29-03-2018, 01:32 AM
(This post was last modified: 30-03-2018, 03:35 PM by King Of All.)
आज मै स्कूल गया लेकिन किसी कारन छुट्टी हो गई और मै वापस घर पे आने लगा .........और दोपहर के करीब १२ बज रहे थे .....और मै सोचा की माँ आराम कर रही होगी और मेरे बैग में घर की एक चाभी पड़ी थी मै चुपके से घर में घुस गया और अपने रूम में चला गया .............और माँ को नहीं पता था की मै घर पे हु ..........और माँ आपको बता दू की मेरे घर के ऊपर फ्लोर पे एक अंकल किराये पे रहते है जिसकी सीढ़ी घर के अंदर ही है और मैंने देखा की अंकल सीढ़ी से उतर के सीधा माँ के बेड रूम की तरफ जाने लगे तभी मुझे कुछ शक हुआ की अंकल माँ के बेड रूम की तरफ क्यों जा रहे है ........और मै चुपके से माँ के बेड रूम की तरफ देखा तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया मैंने देखा की अंकल माँ के ब्लाउज़ के ऊपर से माँ के बूब्स को दबा रहे है और माँ के चुतर से अपने लुंड को घिस रहे है मुझे ये सब देख के गुस्सा लगी फिर मुझे लगा की मेरा लण्ड भी पैंट के अंदर टाइट हो रहा है और मै चुप के देखने लगा..........
माँ:- अरे भाई साहब कोई आजायेगा छोड़िये न आआआअह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- अरे मेरी जानेमन किए छोड़ू तुमने तो मुझे अपना गुलाम बना लिए है दोपहर को ही तो मौका मिलता है
माँ:- AAAAAAAAAAAHHHHHH धीरे से दबाओ न गुलाम तो तुम्हारे लण्ड ने बनाया है........ ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम
मै माँ के मुँह से ये सब बातें सुन के हैरान था ..........
माँ:- AAAAAAAAAAHHHHH भाई साहब अभी कल ही दोपहर में इतनी जल्दी बेताबी बढ़ गई
अंकल:- अरे मेरी जान मेरा बस चले तो तुम्हारे आस पास ही रहू दिन रत लेकिन ......
माँ:- अच्छा तुम्हारी बीवी मइके से आजाये फिर देखती हु कैसे मेरे पास आते हो .........
अंकल :- तभी तो दिक्कत है वरना तुम्हारी चूत के रस को दिन रत पिता रहू ......आआआहहह
अब अंकल माँ के ब्लाउज़ के बटन को खोलने लगे ......
माँ:- आआअह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल :- मुझे कैसे शर्म मेरी जान तुम तो ऐसे शर्माती हो जैसे की आज पहली मुलाकात है ......
और तभी मै समझ गया की कई दिनों का चक्कर है माँ और अंकल का .........
और अंकल ने माँ के साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और ब्लाउज़ को भी निकलने लगा और माँ अब ब्रा में थी और मै भी माँ को पहली बार ब्रा में देखा था और मैंने देखा की अंकल माँ के चूची को दबा दबा के चुम रहे है ब्रा में माँ की चूचियां क्या चमक रही थी और दोनों चूची के बीचे का कट क्या मस्त लग रहा था ये सब देख के मेरे लण्ड से तो पानी
माँ:- अरे भाई साहब कोई आजायेगा छोड़िये न आआआअह्हह्ह्ह्ह
अंकल:- अरे मेरी जानेमन किए छोड़ू तुमने तो मुझे अपना गुलाम बना लिए है दोपहर को ही तो मौका मिलता है
माँ:- AAAAAAAAAAAHHHHHH धीरे से दबाओ न गुलाम तो तुम्हारे लण्ड ने बनाया है........ ह्ह्ह्हम्मम्मम्मम्मम
मै माँ के मुँह से ये सब बातें सुन के हैरान था ..........
माँ:- AAAAAAAAAAHHHHH भाई साहब अभी कल ही दोपहर में इतनी जल्दी बेताबी बढ़ गई
अंकल:- अरे मेरी जान मेरा बस चले तो तुम्हारे आस पास ही रहू दिन रत लेकिन ......
माँ:- अच्छा तुम्हारी बीवी मइके से आजाये फिर देखती हु कैसे मेरे पास आते हो .........
अंकल :- तभी तो दिक्कत है वरना तुम्हारी चूत के रस को दिन रत पिता रहू ......आआआहहह
अब अंकल माँ के ब्लाउज़ के बटन को खोलने लगे ......
माँ:- आआअह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है ह्ह्हह्ह्ह्हम्मम्मम्म
अंकल :- मुझे कैसे शर्म मेरी जान तुम तो ऐसे शर्माती हो जैसे की आज पहली मुलाकात है ......
और तभी मै समझ गया की कई दिनों का चक्कर है माँ और अंकल का .........
और अंकल ने माँ के साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया और ब्लाउज़ को भी निकलने लगा और माँ अब ब्रा में थी और मै भी माँ को पहली बार ब्रा में देखा था और मैंने देखा की अंकल माँ के चूची को दबा दबा के चुम रहे है ब्रा में माँ की चूचियां क्या चमक रही थी और दोनों चूची के बीचे का कट क्या मस्त लग रहा था ये सब देख के मेरे लण्ड से तो पानी