22-06-2014, 07:55 PM
My wife's best friend
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22-06-2014, 07:56 PM
मैं एक शादी शुदा आदमी हूँ और मेरे पत्नी का नाम सरला है I हमारी शादी
लगभग पांच शाल पहले हुई थी, और मे अपनी शादी शुदा जिंदगी मे बोहोत खुस हूँ I मेरी पत्नी मेरे हर तरफ से बोहोत ध्यान रखती है, जेसे वोह मेरी पत्नी नहि मेरी दोस्त है I लेकिन जब सेक्स का सवाल आता है तो मेरे पास अक्सर कोई जवाब नहि होता और मे ये कहने पे मजबूर हूँ की सेक्स के बारेमे मेरी पत्नी बोहोत बोहोत पीछे है I लेकिन फिरभी मेरी पत्नी मेरी बेस्ट फ्रेंड है I एक दिन उसे पता चला उसकी एक स्कूल फ्रेंड ऋतू के पति एक साल पहले गुजर गये है और उसने कोसिस की अपने ससुराल वालो के साथ रहने की I लेकिन उसके शाशुरल वाले इतने अच्छे लोग नहि थे, वोह लोग नहि चाहते थे ऋतू उसकी ससुराल मे रहे I जब ऋतू को और कोई रास्ता नहि दिखा तो ऋतू सरला के साथ फोन पे बात की और फोन पे ही रोने लगी और अपने बुरे हाल बयां करने लगी I सरला मुझसे पूछने लगी की, क्या हम ऋतू को कुछ दिन अपने साथ रख शकते है I जब उसे कोई नौकरी मिलजाएगी तो वोह चले जाएगी I मुझे कोई परेशानी नहि थी ऋतू को अपने घरपे रखने मे, सो मेने हाँ कह दिया I एकदिन सुबह सरला मुझसे कहने लगी स्टेसन जाने के लिये I उसी दिन ऋतू आने वाली थी I मे स्टेसन गया और उसे अपने साथ ले आया अपने घर I ऋतू मुझे पहले से ही पहचानती थी, जबसे मेरी सरला से शादी हुइ है तबसे I बल्कि वोह अपने पति के साथ कई बार हमारी घर भी आ चुकी है I लेकिन इस बार नज़ारा कुछ अलग था I मेरी पत्नी ऋतू से मिलने के लिये बेचेन थी I ऋतू के घर आते ही दोनों ने गप्पे मरना शुरू करदिया I मे नहा धो के अपने ऑफिस के लिये रवाना हो गया I सब कुछ ठीक ठीक चल रहा था, और एक हप्ता बीत चूका था I इतने मे मेरे ससुराल से फोन आया अचानक मेरे ससुर जी को दिल का दौरा आया और वोह हॉस्पिटल मे एडमिट हो गये I मेने सरला को बताया और वो अपने बैग तैयार कर बेठी अपने मैके जाने के लिये I मेने भी अपना बेग पेक करना शुरू किया सरला के साथ जाने के लिये I लेकिन सरला मुझे मना कर दिया , उसे ऋतू की फिकर थी I क्यूँ की ऋतू इस सहर मे बिलकुल अकेली हो जाये गी और उसे पता भी नहि है अनजाने मेट्रो सिटी मे केसे जिंदगी बितायी जाती है I सरला ने मुझे कहा पहले वो जाएगी अपने मैके और फिर मुझे बतायेगी I अगर वेसे कोई बात हुइ तो फिर मैं बादमे पोहोच जाऊंगा I मैं सरला को स्टेसन तक पोह्चाकर आया I उसे स्टेसन पोह्चाके घर लोटते लोटते मुझे चार बज गये थे I मेरे मुह हाथ धो के बैठते ही ऋतू मेरे लिये कोफ़ी ले आई I मैं उसे अक्सर अपने कमरे में ही बैठे देखता था तो I मुझे लगा वोह अकेले बोहोत परेशान होती होगी इसलिए मेने उसे बाहर जाने के लिये पूछा और वो तैयार हो गयी I हम बाहर शोपिंग मोल मे घुमने गये I वोह इतना उदाश थी की उसे कुछ अच्छा नहि लग रहा था, फिर मेने उसे जबरदस्ती एक शाड़ी दिलाई I फिर हम रेस्टुरेंट गये खाना खाने, खाने के बाद मेने उससे पूछा वोह कहीं घूमना जाना चाहती है क़ि नहि I उसने कहा वोह बोहोत थक गयी है I फिर मेने थोडा चलने को कहा और वोह मान गयी I हम दोनों साथ साथ चलने लगे I अब वोह थोडा अच्छा महशुश कर रही थी, और फिन उसने मुझे अपनी ससुराल की कहानिया शुनाने लगी I उसकी ससुराल वाले ने उशे बोहोत परेशान किया था , बोहोत जुल्म ढाये थे उसपे I फिर उसने कहा वो हम लोगो के साथ बोहोत अच्छा मेह्सुश कर रही है और वोह हमारी करजदार रहे गी I मे वंहा पे रुक गया और उसे दिलासा देने के लिये उसका हाथ पकड़ लिया, पर उसके चेहरा देखकर मुझे ये मेह्सुश हुया क़ि उसे ये बात पसंद नहि आई I इसलिए फिर मैं उसका हाथ छोड़ कर कहने लगा, ये आपके लिये हमारा प्यार है, इसे आप कर्जा ना समझे, और आप जबतक चाहे हमारे घर मे हमारे साथ रह सकती हैं I ये शुनकर ऋतू बोहोत ही जज्बाती हो गयी और इसलिए मैं इस परिस्थिति को बदलने के लिये आइस क्रीम लेने गया I और हम दोनों आइस क्रीम खाते खाते अपने गाड़ी के तरफ चलने लगे घर जाने के लिये I
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