवी ने अपने फ्रेंड्स को बुलाया, मेरी सिस्टर भी आई. साढ़े नौ बजे तक सब चले गए.
मेरी बहन से कामिनी ने कहा- दीदी, आज आप पिंकी को लेती जायेंगी? मुझको ऑफिस जल्दी जाना है.
पिंकी हमारी बेटी का नाम है.
वो बोली- ठीक है!
और अब घर पे हम दोनों रह गए.
मैंने कहा- खाना खा लें?
वो बोली- रजत सर आते होंगे!
मैंने कहा- कौन रजत सर?
मेरी बीवी बोली- अरे, हमारे ऍम डी सर के बेटे!
मैं सुलग गया, मैंने कहा- वो क्या करने आएगा?
मेरी बीवी बोली- तुमको क्यों मिर्चें लग रही हैं?
इतनी देर में हमारी कॉल बेल बजी और रजत घुसा. पूरे कमरे में उसके परफ्यूम की महक भर गई.
कामिनी उस को देख कर इतनी खुश हुई कि बस पूछो मत!
उसने जेब से एक गिफ्ट निकाला और मेरी बीवी कामिनी से बोला- उंगली कहाँ है मैडम आपकी?
और एक रिंग पहना दी.
कामिनी बोली- वाऊ, डायमंड की रिंग!
वो बोला- अरे मैडम, ये डायमंड की रिंग तो आपकी खूबसूरती के आगे कुछ नहीं है.
और मेरी तरफ देख कर बोला- क्यों सही कहा ना?
मैंने कहा- जी!
बोले- अरे मैडम की बर्थडे है, शैम्पेन वगैरा नहीं खोलोगे?
मैंने- नहीं… है नहीं!
वो बोला- मैं लाया हूँ!
और मुझसे बोले- नीचे मेरी कार खड़ी है, ड्राइवर है, उससे ले लीजिए!
मैंने कामिनी की तरफ देखा तो वो बोली- अरे सर कह रहे हैं जाओ ना!
और मैं मजबूरी में कार से बोतल लाने चला गया.
लौटा तो मेरी बीवी उसके एकदम बगल में बैठी थी, मैं जैसे ही आया, उसने मेरे हाथ से बोतल ले ली, बोली- ये लीजिये सर! आ गई.
और उसने बोतल एक झटके से खोली जोर से झाग उठा और उन दोनों ने एक दूसरे के हाथों के अंदर हाथ डाल के पी और उसने कामिनी को मेरे सामने ही किस किया और बोला- हैप्पी बर्थडे मैडम! कैसा लगा गिफ्ट?
मेरी बीवी बोली- बहुत सुन्दर!
और उसने भी विवेक को किस किया, बोली- यू आर सो लविंग सर!
वो बोला- यार नो सर… ओनली विवेक! मैंने तुमसे कितनी बार कहा!
मुझको समझ नहीं आ रहा था, मेरी बीवी गैर मर्द के साथ एन्जॉय कर रही थी और मुझको बहुत गुस्सा आ रहा था, मैं गुस्से से बोला- मैं सोने जा रहा हूँ!
मेरी बीवी बोली- जाओ!
मैं गुस्से से कमरे में आ गया और वो दोनों वहीं रह गए.
थोड़ी देर में कामिनी आई, बोली- ये क्या है?
मैंने कहा- मेरा दिमाग मत ख़राब करो!
मेरी बीवी बोली- जो करना है करो!
और उसने अलमारी से कुछ कपड़े निकले और बाथरूम में चली गई.
मैं लाइट बंद करके लेट गया.
20-25 मिनट बीत गए, कामिनी नहीं आई, मुझको बहुत तेज गुस्सा आ रहा था, मैं बाहर के कमरे में जाने के लिये निकला तो उन दोनों की हंसने की आवाज आ रही थी, मैं चुपचाप देखना चाहता था कि क्या हो रहा है.
मैंने देखा कि दरवाजा उड़का हुआ था. मैंने धीरे से देखा तो देख कर दंग रह गया, कामिनी ने जांघों तक की छोटी बेबी डॉल ड्रेस पहन रखी थी, उसकी गोरी गोरी टांगें नंगी थी और उसकी बैक भी आधी से ज्यादा खुली थी और वो विवेक से चिपक कर बैठी थी.
विवेक ने बोला- तुम्हारा पतिदेव सो गया?
वो बोली- अरे सो गया होगा, तुम क्यों परेशां होते हो!
वो बोला- अरे मैडम, हम क्यों परेशां होंगे!
और उसने कामिनी को अपने बदन से चिपका कर स्मूच करना चालू कर दिया और कामिनी भी उसका साथ दे रही थी, दोनों एक दूसरे में घुसे जा रहे थे, उसने कामिनी के मम्में ऊपर से मसलना चालू कर दिए कामिनी भी उसकी बाहों में मदहोश हो रही थी.
मुझको पता नहीं क्या हो गया, मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, मुझको यकीं नहीं हो रहा था कि मेरी घरेलू बीवी गैर मर्द के साथ मजे ले रही थी. उसने कामिनी को सोफ़े पे लिटा दिया और उसपे लेट कर किस करने लगा.
कामिनी बोली- यार, मूड मत ख़राब करो, वो अंदर है!
विवेक बोला- तो क्या कर लेगा?
कामिनी बोली- ज्यादा हीरो मत बनो?
वो बोला- जानू, आज तो तुम्हारी ले के ही जाऊंगा!
बोली- पागल हो क्या? आज नहीं!
मैं समझ गया कि मेरा शक ठीक था, ये दोनों मजे करते हैं.
उसने कामिनी को अपने बदन से चिपका कर स्मूच करना चालू कर दिया और कामिनी भी उसका साथ दे रही थी, दोनों एक दूसरे में घुसे जा रहे थे, उसने कामिनी के मम्में ऊपर से मसलना चालू कर दिए कामिनी भी उसकी बाहों में मदहोश हो रही थी.
मुझको पता नहीं क्या हो गया, मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, मुझको यकीं नहीं हो रहा था कि मेरी घरेलू बीवी गैर मर्द के साथ मजे ले रही थी. उसने कामिनी को सोफ़े पे लिटा दिया और उसपे लेट कर किस करने लगा.
कामिनी बोली- यार, मूड मत ख़राब करो, वो अंदर है!
विवेक बोला- तो क्या कर लेगा?
कामिनी बोली- ज्यादा हीरो मत बनो?
वो बोला- जानू, आज तो तुम्हारी ले के ही जाऊंगा!
बोली- पागल हो क्या? आज नहीं!
मैं समझ गया कि मेरा शक ठीक था, ये दोनों मजे करते हैं.

कामिनी बोली- तुम भी न बहुत जिद्दी हो! एक मिनट कमरे में तो देख आऊँ कि वो सोया या नहीं!
वो बोला- छोड़ो न!
मेरी बीवी बोली- जाने दो न, अभी आती हूँ!

मैं जल्दी से कमरे में आकर लेट गया और ऐसा दिखाया कि जैसे गहरी नींद में हूँ. उसने कमरे की लाइट जलाई और बोली- राहुल राहुल!
मैं कुछ नहीं बोला, वो वापस कमरे में चली गई. मैं दस मिनट ऐसे ही दम साधे पड़ा रहा और इंतजार करने लगा कि आगे क्या होगा.

थोड़ी देर बाद मैं धीरे से उठा, मेरे पैर काँप रहे थे, कमरे का दरवाजा धीरे से खोल कर बाहर झांका तो ड्राइंग रूम की लाइट बंद थी. हमारा एक बैडरूम फर्स्ट फ्लोर पे था, मैं धीरे से ऊपर पंहुचा तो कमरा अन्दर से बंद था और आवाजें आ रही थी. मैंने डोर लॉक के छेद से झांका तो अंदर का नजारा देख कर चकरा गया. कामिनी बेबी डॉल ड्रेस में थी और विवेक जींस की जगह शॉर्ट्स और टीशर्ट में था और वो बेड पर बैठ कर बात कर रहा थे.

थोड़ी देर बाद विवेक ने कामिनी को खींच लिया अपनी तरफ और बोला- बहुत तड़पा रखा है!
वो बोली- अच्छा… मेरा क्या?
और उसने विवेक के सीने पे हाथ फेरने चालू कर दिए. विवेक ने अपनी टीशर्ट उतार दी.
कामिनी बोली उसके डोले देख के- फुल गबरू हो!
विवेक का शरीर बहुत गठा हुआ था, उसके टीशर्ट उतारते ही कामिनी उसके सीने को चूमने लगी, बोली- क्या बॉडी है जानू तुम्हारी! बांहों में लेती हूँ तो लगता है कि कोई मर्द ले रही हूँ बांहों में!
विवेक ने उसको अपने बदन से चिपका लिया.

मेरा दिमाग खराब हो चुका था, मेरी बीवी किसी गैर मर्द से चुदने वाली थी.

विवेक ने कामिनी को गोद में उठा लिया और बोला- मेरी जान, तुम इतनी सुन्दर हो न कि बस बांहों में आती हो तो बसमजा आ जाता है. क्या सेक्सी चिकना बदन है मेरी जान का… पूरी की पूरी मक्खन हो मेरी जान!
वो बोली- तुम भी तो मेरे सलमान खान हो! मेरी जान की क्या बॉडी है; सलमान खान भी फेल है तुम्हारी जवानी के आगे!

विवेक बोला- क्यों तुम्हारे पति ऐसे ही नहीं उठाता गोद में?
वो बोली- वो उठा चुका… गिर ही पड़ेगा!
और जोर से दोनों हंसने लग गए मुझको इतना गुस्सा आ रहा था कि मन कर रहा था उनकी ऐसी की तैसी कर दूँ पर विवेक की बॉडी देख कर मैंने सोचा कि इसने अगर उठा के पटक दिया तो मेरी फट जाएगी.

मेरी बीवी का रोमांस उसके बॉस के बेटव से चल रहा था; उनको जैसे न मेरा डर था न जल्दी!
विवेक बोला- जानू, डांस करने का मन कर रहा है तुम्हारे साथ!
वहाँ ग्लास वाली कैंडल लाइट रखी थी, वो बोला- एक काम करो… यह कैंडल लाइट जलाओ और लाइट ऑफ कर दो; एकदम रोमांटिक माहौल हो जाएगा.

और मेरी कामुक बीवी ने कैंडल लाइट जला दी, कमरे का लाइट बंद कर दी; कमरे में अब रोशनी कम हो गई थी. विवेक ने अपने मोबाइल पर गाना चला दिया और दोनों एक दूसरे को बांहों में लिये डांस करने लगे.
विवेक टॉप लेस था और उसकी जबरदस्त बॉडी देख कर मैं हैरान था, शायद वो बॉडी बिल्डिंग करता था.

कामिनी और वो एक दूसरे की बांहों में बाँहें डाल के डांस कर रहे थे, उसने कामिनी को गांड के पीछे से पकड़ रखा था और कामिनी ने उसके सीने पर!
उसने धीरे से कामिनी के छोटे से बेबी डॉल में नीचे से हाथ डाला और नाचने लगा. कामिनी की लाल पेंटी साफ़ नजर आ रही थी. ये सब देख कर मुझे कुछ होने लगा और लंड खड़ा हो गया.

दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए और उनके चुम्बन लम्बे चले जा रहे थे. वो दोनों एक दूसरे में खो चुके थे पूरी तरह; कामिनी ने अपने जीभ बाहर निकाली, वो विवेक चूसने लगा, फिर उसने धीरे से कामिनी का बेबी डॉल उतार दिया, अब कामिनी का गोरा गोरा बदन सिर्फ लाल कलर की ब्रा और पेंटी में था.

मेरा बुरा हाल हो चुका था, मैं सिर्फ अपने लंड पर हाथ रख कर मदहोश होकर ये सब देख रहा था, मेरी अकल ने काम करना बंद कर दिया था. उसने कामिनी के गले पर किस करना शुरू कर दिया, पहले दायीं तरफ, फिर बायीं तरफ… कामिनी भी उसके सीने में जीभ चलाने लगी.

विवेक मेरी बीवी के मम्में मसल रहा था, वो कामुकता से सिसकारियाँ भर रही थी, गर्म हो रही थी, एकदम से विवेक ने कामिनी को चिपका लिया और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
कामिनी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसने विवेक की पैंट का हुक खोल दिया, फिर उसने बटन खोल दिए, उसकी पैन्ट नीचे गिर पड़ी. विवेक ने एक हाथ से अपनी पैन्ट निकाल कर टेबल पर डाल दी. अब वो सिर्फ ब्लैक कलर की फ्रेंची में थी, उसका मोटा लंड साफ़ नज़र आ रहा था.

अब मैं दरवाजे के एकदम पास आकर यह नज़ारा देख रहा था. बाहर बिल्कुल अँधेरा होने के कारन उनको कुछ नज़र नहीं आता था.

कामिनी शायद ज्यादा गर्म हो चुकी थी, उसने विवेक की फ्रेंची के ऊपर से उसका लंड सहलाना शुरू कर दिया और धीरे धीरे सहलाती रही. विवेक ने कामिनी को गेंद की तरह गोदी में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया, मेरी बीवी कामिनी ने अपनी बांहें खोल दी और उसको अपने आगोश में लेने के लिये विवेक जैसे ही झुका, कामिनी ने उसको अपने ऊपर खींच लिया, बोली- जानू, तुमने नशा चढ़ा दिया है अपना!
विवेक बोला- तुमने भी मुझे पाल कर रखा हुआ है, मुझे!
“अपनी बीवी के साथ सोना अच्छा नहीं लगता?” मेरी बीवी बोली.
तो विवेक बोला- अब तो तुम ही हो मेरी जान!
और उसने कामिनी को पलटा कर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए, कामिनी के गोरे गोरे 36डी के मम्में आजाद होकर इधर उधर झूलने लगे.

कामिनी का गोरा गोरा शरीर और विवेक का नंगा जिस्म उस कैंडल लाइट में किसी पोर्न फिल्म के सीन जैसा लग रहा था. विवेक ने कामिनी को पलटा दिया और उसकी गोरी गोरी पीठ पर नाक रगड़ने लगा.
कामिनी जोर से बोली- क्या कर रहे हो? गुदगुदी हो रही है… छोड़ो न प्लीज!
और वो पलट गई.

विवेक ने कामिनी के बड़े बड़े मम्में मसलने शुरू कर दिए और दांत से निप्पल काटते हुए चूसने लगा.
कामिनी बोली- धीरे से करो न प्लीज!
पर विवेक ने कामिनी के मम्में मसलना चालू रखा. उसके मम्में लाल हो चुके थे, वो कभी राइट वाला निप्पल कभी लेफ्ट वाला निप्पल मुँह में ले के चूसता और छोड़ता.

कामिनी ने विवेक की चड्डी में हाथ डाल कर उसका लंड जोर से पकड़ लिया.
विवेक बोला- यार धीरे से… लंड उखाड़ लोगी क्या?
कामिनी बोली- जब से खुद निप्पल चूस चूस के मम्में रगड़ रगड़ के लाल कर दिए तब कुछ नहीं हुआ? मेरा बस चले न तो मैं तुम्हारे लंड को अपने पास ही रख लूं!
और हंसने लगी.

उसने विवेक की फ्रेंची नीचे खींच दी.
विवेक बोला- मतलब अब हमारी मैडम से बिना लंड लिये रहा नहीं जा रहा?
वो बोली- इतनी देर से रगड़ रहे हो तो मेरी चूत गीली नहीं होगी क्या? और वो मेरा डब्बा पति उठ गया और तुमको चोदते देख लिया न उसने तो वो हार्ट अटैक से मर जाएगा. समझे मेरी जान? विवेक बोला- उसका इंतज़ाम ऐसा कर दिया है, तुम परेशां मत हो!

मेरी बीवी बोली- विवेक, डालो न!
विवेक और मजा लेने के मूड में था, उसने कामिनी की पेंटी एक झटके में उतार दी और नीचे खिसक गया; उसने अपनी पूरी जीभ मेरी बीवी की चूत में घुसा दी.
कामिनी जोर से बोली- विवेक डाल दो!

विवेक की जीभ अंदर बाहर हो रही थी, कामिनी कामुकता के सातवें समुन्दर में गोते लगा रही थी, उसने अपनी टांगें बिल्कुल फैला दी थी पंखें के परों की तरह से… विवेक उसकी गांड नीचे दबा दबा कर उसकी चूत चूसने में मग्न था.

अचानक कामिनी एकदम से आधी उठ गई और उसने विवेक के लंड की तरफ अपना मुँह कर लिया और लंड पे जीभ मारने लगी. विवेक उत्तेजना से झूम गया, वो सीधी टांगें फैला कर लेट गया, कामिनी ने अभी उसके लंड को 8-10 बार ही चूसा होगा कि उसने कामिनी को अपने ऊपर खींच लिया.

कामिनी की चूत में तो पहले ही आग लगी थी, वो झट से अपनी टांगें फैला कर विवेक के लंड पे बैठ गई और आगे पीछे होने लगी.
विवेक कामिनी के नीचे दबा हुआ धीरे धीरे अपने चूतड़ हिला कर चुदाई कर रहा था, कामिनी को शायद मजा नहीं आ रहा था हलके हलके झटकों से, वो बोली- हो गया तुम्हारा चलो!
विवेक बोला- अरे मैडम, अभी तो बैटिंग शुरू नहीं की… और हो गया? मैं तो थोड़ा क्रीज पे पैर जमा रहा था.

और उसने कामिनी को जोर जोर से उछाल उछाल कर चोदना शुरू कर दिया. कमरे में ‘फट फट फट ऊऊह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊह फट फट फट’ की बहुत जोर से आवाजें आने लगी, कामिनी के मम्में जोर जोर से उछल रहे थे हवा में!
मेरे लंड का पानी सूख गया था.

मेरी कामुक बीवी कामिनी जोर जोर से बोल रही थी- विवेक… चोदो… जोर जोर से चोदो… बहुत मजा आ रहा है! वाऊ वाओ मेरी जान!
‘फट फट फट फट फट’ और तेज हो गई, विवेक कामिनी के निप्पल बीच बीच में मुँह में भर लेता और मम्में मसल देता.

थोड़ी देर ऐसे ही मेरी बीवी को चोदने के बाद उसने कामिनी को एक झटके में ऐसे ही उठा कर नीचे लेटा दिया और उसकी टांगें फैला दी और पूरे जोर से पेलने लगा. कामिनी बस आअह्ह्ह आअह अह ऊऊह ऊह ऊऊह्ह्ह करती रही और कमरे में उं दोनों की सिसकारियों के साथ ‘फिच फिच फिच फिच फिच’ की आवाज भी गूँज रही थी.

विवेक ने स्पीड बढ़ा दी, मेरी चुदक्कड़ चालू बीवी कामिनी बोली- वाह राजा, क्या जोश के साथ मेरी चूत ले रहे हो!

और फिर विवेक ने मेरी कमीनी बीवी कामिनी की चूत में ही अपने लंड की पिचकारी छोड़ दी.
कामिनी बोली- तुम सुधरोगे नहीं? पानी की पिचकारी अंदर छोड़ना जरूरी है क्या? प्रेग्नेंट हो गई तो?
विवेक बोला- कोई बात नहीं मेरी जान… प्यार की निशानी भी होनी चाहिये!
और लंड मेरी बीवी की चुत के अंदर डाले डाले उसकी छाती पर गिर गया.

दोनों शायद आधे घंटे की चुदाई से थक गए और नंगे ही चिपक के लेट गए. मैंने अपने कमरे में जाना ही ठीक समझा और मैं अपने कमरे में आकर सोच रहा था कि मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में मस्त हो गई है.
मैं आने वाले समय से अनजान था कि मेरा क्या होने वाला था!
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#2
11-07-2018, 12:19 PM (This post was last modified: 11-07-2018, 09:24 PM by rajbr1981.)
सुबह मेरी नींद सात बजे के आस पास खुल गई. कामिनी उसी बेबी डॉल ड्रेस में सो रही थी. उसको नहीं मालूम था कि रात में उसकी चुदाई मैंने देख ली है. उसको मुझे सोता देख कर ऐसा लग रहा था. मैंने सोने का कोशिश की और नींद आ गई.
करीब नौ बजे कामिनी ने मुझे जगाया और बोली- आज ऑफिस नहीं जाना क्या?
मैंने कहा- हां जाना है.. रात में तुम्हारे बॉस कब गए थे?
वो बोली- विवेक?
मैं बोला- अरे वो बॉस से विवक हो गया?
वो बोली- ज्यादा दिमाग मत लगाया करो.. ऑफिस जाओ.
शाम को कामिनी टाइम पर घर आ गई. मैं समझ नहीं पाया. तीन चार दिन बीत गए, वो रोज टाइम पर आने लगी. मैं समझ नहीं पा रहा था कि आखिर माजरा क्या है. फिर मुझे जल्दी ही समझ आ गया कि विवेक आउट ऑफ़ कंट्री गया है.
शुक्रवार को मैंने देखा कि कामिनी बहुत बन ठन रही है, उसने डीप कट वाला टॉप पहना और स्किन टाइट जीन्स पहनी हुई थी. उसने डार्क लिपस्टिक लगाई हुई थी. इस मेकअप में उसकी कामुक फिगर और कामुक लग रही थी.
तभी एक कार बाहर आकर रुकी.. और कामिनी के मोबाइल पर फ़ोन आया.
कामिनी मुझसे बोली- मेरी कम्पनी की कार आ गई है, मैं जा रही हूँ.
मैं बोला- कंपनी की गाड़ी बुलाई थी क्या?
‘अब से ये कार ही लेने आएगी, विवेक बाहर गए थे, वो आ गए हैं.’
मैं बोला- मैं छोड़ देता हूँ.
वो बोली- तुम अपनी फटफटिया से जाओ.. मेरा मेकअप ख़राब हो जाएगा.
मैं शाम को ऑफिस से निकलने के बाद सीधा कामिनी के ऑफिस गया और अपनी बाइक खड़ी करके ऑफिस के रिसेप्शन पे गया. आज उधर कोई दूसरी दो लड़कियां बैठी थीं. मेरा दिमाग ठनका कि कामिनी कहां चली गई.
मैंने उनमें से एक बंदी से पूछा- कामिनी नहीं है ऑफिस में?
वो बोली- सर उनका प्रमोशन हो गया है, वो तो अब विवेक सर की पर्सनल सेक्रेटरी हो गई हैं. वो उनके केबिन के पास वाले केबिन में बैठती हैं.
मैं चुपचाप उसको सुन रहा था.
तभी वो मुझसे बोली- आप कौन है?
मैंने उसको कुछ नहीं बताया और सीधा घर आ गया. मुझको मालूम था कि कामिनी विवेक की कार से ही आएगी. मैं घर पहुंचा ही था कि कामिनी का फ़ोन आ गया.
‘आज फ्राइडे है कल छुट्टी है.. मुझको विवेक के साथ बहुत जरूरी मीटिंग में जाना है, मुझको देर हो जाएगी. तुम खाना खा लेना खाना और खुशी को मम्मी के यहां छोड़ देना.
हमारी बेटी का नाम ख़ुशी है, उसको मम्मी मतलब मेरी सास के यहां छोड़ देने की बात कही गई थी.
मैं बोला- मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रहा हूँ.
वो बोली- जहां जाना हो जाओ.
मैं साढ़े नौ बजे घर लौटा तो विवेक की कार बाहर खड़ी थी. मैंने कॉल बेल बजाई तो विवेक ने दरवाजा खोला. उसके हाथ में दारू का गिलास था.
वो बोला- आओ राहुल कैसे हो?
मैं बोला- ठीक हूँ.
तभी कामिनी की अन्दर से आवाज आई- कौन है स्वीटी?
विवेक ने कुछ नहीं कहा.
मैं ड्राइंग रूम में आया, कामिनी के हाथ में गिलास था और वो स्लीवलेस घुटनों तक की नाईटी पहने थी.
विवेक बोला- एक आध पैग लोगे?
मैंने कहा- नहीं आप लो.
कामिनी बोली- लेते हो तो ले लो न.. नाटक क्यों कर रहे हो?
मैं बोला- तुम तो कभी साल में एकाध बार पीती हो.
वो बोली- विवेक राहुल का ड्रिंक बना दो यार.. इसका दिमाग ठीक हो जाएगा.
मैंने कहा- नहीं पीना.
विवेक ने ड्रिंक बना दिया और बोला- पी ले यार, कामिनी बोल रही है न.
मैंने कहा- जो ये बोलेगी तो पीना पड़ेगा?
विवेक बोला- जो कहती है कर लिया कर.. अभी बता दूंगा क्यों करना पड़ेगा.
वो कामिनी के बगल में बैठ कर दारू पीने लगा. कामिनी उससे थोड़ी दूर होने की कोशिश करने लगी. उसने थोड़ी देर में कामिनी को एक हाथ से अपने बगल में खींच लिया.
कामिनी बोली- अरे यार विवेक, क्या कर रहे हो?
वो बोला- तुमको तो मालूम है.. मैं पांच दिन बाद आया हूँ और तुम्हारे साथ टाइम नहीं बिताया इसलिये यहाँ आ गया. मेरी जान तुम्हारे बिना रहा नहीं जाता.
कामिनी बोली- विवेक, चलो डिनर करते हैं.
वो बोला- कर लेंगे यार..
कामिनी बोली- चलो न.
वो बेशरम होते हुए मेरी तरफ देख कर बोला- अरे इससे क्यों परेशान हो.
वो बोली- तुम भी न..
विवेक बोला- यार तुम्हारे एलईडी में पेन ड्राइव लग जाती है?
वो बोली- हां क्या दिखाओगे?
विवेक बोला- अरे छोटी सी एक डाक्यूमेंट्री है.
वो बोली- छोड़ो न.
वो बोला- नहीं..
फिर उसने टीवी में स्लॉट ढूढ कर पेन ड्राइव लगा दी और उसको वीडियो पर लगा कर प्ले कर दिया.
उसको देखते ही मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. वो वही वीडियो क्लिपिंग थी, जिसमे मुझको दो महीने पहले दो गुंडों ने सुनसान जगह ले जाकर मेरी पिटाई लगा कर लंड चुसाया था.
वो कामिनी को दिखा कर बोला- देखो मेरी जान तुम्हारा पति देखो इन मुस्टंडों का लंड चूस रहा है.
ये कह कर वो जोर से हंसने लगा.
मैं एकदम से बोला- ये जबरदस्ती कराया था.
कामिनी बोली कि कोई जबरदस्ती करोगे तो तुम उनका लंड चूसोगे.. शर्म नहीं आती, बेशरम कहीं के..!
फिर विवेक बिल्कुल मेरे पास आकर बोला- नेट पे डाल दूँ क्या.. या तेरे ऑफिस में बता दूँ?
मैं चुपचाप बैठ गया.
फिर वो कामिनी के बिल्कुल पास चला गया और उसको एकदम अपने से चिपका कर बोला- तो मेरी जान ये तो तुम्हारे पति लायक है नहीं, पर जरूरतें भी तो पूरी करनी पड़ती हैं.
वो कामिनी को मेरे सामने किस करने लगा.
कामिनी बोली- छोड़ो यार प्लीज..
विवेक बोला- ठीक है.. मैं जा रहा हूँ.
कामिनी एकदम से बोली- तुम भी न बुरा क्यों मान गए?
वो बोला- हां मान गया और जब तक तुम इस चूतिये को मुँह पर नहीं बोलोगी कि ये तुम्हारे साथ सोने लायक नहीं है, मैं तब तक नहीं रुकूंगा.
कामिनी बोली- इसमें तुम्हारे बोलने से क्या.. मैं राहुल को खुद ही बोल देती हूँ. आज इसकी जो हरकत मैंने देखी है.. वो तो मैं इससे कहने वाली ही थी.
वो मेरी पास आकर बोली- राहुल तुम मेरे साथ सोने लायक नहीं हो.
विवेक ने कामिनी को चिपका कर अपने होंठों से उसके होंठों को चूसने लगा और डीप स्मूच करने लगा; लम्बा सा स्मूच करने के बाद विवेक बोला- पूरी बात नहीं बोली.
कामिनी बोली- बोल तो दी.
वो बोला कि ये बोलो कि राहुल अब तुम मेरे साथ सोने लायक नहीं हो, इसलिए मैं आज रात को विवेक साथ सोऊंगी.
कामिनी बोली- तुम भी न विवेक.. खाना खाओ और घर जाओ.
विवेक ने कामिनी को गोद में उठा लिया और बोला- जल्दी बोलो इसको.
वो बोली- छोड़ो न..
विवेक बोला- जब तक नहीं बोलोगी उतारूंगा नहीं.
कामिनी बोली- ठीक है बोल दूंगी, पर यार इसका वीडियो डिलीट कर दोगे.
वो बोला- ठीक है.
कामिनी ने वही दोहरा दिया, जो विवेक ने कहा था कि मैं विवेक के साथ सोऊंगी.
मैं उठने लगा, वो बोला- दारू तो पी ले यार.. खाना खा ले.
मैंने किसी तरह ड्रिंक खत्म की, इतनी देर में कामिनी खाना ले आई.
मैं बोला- मुझे भूख नहीं है.
वो बोला- भाई खा ले.. खाने के बाद सोना, ये कहां न कह रही है.
मैंने किसी तरह एक रोटी खाई और बेडरूम में आ गया.
थोड़ी देर में कामिनी अन्दर आई और बोली- विवेक बुला रहा है.
मैंने कहा- अब क्या काम है?
वो बोली- सुन लो.
मैं गया तो वो बोला- एक काम कर दे, फिर जाना.
मैंने कहा- क्या काम है?
वो बोला- एक पैकेट गाड़ी में रखा है, जरा ले आ.. फिर चले जाना.
उसने मुझे कार की चाभी दे दी और बोला- ग्लोव बॉक्स में है.
मैं गया और लाकर उसको दे दिया.
वो बोला- खोल इसको.
मैंने कहा- क्या है इसमें?
वो बोला- खोलेगा तो मालूम चलेगा.
मैंने खोला, उसमें गोल्डन कलर की डोरी वाली ब्रा पेंटी थी और उसके ऊपर एक गोल्डन ट्रांसपेरेंट ओवर कोट था.
मैंने कहा- अब जाऊं?
वो बोला- जा मत.. सुन ले, तुझे मालूम है कि क्या करना है?
मैंने कहा- क्या?
बोला- करेगा क्या साले.. तू खुद पहनाएगा नहीं क्या.. कामिनी जा रही है, इसको ये पहना और हाथ पकड़ कर लेकर आ.
कामिनी बोली- मुझको नहीं पहननी इससे.. मैं खुद पहन लूँगी.
वो बोला- जा तू… मेरी जान को हम अपने हाथ से पहना देंगे. कामिनी मेरी जान तुम्हारी पहले उतारनी भी तो हमको ही है.
कामिनी मुझसे बोली- तुम जाओ.
विवेक ने बिना मेरे कमरे से गए ही कामिनी को चिपका लिया और उसके घुटनों तक वाली नाईटी को एक झटके में ही उतार दिया. फिर उसको घुमा कर ब्रा का हुक खोल दिया. कामिनी अब टॉपलैस हो गई थी. विवेक ने उसको गोल्डन ब्रा पहनाई और पेंटी को देख कर बोला कि अब ये भी पहनोगी.
कामिनी बोली- मैं एक मिनट में आती हूँ.
वो बाथरूम में चली गई और थोड़ी देर में वो गोल्डन ट्रांसपेरेंट ओवर कोट और गोल्डन ब्रा पैंटी पहन कर आ गई.
विवेक बोला- क़यामत लग रही हो मेरी जान.
फिर मेरी तरफ देख कर विवेक बोला- जाना है या यहीं बैठा रहना है.
मैं उधर ही रुका रहा.
विवेक बोला- भाई हमको तो नींद आ रही है.. कहां सोना है.
कामिनी बोली- तुम ऊपर बेडरूम में जाकर सो जाओ.
वो बोला- किसके साथ?
मेरी बीवी बोली- अरे आती हूँ न..
वो बेशर्मी से बोला- मतलब साथ में सोने आती हो न?
कामिनी चुप रही.
वो बोला- ऐसे नहीं.. मैं कमरे में जा रहा हूँ.. तुमको राहुल मेरे कमरे में छोड़ देगा.
मेरी बीवी बोली- बस करो न यार.
वो मेरी तरफ देख कर बोला- मैडम को छोड़ देगा न?
मैं कुछ नहीं बोला.
वो बोला- हां बोलेगा?
मैं फिर कुछ नहीं बोला तो वो बोला- कामिनी फ़ोन दो जरा मेरा!
मैंने कहा- हां, मैं छोड़ दूंगा.
विवेक बोला- गुड.. और बॉडी लोशन भी साथ में रख देना.
मैंने ‘हां’ में सर हिला दिया.
विवेक ऊपर वाले बेडरूम में चला गया. थोड़ी देर मैं वहीं खड़ा रहा.
मैंने कामिनी से कहा- ये सब तुम्हारी वजह से हो रहा है.
वो बोली- लंड तुम चूसो और मेरी वजह से हो रहा है.
मैंने गुस्से से उससे कहा- तुम पहले से चुदवा रही हो.
वो बोली- अच्छा मैं पहले से चुद रही हूँ न.. ठीक है फिर जा रही हूँ. अच्छा हुआ तुमने अपना रंग दिखा दिया. मैं सोच रही थी तुम्हारा वीडियो डिलीट करवा दूंगी, पर तुम न जाओ.. जा कर सो जाओ.
मैं बोला- हां और तुम जाकर चुदवाओ विवेक से.
वो बोली- हां जाऊँगी.. एक नहीं सौ बार जाउंगी.. और रात में कुछ भी नाटक किया न.. तो सबसे पहले तुम्हारा लंड चूसने वाला वीडियो मैं ही पोस्ट करूंगी.
मैं बोला- जाओ यार बस..
बोली- नहीं अब तुम ही चलोगे छोड़ने.
मैं बोला- मैं नहीं जा रहा.
वो बोली- चल रहे हो या विवेक को आवाज दूँ?
मैं बेबस होकर बोला- चलो.
मैं कामिनी को फर्स्ट फ्लोर के बेडरूम में छोड़ने गया. दरवाजा खुला था.
विवेक बोला- ऐसे नहीं.. मेरे हाथ में कामिनी का हाथ दो और बोलो कि मेरी कामिनी को खुश कर दीजिए.
मुझको बहुत गुस्सा आया, पर मैंने मन में सोचा ज्यादा दिमाग लगाना बेकार है. मैंने विवेक के हाथ में कामिनी का हाथ दिया और बोला- मेरी कामिनी को खुश कर दीजिए.
वो बोला- अब तो कामिनी मेरी हो गई.
वो जोर से हंसने लगा और कामिनी को खींच कर बेड पर गिरा कर उस पर चढ़ गया.
मैं कमरे से बाहर आ गया.
आज मेरी कामिनी मेरे सामने बेशर्मों की तरह चुदने अपने यार के कमरे में गई थी और मैं ही उसको छोड़ कर आया था.
मैं कामिनी को फर्स्ट फ्लोर के बेडरूम में छोड़ने गया. दरवाजा खुला था.
विवेक बोला- ऐसे नहीं.. मेरे हाथ में कामिनी का हाथ दो और बोलो कि मेरी कामिनी को खुश कर दीजिए.
मुझको बहुत गुस्सा आया, पर मैंने मन में सोचा ज्यादा दिमाग लगाना बेकार है. मैंने विवेक के हाथ में कामिनी का हाथ दिया और बोला- मेरी कामिनी को खुश कर दीजिए.
वो बोला- अब तो कामिनी मेरी हो गई.
वो जोर से हंसने लगा और कामिनी को खींच कर बेड पर गिरा कर उस पर चढ़ गया.
मैं कमरे से बाहर आ गया.
आज मेरी चालू बीवी मेरे सामने बेशर्मों की तरह चुदने अपने यार के कमरे में गई थी और मैं ही उसको छोड़ कर आया था.

कामिनी धीरे से विवेक से बोली- दरवाजा भी बंद करोगे या..
विवेक बोला- अब भी दरवाजा बंद करवाओगी यार..
फिर वो जोर से बोला- सुन बे.. डोर बंद कर दे.

मैं अभी बाहर ही खड़ा था, मैंने दरवाजा धीरे से बंद कर दिया.

कामिनी बोली- तुम भी न.. राहुल के सामने ये सब करने की क्या जरूरत थी? जब तुम्हारा दिल करता था, तो मेरी चूत तो तुम ले ही लेते हो न.
विवेक बोला- देखो जानेमन जो खुल्लम खुला प्यार करने में मजा है, वो डर डर के लेने में नहीं है.. देखा आज तुम्हारा ढक्कन पति खुद तुमको मेरे पास चोदने के लिए छोड़ कर गया या नहीं!
वो बोली- ये ठीक नहीं किया यार.

वो बोला- मेरी जान छोड़ो, अब जाम बनाओ, अपना और मेरा गला तर करवाओ.. फिर कुछ एन्जॉय करेंगे.
वो खिलखिला कर बोली- पहले नहीं बोल सकते थे.. राहुल सब कुछ बना कर रख देता.
विवेक बोला- तो अब बोल दो.. वो क्या काम कर रहा होगा.. भोसड़ी का अपना लुल्ली सहला रहा होगा.

मैंने वहां से चले जाने में ही अपनी भलाई समझी, मैं चलने लगा कि इतनी देर में कामिनी की आवाज आई- राहुल एक मिनट सुनोगे.
मैं फिर रुक गया, कमरे में गया, मैंने देखा कि कामिनी विवेक की बांहों में बेशर्मों की तरह लेटी थी, उसने अलग होना भी ठीक नहीं समझा.

वो लेटे हुए ही बोली- सुनो यार, नीचे से दो गिलास, सोडा और आइस क्यूब्स ले आना.
मैं मुड़ा ही था कि वो बोली- कुछ सलाद भी काट लाना.

मुझको खुंदक आ रही थी, मैंने उनको नीचे से माँगा हुआ सामान ला दिया और कमरे में आ गया, पर मुझे नींद कहां आती. खुजली भी हो रही थी कि कमरे में क्या चल रहा होगा.

मैं विंडो के पास जा कर खड़ा हो गया. वहां पर्दा डाला हुआ था, अन्दर लाइट जल रही थी. विवेक ने कामिनी को अपनी जाँघों पर बिठा रखा था और वो दोनों एक ही गिलास से सिप कर रहे थे. विवेक कामिनी के बालों में हाथ से सहला रहा था.

कामिनी उसके सीने में हाथ फेरते हुए बोली- ये क्या खुराफात की तुमने… राहुल की फाड़ कर रख दी.
वो बोला- यार साला ऐसे नाटक करता रहता.. उसके सामने किसी दिन बात तो खुलती ही.. और उसको शक तो हो ही गया था. तो मैंने सोचा कि ऐसा कुछ कर देते हैं कि साला परमानेंट चुप करके बैठ जाएगा.
कामिनी बोली- तुम पूरे कमीने हो विवेक.

अब विवेक और मेरी बीवी में, बॉस और सबऑर्डिनेट के सम्बन्ध की जगह प्रेमी प्रेमिका का सम्बन्ध बन चुका था.

विवेक बोला- मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाता.
उसने कामिनी को बिस्तर पे लिटा दिया.
कामिनी बोली- जानू लोशन क्यों मंगाया था?
वो बोला- थोड़ा तुम्हारे चिकने बदन को और चिकना करना है.

ये कहते हुए उसने कामिनी का गोल्डन ओवर कोट निकाल दिया. अब वो गोल्डन ब्रा पेंटी में मस्त हीरोइन सी लग रही थी. उसका गोरा बदन बड़ा ही क़यामत ढहाता हुआ लग रहा था.

विवेक शॉर्ट्स में था. उसने कामिनी की गोरी पीठ पर बॉडी लोशन लगाना शुरू कर दिया.

मेरी प्यासी बीवी कामिनी पूरे मजे से लोशन लगवा रही थी. पीठ से उतर कर वो कामिनी की गोरी गोरी गांड पर लोशन लगाने लगा. फिर उसके पेंटी की डोरी खोल दी. कामिनी की बची हुई गोरी गांड, अब बिल्कुल नंगी हो गई. विवेक पूरी मस्ती से गांड पर लोशन लगाने लगा.

फिर जाँघों पर नीचे लगाने के बाद बोला- जरा पलटो मेरी जान.
वो ऊपर खिसक कर कामिनी के मम्मों के पास आ गया और कामिनी को तिरछा करके उसकी ब्रा की डोरी भी खोल दी, उसके बड़े बड़े गोरे मम्मे इधर उधर फुदकने लगे. विवेक उनको लोशन लगा कर मसलने लगा.

कामिनी अब गर्म हो चुकी थी, उसने बिना देर लगाए विवेक की शॉर्ट्स का हुक खोल दिया और खींचने लगी.

विवेक ने शॉर्ट्स उतार दी.. अब वो फ्रेंची में था. मेरी प्यासी बीवी कामिनी उसकी फ्रेंची में हाथ डाल कर उसका मोटा लम्बा लंड बाहर निकाल कर सहलाने में लग गई और धीरे से उसके लंड के सुपारे पर जीभ मारना शुरू कर दिया.

विवेक का लंड धीरे धीरे फुल टाइट हो गया. वो साढ़े सात इंच का बहुत मोटा लंड था.

चुदाई की प्यासी कामिनी ने विवेक के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी देर उसका लंड चूसने के बाद विवेक ने अपनी फ्रेंची निकाल कर फेंक दी. अब वो दोनों एकदम नंगे थे. विवेक ने कामिनी को ऊपर खींच लिया और उसको पूरे बदन में किस करने लगा, मम्मे बुरी तरह से मसलने लगा. कुछ ही पलों में कामिनी के बड़े बड़े गोरे मम्मे लाल हो गए थे.

मेरी बीवी मादकता से कराह कर बोली- आराम से मसलो मेरी जान..

विवेक ने इस बात पर उसके एक मम्मे के निप्पल पर दांत से काट लिया. वो चिहुँक उठी, बोली- ऊई माँ.. दर्द होता है जी..
वो बोला- दर्द में ही तो मजा है मेरी जान..

फिर उसने अपने होंठों से जीभ बाहर निकाल कर कामिनी के कानों में घुसा दी.
कामिनी के पूरे शरीर में करंट दौड़ गया. वो बोली- आह.. क्या करते हो..

फिर कामिनी ने विवेक को लिटा कर उसके गले पर डीप किस करना शुरू कर दिया.
विवेक बोला- छोड़ो प्लीज..
कामिनी बोली- हम्म.. जब खुद कर रहे थे तब..

वो हंसते हुए मस्ती से डीप स्मूच करने लगे. करीब दस मिनट दोनों एक दूसरे के होंठ चूसते रहे. इतनी देर तक शायद मैंने कामिनी भी इन छह सालों में कभी सेक्स नहीं किया था.

विवेक बड़े तसल्ली से कामिनी की चूत का मजा लेता था. अब उसने कामिनी की चूत में उंगली डाल कर उसकी घुंडी उमेठना चालू कर दी और स्पीड तेज कर दी. कामिनी एकदम से गरम होकर जोर जोर से अपनी गांड उचकाने लगी.

वो कामुक होकर पागलों की तरह विवके का लंड आगे पीछे करने लगी. उसने मेरा लंड इतनी बार आगे पीछे किया होता, तो अब तक पिचकारी छूट जाती, पर विवेक एक नम्बर का सॉलिड चुदक्कड़ था.

कामिनी काफी गरम हो चुकी थी, विवेक एकदम नीचे चले गया और उसने कामिनी की चूत में अपनी जीभ घुसा दी.
कामिनी चुदाई की प्यास से तड़फ कर बोली- आह.. ये क्या कर रहे हो मेरी जान पूरा बदन जलने लगा है.
वो बोला- यही आग तो भड़कानी है मेरी जान..

वो पूरी तन्मयता से अपनी जीभ को कामिनी की चुत में अन्दर बाहर करने लगा. कामिनी से जब बर्दाश्त के बाहर हो गया तो उसने अपनी टांगें बिल्कुल धनुष की तरह फैला दीं और बोलने लगी- आह डालो न विवेक.. अपना लंड डालो.. मेरी चूत बुरी तरह पानी छोड़ रही है.

विवेक बोला- चूत का काम पानी छोड़ना ही है.
वो बोली- प्लीज विवेक फक मी हार्ड.. चोदो फाड़ दो आज चूत.. ऐसी आग लगा दी है.. कि बस अब सहा नहीं जाता.

विवेक ने कामिनी के दोनों गोरी टांगों को अपने कंधों पर उठा लिया और एक झटके में फुल स्पीड से चोट लगाते हुए पूरा लंड घुसेड़ दिया.
कमरे से जोर की आवाज आई- उउइइइइइ माँआआ फट गई.. खून निकल आया.. निकालो जल्दी.. बहुत दर्द हो रहा है.
पर विवेक ने ये सब अनसुना कर दिया.

वो मेरी बीवी तड़फ कर बोली- विवेक प्लीज़ लंड निकाल लो न.. मेरी चूत फट जाएगी.. पहले तो बड़े आराम से डालते थे.
विवेक बोला- क्या यार, 6 साल चुदते हुए हो गए.. लगता है अभी तक ठीक से राहुल ने तुमको चोदा ही नहीं है.
वो बोली- तुम्हारा लंड है या मूसल जैसा लौड़ा..

विवेक ने धक्के देने शुरू किए. कामिनी ‘उउइइइ माँआ.. उउइइइ माँआ’ करते हुई गांड उचकाने लगी. विवेक की स्पीड बहुत बढ़ गई.
कामिनी अब मजे से चुदने लगी थी, वो बोली- वाओ मेरी जान.. क्या चूत पेल रहे हो.. आह्ह बहुत मजा आ रहा है विवेक मेरी जान आह.. ऐसे ही ठोक दो मुझे.. आह..

विवेक कामिनी के मम्मों को रगड़े जा रहा था और उसके कड़क निप्पलों को चूसता जा रहा था.
कामिनी बोली- काले हो जाएंगे.. इतना मत चूसो..
वो कहां सुनने वाला था. कामिनी फुल स्पीड से गांड उचका रही थी.

विवेक कामिनी से बोला- मजा आ रहा है मेरी जान.
कामिनी मस्ती से गांड उछल कर बोली- मजे की क्या बात करते हो जान.. आज तो मैं निहाल ही हो गई.
उसने कामिनी से कहा- मेरी जान अब जल्दी से घोड़ी बन जाओ.
वो बोली- पिचकारी छोड़ो न..
वो बोला- इतनी जल्दी क्या है.

उसने कामिनी के पेट के नीचे हाथ डाल कर उसे पलटा दिया और पीछे से अपना लंड मेरी बीवी की चूत में पेल दिया.

कामिनी अपनी गांड को जोर जोर से पीछे को धक्का देना शुरू कर दिया. अब वो ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह…’ करती जा रही थी. विवेक भी फुल स्पीड में अपने लंड को कामिनी की चूत में पेले जा रहा था.

तभी उसने एकदम से अपना लंड निकाल लिया. कामिनी बिना लंड के तड़फने लगी. वो बोली- ये क्या तरीका है.. मारो न झटके.. मैं झड़ने वाली हूँ.

विवेक बेड के नीचे नंगा खड़ा हो गया और कामिनी की गांड के बल उसको एक झटके में अपनी गोद में उठा लिया. अब उसने कामिनी की गांड अपने हाथ में लिये लिये अपना मोटा लंड उसकी चूत में पूरा घुसा दिया.

कामिनी थर्रा गई और वो कामिनी को उछाल उछाल कर चोदने लगा. कामिनी ने विवेक के कंधे पकड़ रखे थे. वो बोली- तुम्हारे जैसे मुस्टंडे सांड से चुदने के बाद कोई औरत कहीं नहीं जा सकती मेरी जान.. तुम्हारा लंड ने मेरी चूत में हाहाकार मचा रखा है.

विवेक उसको पेले जा रहा था. उसने कामिनी को धम्म से पटक दिया.
वो बोली- उउउउइइइइ माँआआ..
विवेक ने उसकी टांगें फैला कर अपने लंड को उसकी खुली चुत में घुसा दिया और झटके पे झटका देने लगा.

कामिनी कातर भाव से चुदते हुए बोली- आह्ह.. विवेक अब बस.. मैं झड़ गई हूँ.. तुम भी आ जाओ न.. मेरी चूत सूज जाएगी.
विवेक बोला- राहुल से सुबह चटवा लेना, सूजन कम हो जाएगी मेरी जान

उसने बिना रुके लंड पेलना चालू रखा. करीब दस मिनट ऐसे ही चोदने के बाद उसने कामिनी की चूत में पिचकारी छोड़ दी. बहुत देर से उनका चुदाई कार्यक्रम चल रहा था. रात के साढ़े बारह बज़ चुके थे. उसने एक पैग खींचा और वो वहीं नंगा ही कामिनी से चिपक कर लेट गया.

मैं बहुत पहले ही दो बार झड़ चुका था. इसलिए अब मैं कमरे में आ गया और सो गया. सुबह साढ़े सात बजे मेरी नींद खुली तो मैंने ऊपर जाकर देखा.
कामिनी अपने यार के साथ अभी भी नंगी पड़ी बेसुध सो रही थी. मैं समझ गया कि मैं पूरी तरह अपनी बीवी के चक्रव्यूह में फंस गया हूँ. हालांकि मुझे उसकी चुदाई देख कर मजा आ जाता था.
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11-07-2018, 12:21 PM (This post was last modified: 11-07-2018, 09:25 PM by rajbr1981.)
जब मैं देख आया कि कामिनी और विवेक बिना किसी चिंता के नंगे पड़े सो रहे हैं, मुझको समझ आ गया कि कामिनी के दिल में से अपने यार से मेरे सामने चुदने का डर बिल्कुल निकल चुका था.. नहीं तो वो इतनी मस्ती से अपने यार के साथ नंगी पड़ी न सो रहे होती. मैं नीचे आकर आंखें बंद करके लेटा रहा क्योंकि मुझको मालूम था कि आज संडे होने के कारण दोनों फ्री हैं और वे मस्ती से लेटे ही रहेंगे.
लगभग साढ़े नौ बजे उन दोनों की नींद खुली होगी. कामिनी जोर जोर से आवाज दे रही थी- राहुल राहुल..
मैं ऊपर गया तो वो कपड़े पहन चुके थे. उसने पूछा- तुम कब उठे?
मैंने कहा- अभी.
वो बोली- मेरे सर में दर्द हो रहा है, चाय बना लाओ.
मैंने कहा- बना लाओ..? तुम ही बना लो.
विवेक बोला- ये कह रही है तो बना ले ना..!
मैंने नीचे आकर चाय बनाई. तभी कामिनी नीचे आ गई.
मैंने कहा- चुदास पूरी हो गई होगी तुम्हारी?
वो बोली- हां क्यों खुजली हो रही है तुमको.. खुद तो 2-4 झटके मार पाते हो, वही बहुत है. अब ज्यादा बक बक मत करो, विवेक ऊपर ही है.
मैं बोला- तो क्या करेगा?
वो बोली- तुमको नंगा करके तुम्हारी चिकनी गांड है न.. वो मार लेगा और कुछ नहीं.. हालांकि वो गे नहीं है, पर जिनका तुम लंड चूस के आए हो, वो जरूर तुम्हरी गांड मार के वीडियो बना लेंगे.
मैं बोला- तुम धमका रही हो?
वो बोली- धमका नहीं रही हूँ, समझा रही हूँ या फिर मन है गांड मरवाने का तो जाओ और उसको बोल दो कि मेरी बीवी को मत चोदा करो.
मैं चुपचाप सुनता रहा.
फिर वो बोली- मुझको मालूम है कि तू हमारी चुदाई देख कर मुठ मारता है.. साले मूड मत ख़राब कर.
इतनी देर में विवेक की आवाज आई- कहां हो स्वीटू?
वो बोली- आ रही हूँ जानू.
वो चाय ले कर ऊपर चली गई.
वो दोनों एक घंटे में नीचे उतर के आए और ड्राइंग रूम में बैठ कर टीवी देखने लगे. कामिनी फ्रूट्स उठा कर ले गई और उसकी गोद में बैठ कर अंगूर खाने लगी और विवेक को खिलाने लगी.
कामिनी की चूत में विवेक के लंड की आग लग चुकी थी और वो इतनी जल्दी बुझने वाली नहीं थी. थोड़ी देर ऐसे ही अंगूर खाने के बाद उसने विवेक की टी-शर्ट उतार दी.
विवेक बोला- क्या बात है फिर मूड हो गया?
वो बोली- तुम भी न.. चलो तुम्हारी मसाज कर देती हूँ.
वो बोला- मेरी जान इसी लिए तो तुम पे दिल आ गया है.
उसने कामिनी को चूमना चालू कर दिया. कामिनी ने फिर आवाज लगाई- राहुल जरा आयल की बॉटल दे दो.
मैंने तेल को बॉटल दे दी. उसने विवेक के सीने पे तेल लगाना शुरू कर दिया. फिर बैक पर लगाने लगी.
विवेक बोला- यार छोड़ो कुछ कुछ होता है.. लाओ अब मैं तुमको मसाज करता हूँ.
वो हंस कर बोली- वाओ.. तुम्हारे मर्दाने हाथों से मालिश करा के मजा आएगा.
कामिनी ने पल भर के अन्दर अपना टॉप उतार दिया और कुछ ही देर में वो काली ब्रा और शॉर्ट्स में थी.
विवेक उसको औंधा लिटा कर मसाज करने लगा. उसने कामिनी की ब्रा का हुक खोल दिया. कामिनी के बड़े बड़े 36 डी साइज़ के मम्मे नीचे से साफ़ दिख रहे थे. पहले कामिनी की पीठ पर काफी देर मालिश की, फिर हाथ फेरते हुए उसने कामिनी को पलटा दिया और उसकी बड़ी बड़ी गोरी गोरी चूचियों को गोलाई में मसाज करने लगा और मसलने लगा.
कामिनी सीत्कारते हुए बोली- आह.. मजा आ रहा है जान.
उसने कहा- एक मिनट रुको अभी और मजा आएगा.
उसने कामिनी के शॉर्ट्स का हुक खोल दिया और एक झटके में उसकी ब्लैक कलर की शॉर्ट्स और रेड पेंटी निकाल के कामिनी को एकदम नंगी कर दिया.
कामिनी चुत छिपाते हुए बोली- ये क्या बात हुई जान..
विवेक बोला- जानू चोदने के लिए नहीं उतारी है.. मेरी जान की चूत की मालिश करने का सोचा है.
अब वो कामिनी की चिकनी वैक्स की हुई चिकनी चुत में तेल डाल के मालिश करने लगा. कामिनी की मादक सिसकारियां निकलना शुरू हो गई थीं ‘आउह्ह्ह आउह्ह्ह आउह्ह्ह..’
वो बोला- क्या हुआ?
कामिनी बोली- इतनी रगड़ रगड़ के चूत मसल रहे हो.. क्या होगा चूत गीली नहीं होगी. तुम्हारे लंड पर ऐसे ही तेल लगा लगा कर मैं भी मालिश करूँ तो!
विवेक मेरी तरफ देख कर बोला- मैडम को केला खाना है.
कामिनी मुझे देख कर बोली- तुम भी न.. इधर ही सब करने के मूड में हो.. चलो नहाने जाना है.
विवेक बोला- अकेले नहाओगी?
वो बोली- नहीं मेरे जानू तुम्हारे साथ नहाते हुए, पानी में भीगते हुए अपनी इस जान की चूत मार लेना.
कामिनी ने विवेक की शॉर्ट्स और फ्रेंची उतार दे और दोनों पूरे नंगे हो गए.
कामिनी ने मुझको आवाज दी- राहुल, बाथरूम में टॉवल रख दो.
विवेक ने कामिनी को गोदी में उठा लिया और बाथरूम में ले गया. उन्होंने बाथरूम का दरवाजा भी बंद करना ठीक नहीं समझा. क्योंकि अब उनको किसी बात का डर और शर्म नहीं थी.
विवेक ने कामिनी को गोदी से उतार दिया और उसकी चुचियां मसलने लगा. कामिनी ने भी उसका लंड पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया.
विवेक ने एक हाथ से शावर तेज कर दिया. शावर से ठंडा पानी निकलते ही कामिनी विवेक से चिपक गई और बोली- बहुत बद्तमीज हो यार.. इतना ठंडा पानी है.
विवेक ने कामिनी के होंठ चूसना शुरू कर दिया. कामिनी के बदन में गर्मी आने लगी. वो भी विवेक को डीप स्मूच कर रही थी. फिर कामिनी नीचे बैठ कर विवेक के लंड से खेलने लगी. धीरे धीरे उसका लंड एकदम टाइट हो गया. अब कामिनी ने उसके लंड के टोपे पे जीभ मारना शुरू कर दिया.
विवेक सिसकारियाँ लेने लगा- आह्ह्ह ह्ह आआह्ह आह्ह…
कामिनी पूरी चुदक्कड़ थी, वो विवेक का लंड दस मिनट तक चूसती रही. विवेक का लंड फनफ़ना गया और वो कामिनी को चोदने के लिए बेचैन होने लगा. उसने कामिनी की चूत में लंड डालना चाहा.
कामिनी बोली- इतनी जल्दी अभी नहीं मेरी जान.
विवेक समझ गया कि कामिनी को गरम करना पड़ेगा. वो उसकी चूत में दो उंगली डाल के अन्दर बाहर करने लगा. उसकी चूत गीली हो चुकी थी.
विवेक बहुत हट्टा कट्टा था, उसने नीचे बैठते हुए कामिनी को अपने कंधे पे ले लिया और उसकी चूत चूसने लगा.
कामिनी गनगना उठी और बोली- आह.. क्या चूत चूसते हो जान.. पूरे बदन में करंट दौड़ा देते हो.
ऐसे ही चूत चूसने के बाद वो वहीं प्लास्टिक के छोटे स्टूल पर बैठ गया और कामिनी को अपने ऊपर बैठा कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया.
कामिनी की चूत में पूरी आग लग चुकी थी, वो विवेक के लंड पर जोर जोर से कूद रही थी. विवेक कामिनी को गेंद के समान उछाल रहा था.
फच फच.. फट फट की आवाज से बाथरूम ही नहीं, पूरा कमरे भी गूंज रहा था. कामिनी की आवाज आ रही थीं ‘आआह्ह… आअह्ह क्या पेल रहे हो… क्या लौड़ा है मेरी जान…’
विवेक में चुदाई का जबरदस्त स्टैमिना था. दस मिनट ऐसे ही चोदने के बाद उसने कामिनी को दीवार पर हाथ रख कर झुका दिया और पीछे से लंड घुसा कर जोर से झटके देने शुरू कर दिए.
कामिनी जोर से बोली- आउउइइइ.. माँआआ बच्चेदानी में घुसा दिया.. हाय्यय मर गई..
विवेक ने फिर पीछे से झटके पे झटके देना शुरू किया. फट फट फ्छ्क फच.. की मधुर आवाज आने लगी.
कामिनी की ‘ऊह.. आह्ह्ह्हह..’ रुक ही नहीं रही थी. शावर पूरी स्पीड पे पानी फेंक रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद विवेक ने लंड निकाल कर कामिनी की गोरी गांड पे पिचकारी छोड़ दी. कुछ देर स्खलन की मस्ती में वे दोनों रुके रहे और शावर में खड़े रहे. फिर एक दूसरे का बदन पोंछ कर कमरे में नंगे ही आ गए.
मुझको कमरे में देख कर कामिनी बोली- बाहर नहीं जा सकते थे?
मैंने कहा- मुझको क्या मालूम कि तुम लोग बाहर आ जाओगे?
वो बोली- देख रहे हो विवेक इसको?
विवेक बोला- अब जाएगा भी यहाँ से कि यही गांड मराता रहेगा?
मैं कमरे के बाहर आ गया.
मेरे कमरे से निकलने के बाद कामिनी बोली- इसको थोड़ा और विटामिन चाहिये जानू.
विवेक बोला- दिलवा देते हैं.
ये सुन कर मेरी गांड फट गई. अब पता नहीं क्या करना पड़ेगा और मैं चुपचाप आगे कमरे में बैठा रहा.
आधे घंटे बाद वो बाहर निकल कर आए और डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खाने के बाद वापस बेडरूम में जाकर सो गए.
मैं भी ऊपर के कमरे में जाके सो गया.
शाम को विवेक कामिनी को साथ घुमाने ले गया और रात को छोड़ गया.
घर लौट कर कामिनी ने बताया कि विवेक ने एक 4 बैडरूम का फ्लैट उसको गिफ्ट किया है और हमको वहां शिफ्ट होना है.
मैंने कहा- मैं नहीं जाऊंगा.
वो बोली- तुम यहीं रहना, मैं चेंज कर लूँगी.
मजबूरी में हमको उस फ्लैट में शिफ्ट होना पड़ गया.
विवेक के गिफ्ट किए गए फ्लैट में शिफ्ट होने के बाद विवेक का आना कम हो गया. अब वो हफ्ते में एक दो बार आता और कामिनी और वो घर पे ही आराम से ड्रिंक करते, डिनर करते, फिर उनकी रास लीला चालू हो जाती. विवेक मेरे सामने ही कामिनी से लिपटने चिपटने लगता. जिस फ्लैट में हम शिफ्ट हुए थे, वो बहुत बड़ा था. मास्टर बेडरूम में ज्यादातर मैं और कामिनी ही सोते थे. जब विवेक आता तो विवेक और कामिनी उसी कमरे में गन्दी गंदी रास लीला करते.

एक दिन मैंने सोचा कि इनकी रास लीला की वीडियो बना लेता हूँ, फिर कामिनी को सबक सिखाता हूँ. पर सच कहूँ तो उनकी गंदी चुदाई देखने की मुझको भी आदत पड़ गई थी और मजा भी आने लगा था. मैंने एक हिडन कैमरा फ्लावर पॉट में रख दिया.

उस रात कामिनी और विवेक ने डिनर किया और कामिनी उसी मास्टर बैडरूम में चली गई. वो बहुत ही सुन्दर पिंक कलर की डोरी वाली ब्रा पेंटी और उसपर झीना सा ट्रांसपेरेंट गाउन पहन कर डाइनिंग रूम में आई. विवेक उसको देख के मंत्र मुग्ध हो गया. उसने कामिनी को गोद में ले लिया और सीधे उसी बेडरूम में ले गया.

थोड़ी देर में कामिनी और वो एकदम नंगे होकर सेक्स का मजा ले रहे थे. मैंने ये सोचा कि आज अच्छे से रिकॉर्डिंग हो जाएगी, चुदाई की मजा भी आएगा. इसके बाद कामिनी को लाइन पे लाने में भी मजा आएगा. पर किस्मत को कुछ और मंजूर था, पता नहीं कैसे विवेक को ड्रिंक्स लेने का मन हुआ.

कामिनी ने जोर से आवाज लगाई- राहुल विवेक और मेरे लिए दो गिलास लेते आओ, साथ में कुछ नमकीन वेफर्स और नमकीन लेते आना.

मैं ले कर पहुंच गया और साइड टेबल पर रख दिया. मैंने देखा तो वो दोनों एक ही कम्बल में लेटे थे.

मैंने ड्रिंक्स रख कर कहा- मैं जाता हूँ.
कामिनी बोली- हां चले जाना… हमें भी यहाँ तुम्हारा अचार नहीं डालना, पहले सब सर्व कर दो.

मैंने गिलास में ड्रिंक डाल दी, सोडा पानी बराबर बराबर डाल कर दोनों को गिलास दे दिए. वो दोनों पैग का मजा लेने लगे.

कामिनी बोली- राहुल, विवेक डार्लिंग को सलाद दो.
दो पैग ड्रिंक करने के बाद कामिनी विवेक से बोली- मैं तुम्हारे लिए कुछ लाई हूँ.

वो एक झटके में अपनी पारदर्शी नाईटी को सम्भालती हुई सामने टेबल की तरफ गई, जिस पर फ्लावर पॉट रखा था.

उसने जोर से खींचा, हिडन कैमरा उसके झटके से खींचने के कारण गिर पड़ा. पहले तो उसने ध्यान नहीं दिया और विवेक के लिए एक गिफ्ट पैक निकाला.

फिर वो मदमस्त झूमती हुई विवेक के पास चली गई.

विवेक ने उसको खोला, उसमें परफ्यूम था. उसने कामिनी को किस किया.

इधर मेरी गांड फट रही थी कि उसको हिडन कैमरे के बारे में न मालूम चल जाए, पर किस्मत को क्या करता.

विवेक बोला- यार कुछ गिरा है.
कामिनी मुझसे बोली- देखना क्या गिरा है?
मैंने कैमरे को अपनी आड़ में लेकर उठाते हुए कहा- कुछ नहीं.
कामिनी बोली- दिखाओ क्या गिरा है?
मैंने कहा- कुछ नहीं. मैंने कैमरा ड्रावर में डाल दिया.
वो शक भरी निगाहों से चिल्ला कर बोली- दिखाओ न.

मज़बूरी में मुझको उसको कैमरा दिखाना पड़ा. उन दोनों के कैमरा देखते ही पारा गरम हो गया.

विवेक बोला- भोसड़ी के मादरचोद तू हमारी फिल्म बनाता है.
मैंने कहा- नहीं.
वो बोला- तो यहाँ कैमरा कहां से आया?
मैंने कहा- मालूम नहीं.

उसने कामिनी से कहा कि देखा तुमने इसको?
कामिनी बोली- यार ये तो बहुत बड़ा कमीना है, आज इस हरामजादे की गांड मारो.
विवेक- साला इतनी हिम्मत?
मैंने उनको ठंडा करने के लिए कहा- वो मैं अपने देखने के लिए बना रहा था, विवेक सर बहुत जबरदस्त चुदाई करते हैं उसी के वीडियो बना कर देखता हूँ.

कामिनी बोली- हां साले, तू तो छक्का है भोसड़ी के… तेरे तो लंड हुआ न हुआ बराबर है. आज तुझको बताती हूँ… चल साले अपने सब कपड़े खोल.
मैंने कहा- मैं?
वो बोली- हां, तू दीवार से नहीं कह रही हूँ… जल्दी खोल मादरचोद.
मैंने अपनी टीशर्ट और लोअर उतार दिया. अब मैं अपनी अंडरवियर में था.

वो बोली- इसको भी उतार जल्दी.
मैंने कहा- सॉरी… मैंने तो ऐसे ही लगाया था.
वो बोली- मैं जो बोल रही हूँ… वो कर, जल्दी अपनी अंडरवियर उतार.

मैंने अंडरवियर उतार दी और नंगा हो गया. मुझे उनके सामने नंगे होने में बहुत शर्म आ रही थी. मेरा लंड सिकुड़ कर केवल डेढ़ इंच का हो गया था. उसने एकदम से कम्बल हटा दिया और विवेक नंगा दिखने लगा.
कामिनी बोली- चल चूस.
मैंने कहा- मैं ये सब नहीं करूँगा.
वो बोली- साले चूसता है कि नंगा ही फ्लैट के बाहर निकलवाऊं…
और वो विवेक से बोली- कहां है तुम्हारा फ़ोन…?
विवक का फोन उठा कर उसने रिकॉर्डिंग चालू कर दी. मुझे दिखाते हुए बोली- जल्दी चूसना चालू कर.

मैं वहीं खड़ा रहा.

वो बोली- विवेक इसको ऐसे ही फ्लैट के बाहर छोड़ आओ.

मरता क्या न करता.

विवेक बोला- यार तुम भी न.
बोली- नहीं आज साला यही लंड खड़ा करेगा, तब ही तुम मुझे चोदना.
फिर कामिनी ने मुझसे बोला- चूसेगा साले… कि नंगे ही बाहर जाएगा?

मैंने मन मार के विवेक के लंड मुँह में लिया.

कामिनी बोली- बहन का टका चोदने के लायक तो है नहीं… लंड तो चूसना सीख ले… पहले गोलियों पर जीभ मार हरामी!
मैंने गोलियों पर जीभ मारनी शुरू की.
वो बोली- जीभ पूरी बाहर निकाल कर चूसता रह.

फिर दो मिनट ऐसे ही चूसने के बाद विवेक के लंड ने टाइट होना शुरू कर दिया.
कामिनी बोली- हां अब नीचे से ऊपर की तरफ चूस ठीक से…

वो जैसे जैसे बोलती जा रही थी, मुझको करना पड़ रहा था.

फिर बोली- हां… अब खड़े लंड के टोपा को मुँह में ले और कुत्ते की तरह जीभ निकल कर पूरी मार.

विवेक का लंड फुल टाइट हो चुका था. वो वीडियो बना रही थी. वो विवेक से बोली- इस भड़ुए ने तुम्हारा लंड चूस कर खड़ा कर दिया मेरी जान… अब अपनी इस जान की चूत मार लो.

उसने फ़ोन को साइड में रख कर मुझको अपने पैर से जोर से लात मारी, मैं डबलबेड के नीचे आ गया. कामिनी खुद विवेक के खड़े लंड पर चढ़ गई.

विवेक ने कामिनी के बड़े बड़े गोरे गोरे मम्मों को अपने दोनों हाथों से मसलना शुरू कर दिया.

कामिनी की चूत तो पहले ही विवेक से चुदने के लिए पानी छोड़ने लगी थी, विवेक बोला- मेरी जान तुमको तो बहुत गुस्सा आता है.
कामिनी विवेक के लंड पर उछलते हुए बोली- नहीं आना चाहिए क्या जी?
तभी उसका ध्यान मेरी तरफ गया और बोली- तुमको बहुत मजा आता है साले चुदाई देखने में… चल सर नीचे कर के मुर्गा बन जा.
मैंने कहा- बाहर चला जाऊं मैं?
कामिनी बोली- नहीं, जाना नहीं है… मुर्गा बन जल्दी.

मैं ऐसे ही खड़ा रहा.

विवेक बोला- छोड़ो न.
बोली- चल दीवार की तरफ मुँह करके कोने में खड़ा हो जा.

मैं दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा हो गया. विवेक कामिनी को अपने लंड पर गेंद की तरह उछाल रहा था.

कामिनी ‘ऊहह हह आअहह…’ कर रही थी और बोल रही थी- क्या उछाल उछाल कर चूत लेते हो सैयां जी… तुम्हारा लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा है.

विवेक ने उसको ऐसे ही काफी देर उछालने के बाद उसको पलट कर बेड पे डाल दिया और उसकी एक टांग कंधे पे रख कर उसकी चूत में धक्के देने शुरू कर दिए.
पहले ही झटके में कामिनी जोर से बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… माँआ…

विवेक ने जोरदार झटके देने शुरू कर दिए. कामिनी कामुक सिसकारियां लेने लगी- आअहह आअहह ऊऊहह…

वो विवेक के सीने पर और गांड पे हाथ फेरने लगी. अब विवेक ने उसका एक पैर भी नीचे कर दिया और दोनों टांगें पूरी तरह फैला दीं.
वो बोली- कितनी टाँगें फैला फैला के लोगे… चूत 35 की और गांड 42 की हो जाएगी.

विवेक ने धकापेल चालू कर दी. कामिनी ‘ऊऊऊ ओह… आउऊउ आअहह…’ करती जा रही थी.

फिर विवेक ने कामिनी को उल्टा करके लिटा दिया और पीछे से लंड घुसाया, वो बोला- अब जरा टाइट जाएगा मेरी जान.

उसका लंड इतना बड़ा था कि पीछे से भी कामिनी को पूरा मजा दे रहा था. वो अपनी गोरी गोरी चिकनी चिकनी गांड से विवेक के लंड को धक्का दे रही थी. विवेक भी सुरा और सुंदरी के नशे में चूर था.

विवेक बोलता जा रहा था- आह… क्या चिपक चिपक कर चूत देती हो मेरी जान…
कामिनी कह रही थी कि तुम भी तो एंगिल बदल बदल के चूत लेते हो मेरे राजा…

काफी देर ऐसे ही वो मेरी बीवी की चुत में धक्के देता रहा.

कामिनी बोली- जानू अपनी पिचकारी सीधे करके छोड़ना.

अब विवेक ने कामिनी को साइड से लिटा के अपना लंड घुसा दिया और बोला- टांगें चिपकाओ मेरी जान.
कामिनी ने अब अपनी गांड को पीछे हिलाते हुए धक्का देना शुरू कर दिया.

कामिनी बोली- आह… क्या मजा देते हो राजा… इतनी देर से पेले जा रहे हो मेरी जान… मैं दो बार निकल गई हूँ, अब तो छोड़ दो पिचकारी अपनी!
विवेक बोला- आह… छोड़ देंगे… अभी तो लंड के मजा लो.

फिर विवेक ने कामिनी को सीधा कर दिया और दोनों टांगें कंधों पर रख कर दोनों हाथों से कामिनी की बड़ी बड़ी गोरी गोरी चूचियों को मसलने लगा और फुल स्पीड में धक्का देने लगा.

कामिनी ‘बसस… आअहहहह… छोड़ दो छोड़ दो…’ कहती जा रही थी.
विवेक बोला- अब मैं पिचकारी छोड़ने वाला हूँ.
वो बोली- तो छोड़ दो मेरी जान… आज तुम्हारी पिचकारी से मेरी चूत भर जाने दो.

विवेक ने एक जोरदार झटके के साथ पिचकारी छोड़ दी और एक तरफ लेट गया.

कामिनी जोर से बोली- राहुल!
मैंने कहा- हां…
वो बोली- जल्दी से इधर आ… और साफ़ कर.
मैंने कहा- टॉवल ले आऊं?
वो बोली- साले टॉवल से नहीं.
“तो फिर कैसे साफ़ करूँ?”

वो बोली- फिर ऐसे कर कि अपनी जीभ बाहर निकाल और जितनी मेरी चूत में लंड की मलाई निकली है, सब साफ़ कर दे.
मैं बोला- जो बोला था, वो सब कर दिया था, अब ये नहीं हो पाएगा.
वो बोली- होगा… जरूर होगा, चल जल्दी कर भोसड़ी के… तू है ही इस लायक साले जल्दी आ.
मैं बोला- प्लीज छोड़ दो यार!
वो बोली- मैं तेरी यार नहीं हूँ… समझा! जल्दी आ… नहीं आया ना तो याद करेगा… ऐसी गांड मारूंगी तेरी कि जिन्दगी भर याद रखेगा… चल जल्दी आ.
विवेक बोला- भोसड़ी के बहरा है क्या… क्या नाटक है? साले गांड पे लात खा के ही मानेगा… जल्दी कर, जैसा मैडम ने कहा.

मरता क्या न करता… मैं कामिनी के पास गया और उसकी चूत से विवेक का माल निकल रहा था, पिचकारी भी उसने लम्बी वाली छोड़ी थी. मैंने जैसे ही चुत पर जीभ फेरी, वैसे ही गन्दा सा कसैले से स्वाद के मारे मेरा दिमाग झनझना गया.

कामिनी ने पूरी ताकत से पीछे से मेरे बाल पकड़ लिए और बोली- जल्दी कर साले चादर गन्दी हो जाएगी, जल्दी जीभ निकाल कुत्ते की तरह… जो तू है भी… और चाट जल्दी.

मैं जितना साफ़ करता, विवेक के लंड की मलाई फिर बाहर आ जाती, मैंने कहा- ये तो निकलती ही जा रही है.
वो बोली- बहनचोद भड़ुए… असली मर्द जब पिचकारी छोड़ते हैं, तो चूत से बहती रहती है. तेरे जैसे नामर्द छोड़ते हैं तो चूत गीली भी नहीं होती.
मैं उसकी भाषा से आहत होने लगा था.

वो जोर जोर से बाजारू रांड की तरह हंसते हुए बोली- जल्दी जल्दी चाट… जब तक अपनी चूत चुसवा चुसवा के… चटवा चटवा के साफ़ ना करवा लूँ… साफ न करवा लूँ, तुझे छोडूंगी नहीं.
मैं मज़बूरी में मेरी बीवी की चुत चाट कर साफ़ करता रहा.

जब उसकी गंदी चुत साफ़ हो गई, तब जाकर उसको सुकून आया. जब वो चूत चटवा चुकी तो नंगी ही विवेक के ऊपर एक टांग रख के चिपक गई और बोली- चल दफा हो जा इधर से… अब हम दोनों को सोने दे.

मैंने कमरे से बाहर आकर इतनी बार माउथवाश से गरारे किए, पर साला अजीब सा स्वाद जा ही नहीं रहा था.
मैं बुरी तरह थक चुका था इसलिए सोने चला गया. आज लंड हिलाने तक का मन नहीं हुआ था.
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11-07-2018, 04:01 PM
Mast he bhai

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27-07-2018, 09:21 PM
maind blowing marwal super dupar hotty
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Send updets auntu
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