लड़की : एक पैकेट कांडोम का देना.. दुकानदार : कौन सी कंपनी का दुं “बहनजी” लड़की : अच्छा वाला देना, जिस से तेरी “बहन”
की ईज्जत बनी रहे, मजा पुरा आये और तु
मामा भी ना बने..
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खरगोश बम लेकर चिड़ियाघर में घुस गया,
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और जोर से चिल्लाया, तुम सबके पास यहां से
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निकलने के लिए केवल "एक मिनट" का टाइम
है।
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उसकी बात सुनकर कछुआ बोला,
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.वाह रे मादरचोद।
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सीधे बोल न कि मैं ही टारगेट हूं।
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बचपन की हार का बदला लेने आया है तेरी बहन का भोसड़ा।।
लड़की- डॉटेड कंडोम दीजिये
दुकानदार ने दे दिया
लड़की- इससे ज्यादा बड़े डॉट्स वाला कंडोम दीजिये।
दुकानदार ने दे दिया
लड़की- भईया इससे बड़े डॉट्स वाला कंडोम भी आता है क्या?
दुकानदार- मैडम आप भुट्टा यूज़ कर लो, अभी सीजन भी है।
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लल्लू को एक पागलखाने में चौकीदार की नौकरी मिलती है। कार्यभार संभालने से पहले, पागलखाने का डॉक्टर उसे पागलों को देख आने के लिए कहता है, ताकि लल्लू समझ सके, कि उसे किस प्रकार के पागलों की चौकीदारी करनी है।
लल्लू एक के बाद एक पागलों से मिलता जाता है। यकायक एक पागल उससे सिगरेट और माचिस मांगता है। लल्लू उसे अपनी जेब से सिगरेट का पैकेट और माचिस निकाल कर देता है। पागल पैकेट से सारी सिगरेटें निकाल कर उन्हें अपने सिर के ऊपर रख लेता है फिर उन्हें एक एक कर जलाता जाता है। अंत में जब उसके सिर पर रखी सारी सिगरेटें सुलग उठती हैं, तो पागल अपना लौड़ा निकाल कर लल्लू से कहता है, "ये ऊपर रही आग और तंबाकू, और नीचे पाइप, अब ले हुक्का पी"
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मनप्रीत सिंह अपने तोते के साथ विमान में सफ़र कर रहा होता है। उसका तोता बड़ा चालू और मादरचोद था। उसे लोगों की गाँड़ में अंगुली करने में मज़ा आता था। मनप्रीत और अन्य सभी यात्रियों की सीट के ऊपर एक बटन था, जिसे दबाने पर एअर-होस्टेस पूछती थी कि यात्री को क्या चाहिए। अब तोता ठहरा अव्वल दर्जे का मादरचोद, सो उसने घंटी बजा दी। अब घंटी के बजने की देर थी, कि एअर-होस्टेस तत्काल वहाँ आ पहुँची, और तोते से पूछने लगी, "बताइए तोते जी, मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ?"। तोते ने कहा, "बहन की लौड़ी, मैं तो यहाँ बैठकर अपनी माँ चुदा रहा हूँ, तू क्या कर सकती है"। तोता यही हरकत बार-बार दोहराता, एअर-होस्टेस आती और तोता उसे यही जवाब देता। मनप्रीत सिंह सोचता है कि तोता तो बड़ा हरामी है, अकेले-अकेले मज़े ले रहा है। अब मनप्रीत का भी मन होता है कि वह तोते के जैसा करे, इसलिए वह भी तोते की नक़ल करता है। मनप्रीत घंटी बजाता है, और एअर-होस्टेस आ धमकती है और मनप्रीत से पूछती है, "सरदारजी. बताइए मैं आपकी क्या सेवा कर सकती हूँ?" मनप्रीत कहता है, "बहन की लौड़ी, मैं तो यहाँ बैठकर अपनी माँ चुदा रहा हूँ, तू क्या कर सकती है"। अब एअर-होस्टेस की गाँड़ ग़ुस्से से गर्म हो जाती है। वह सीधे पायलट से शिकायत करती है, कि, सरदार ने उसके साथ बदतमीज़ी की। पायलट तो पहले ही एयर-होस्टेस की गाँड़ का दीवाना था, इसलिए उसे भी ग़ुस्सा आ जाता है, और वह मनप्रीत सिंह को उसके तोते समेत विमान से नीचे फेंक देता है। अब तोता तो उड़ने लगता है, और मनप्रीत नीचे गिरने लगता है।
मनप्रीत कहता है, "बचाओ बचाओ, मैं नीचे गिर रहा हूँ"
तोता, "क्यों बे लौड़े, उड़ना आता है?"
मनप्रीत, "नहीं!"
तोता, "तो ऊपर प्लेन में बैठकर अपनी माँ क्यों चुदा रहा था"
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